"पूर्णिया सांसद पप्पू यादव: मतभेद जायज, मनभेद गलत"

अपने बलबूते निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्णिया संसदीय क्षेत्र से 2024 के चुनाव में विजयी हुए राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने जीत का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि राजनीति में मतभेद स्वाभाविक और स्वीकार्य हैं, लेकिन मनभेद पूरी तरह से अनुचित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मनभेद होने से केवल नुकसान होते हैं और कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलता।

"पूर्णिया सांसद पप्पू यादव: मतभेद जायज, मनभेद गलत"

सीमांचल  ( विशाल / पिंटू )

अपनी एक अकेली ताकत के बूते निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्णिया संसदीय क्षेत्र से 2024 के संसदीय चुनाव में ताल ठोक कर सांसद निर्वाचित हुए राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने जीत का प्रमाण पत्र हासिल करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए एक ओर जहां राजनीति में मतभेदों को जायज ठहराया वहीं दूसरी ओर मनभेद को बिल्कुल गलत करार देते हुए कहा कि मनभेद होने से नुकसानों के सिवा अन्य कोई लाभ की गुंजाइश ही नहीं रह पाती है।

इन पंक्तियों को मीडिया से बातचीत करते हुए दोहराते हुए नवनिर्वाचित पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि ऐन चुनाव के वक्त उनके साथ मनभेद की रणनीति अपनाने वाली राजद को सीमांचल से कोशी तक की अररिया , मधेपुरा , सुपौल , खगड़िया सहित कई संसदीय सीटों से हाथ धोने की नौबत उठानी पड़ी जबकि उनके सहयोग से कांग्रेस को सीमांचल की किशनगंज के साथ साथ कटिहार की संसदीय सीट पर भी जीत का परचम लहराने का लाभ मिला।

अपने अब तक के राजनीतिक जीवन में इस बार की जीत को लेकर छठी बार निर्वाचित हुए निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि पूर्णिया की संसदीय सीट पर उनकी शिकस्ती को तय कराने की कोशिश में देश से राज्य तक के सारे बड़े बड़े नेताओं ने जोर लगाए थे और किसी नेता ने उक्त कोशिश को सफलीभुत कराने की दिशा में दो दिनों की कैंपिंग पूर्णिया में की थी तो किसी ने चार चार दिनों की कैंपिंग की और सबसे बड़ी बात यह कि मेरी शिकस्ती के लिए नेता ने खुले तौर पर एनडीए को ही वोट डालने का ऐलान तक जनता के बीच कर दिया था लेकिन हमारी पूर्णिया की जनता उनकी एक भी नहीं सूनी।

और उल्टे जनता ने उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को कई सीटों से धूल चटाने का काम कर दिया।

उन्होंने कहा कि जिस नेता ने उनको नुकसान में डालने के लिए इस तरह का मनभेद उजागर किया उस नेता को ही भारी नुकसान उठाना पड़ा है और अगर ऐसी हरकत उनके साथ चुनावी वक्त में नहीं की जाती और उन्हें मेरा साथ मिलता तो निःसंदेह उनकी ताकत का इतना तो इजाफा हो ही जाता कि यूपी की तरह बिहार की संख्याबल का सहारा भी इंडिया गठबंधन की सरकार बनाने में सफलता पूर्वक मिल जाता।

बहरहाल , नव निर्वाचित निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने खुले तौर पर देश में इण्डिया गठबंधन की सरकार स्थापित करने की जरूरत बताई है और इस क्रम में उन्होंने भावी प्रधानमंत्री से आग्रह भी किया है कि देश में धर्म और जात पात व नफरत की राजनीति की जगह शांति और सद्भाव की राजनीति को स्थापित कर जनता को सुकून पहुंचाने का प्रयास प्रारंभ किया जाए।