आखिरकार सत्तारूढ़ दल जदयू के चक्रव्यूह के घेरे में ले लिए गए बायसी के राजद विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद
बायसी के राजद विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद को सत्तारूढ़ जदयू और भाजपा के राजनीतिक षड्यंत्र में घेरने की कोशिश की जा रही है। उनके खिलाफ एक झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने जदयू के बायसी प्रखंड उपाध्यक्ष को बंदी बनाकर उन पर अत्याचार किया। विधायक ने इन आरोपों को पूरी तरह गलत बताया और अपने बचाव में सीसीटीवी फुटेज पेश की, साथ ही डीएम और एसपी से निष्पक्ष जांच की मांग की। यह मामला आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उठाया गया है, जिससे उनकी छवि खराब की जा सके। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यह विपक्षी दलों को कमजोर करने की साजिश है। सोशल मीडिया पर भी यह मामला तेजी से वायरल हो रहा है। जनता विधायक के समर्थन में खड़ी है और दुष्प्रचार करने वालों को चुनाव में जवाब देने के लिए तैयार है। अब देखना होगा कि विधायक इस राजनीतिक चक्रव्यूह को कैसे तोड़ते हैं।

सीमांचल (अशोक कुमार)
पूर्णिया जिले के बायसी विधान सभा क्षेत्र के राजद विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद ने अपने खिलाफ थाने में दर्ज हुए मामले को झूठा साबित करने के क्रम में घटनास्थल की सी सी टी वी फूटेज को प्रस्तुत किया है और पूर्णिया जिले के डी एम और एस पी से गुहार लगाया है कि वे वास्तविक जांच की कार्रवाई करते हुए उनकी जनता के बीच उनकी छवि को दूध का दूध और पानी का पानी के रूप में प्रस्तुत करने की कृपा करें।
बायसी के राजद विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद का मानना है कि सीमांचल के विधान सभा क्षेत्रों में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर शुरू की गई विपक्षी दलों की धुंआधार राजनीतिक गतिविधियों में खलल डालने के लिए बिहार की सत्तारूढ़ दलों जदयू और भाजपा के नेताओं के द्वारा विपक्षी दलों के नेताओं कार्यकर्ताओं और सिटिंग जनप्रतिनिधियों को फंसाने और जनता के बीच बदनाम कराने की जो नई राजनीति शुरू हुई है, उसके तहत सत्तारूढ़ दलों द्वारा सबसे पहले किशनगंज संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाले पूर्णिया जिले के बायसी विधान सभा क्षेत्र के सिटिंग राजद विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद को ही निशाने पर लिया गया है और उन पर आरोप लगाते हुए थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है कि उन्होंने अपने गृह क्षेत्र बैरिया गांव निवासी सत्तारूढ़ जदयू पार्टी के बायसी प्रखंड कमिटी के प्रखंड उपाध्यक्ष को अपने मार्केट कॉम्प्लेक्स के एक कमरे में बन्द करके लोहे के रॉड से मार कर न सिर्फ उनके पैर की हड्डियां तोड़ दी वल्कि उक्त जदयू प्रखंड उपाध्यक्ष को पेशाब भी पिलाया।
आगामी विधानसभा चुनाव की चुनावी राजनीति की सुगबुगाहट की शुरूआत के बीच इस प्रकरण के सोशल मीडिया पर धुंआधार बायरल होने से न सिर्फ बायसी विधान सभा क्षेत्र या पूर्णिया जिले में इस घटना की राजनीतिक चर्चा जोरों से चल पड़ी है , वल्कि , इस घटना को लेकर किशनगंज संसदीय क्षेत्र स्थित राजद के सिटिंग विधायक वाले विधान सभा क्षेत्रों में भी इस मामले को जन जन तक पहुंचाने का प्रयास शुरू कर दिया गया है।
चर्चा होने लगी है कि सीमांचल में नीतीश कुमार के साथ कदम से कदम मिलाकर जदयू को स्थापित कराने में बुरी तरह से बीमार हो कर अपनी जान गंवा देने वाले स्वर्गीय जदयू नेता सैयद महमूद अशरफ के परिवार से जुड़े बायसी विधान सभा क्षेत्र के सिटिंग राजद विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद अपने गृह ग्राम बैरिया के ही निवासी एक जदयू प्रखंड उपाध्यक्ष के साथ ऐसी नापाक हरकत कैसे कर सकते हैं। कुछ लोग सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के उद्देश्य से एक ऐसे व्यक्ति को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, जो हमेशा बायसी की जनता के हक में खड़ा रहता है। लेकिन ये लोग यह नहीं समझते कि दूसरों पर कीचड़ उछालने से अंततः उनके अपने चेहरे पर ही दाग लगेगा। माननीय विधायक राजद विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद के खिलाफ दुष्प्रचार करने वाले ये चुनावी मौसम के मेंढक सिर्फ अफवाहें फैलाने और जनता को भ्रमित करने में लगे हैं। मगर, जैसा कहा जाता है—"हाथी अपनी राह चलता है, भौंकने वाले कुत्ते पीछे रह जाते हैं।" बायसी की जनता सब कुछ देख रही है और सच से अच्छी तरह वाकिफ है। विधायक जनता के दिलों में बसते हैं, और ऐसे नकारात्मक प्रचार करने वालों को जनता अपने तरीके से जवाब देना जानती है।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि बायसी विधान सभा क्षेत्र के राजद विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद के खिलाफ में एक जुट हुए सत्तारूढ़ जदयू और भाजपा के नेताओं ने इस मामले को सुनियोजित तरीके से हाईलाइट करा दिया है जिसके पीछे एक ही कारण सिटिंग विधायक रूकनुद्दीन की राजनीति को बदनाम करना और अगले विधान सभा आम चुनाव में विधायक के जनाधार और चुनावी टिकट को प्रभावित करना है।
बहरहाल , अब देखने वाली बात यह होगी कि बायसी विधान सभा क्षेत्र के सिटिंग राजद विधायक सैयद रूकनुद्दीन अपने खिलाफ स्थापित चक्रव्यूह को तोड़कर स्वयं को किस तरह से आजाद कर पाते हैं।