पूर्णिया किशनगंज अररिया की विधान परिषद की सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार के नाम की घोषणा बांकीं रहने से कांग्रेस महकमे में बेचैनी

स्थानीय निकाय क्षेत्र के त्रिस्तरीय बिहार विधान परिषद के लिये होने वाले आम चुनाव की तैयारी को तभी से पंख लग गए हैं जबसे भाजपा और राजद के द्वारा अपने अपने उम्मीदवार के नाम घोषित कर दिये गए हैं।

पूर्णिया किशनगंज अररिया की विधान परिषद की सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार के नाम की घोषणा बांकीं रहने से कांग्रेस महकमे में बेचैनी
  • भाजपा की ओर से घोषित हैं सीटिंग विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल
  • राजद ने उतारा है बायसी के पूर्व विधायक हाजी अब्दुस सुबहान को
  • कांग्रेस के परफेक्ट उम्मीदवार के रूप में सतीश कुमार साह के नाम पर कांग्रेस कर रही है विचार
  • जबकि दूसरी ओर एमआइएम ने भी उम्मीदवार उतारने की घोषणा के बाद से लगा रखी है चुप्पी

सीमांचल (विशाल/पिन्टू/विकास)

स्थानीय निकाय क्षेत्र के त्रिस्तरीय बिहार विधान परिषद के लिये होने वाले आम चुनाव की तैयारी को तभी से पंख लग गए हैं जबसे भाजपा और राजद के द्वारा अपने अपने उम्मीदवार के नाम घोषित कर दिये गए हैं।

समझा जाता रहा था कि राजद के द्वारा घोषित उम्मीदवार ही कांग्रेस राजद महागठबंधन के अंतर्गत कांग्रेस की ओर से भी समर्थित उम्मीदवार होंगे।

लेकिन , ऐसा कोई परिदृश्य सामने नहीं आ पाया है और कांग्रेस ने भी अपनी ओर से उम्मीदवार उतारने की घोषणा करते हुए बिहार भर के चौबीसों सीटों में से अबतक 23 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

सिर्फ एक ही सीट सीमांचल के पूर्णिया किशनगंज अररिया सीट पर उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस अभी तक विचार मंथन में लगी हुई है और अबतक यानि समाचार लिखे जाने तक कांग्रेस की ओर से इस सीट पर किसी कांग्रेसी उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की जा सकी है।

कांग्रेस हो या राजद हो , इस बार दोनो ही दलों में इस सीट के सीटिंग भाजपा विधानपार्षद डॉ दिलीप जायसवाल से इस सीट को छीनने की होड़ लगी हुई है।

लेकिन , इस तीन जिले की बहुत बड़ी विधानपरिषद सीट से कांग्रेस और राजद अलग अलग लड़कर भाजपा को कैसे मात देने में सफल होगी , यह सवाल सम्पूर्ण सीमांचल में तैरने लगे हैं।

सीमांचल को बिहार राज्य के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल इलाकों में जाना जाता है और इसी कारण इस क्षेत्र के पूर्णिया किशनगंज अररिया के जिलों से स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र के जो भी जनप्रतिनिधिगण चुनकर आये हैं उनमें मुस्लिम जनप्रतिनिधियों की संख्या बहुतायत है।

ऐसी स्थिति में जाहिर सी बात है कि इस सीट को कांग्रेस या राजद की झोली में शुमार रहना था लेकिन , जबसे इस चुनावी प्रक्रिया का जन्म हुआ है तबसे ही इस सीट पर भाजपा काबिज होती चली आ रही है।

जिसका स्पष्ट कारण भाजपा के उम्मीदवार के रूप में इस सीट से पिछले दो टर्म से जीतने वाले विधानपार्षद डॉ दिलीप जायसवाल का व्यक्तिगत व्यक्तित्व है जो इन तीनों जिले के निकाय प्रतिनिधियों को पसंद रहे हैं।

उनकी काट करने वाले ऐसे किसी भी उम्मीदवार को पहले कभी न तो राजद ने इस सीट से उतारा और न ही कांग्रेस ने।

कहा जा सकता है कि पिछले दोनो बार के विधानपरिषदों के चुनावों में राजद कांग्रेस ने उम्मीदवार उतारने की फॉर्मलिटी मात्र ही पूरी की थीं , जिस कारण दोनों बार से भाजपा के ही डॉ दिलीप जायसवाल विधानपार्षद निर्वाचित होते आये हैं और इस बार वह तीसरी जीत हांसिल कर अपनी जीत की हैट्रिक बनाने की तैयारी में हैं।

जबकि भाजपा और भाजपा के सीटिंग विधानपार्षद डॉ दिलीप जायसवाल के ऐसे मंसूबे पर पानी फिराने के लिए उत्सुक कांग्रेस किशनगंज में स्थापित कांग्रेस के वर्चस्व और पूर्णिया और अररिया में स्थापित पूर्व के जनाधारों के बूते इस बार पूरी तरह से आश्वस्त है कि वह अपने  कांग्रेस के उम्मीदवार की बदौलत इस बार हरहालत में भाजपा से सीट छीन लेगी।

सूत्रों के अनुसार , इस बाबत कांग्रेस की ओर से पूर्णिया ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण पूर्णिया प्रमंडल में कांग्रेस के लिये अतिपिछड़े की राजनीति करते रहने वाले प्रोफेसर सतीश कुमार साह को बतौर विधान परिषद उम्मीदवार उतारने की कोशिश में है।

कांग्रेस नेता सतीश साह के बारे में कांग्रेस के आलाकमान को पता है कि वह विधान परिषद के चुनाव लड़ने की सारी प्रक्रियाओं व चुनावी रणनीतियों से अवगत हैं और स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र के स्थापित त्रिस्तरीय जनप्रतिनिधियों में इस सीट पर उनके स्वजातीय अतिपिछड़ा वोटरों की संख्या भी अच्छी है और दूसरी ओर उनकी कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित रहने वाले जनप्रतिनिधियों की संख्या भी अच्छी खासी है और उसके अलावा सतीश साह के व्यक्तिगत चाहने वाले जनप्रतिनिधियों की भी कोई कमीं नहीं है।

सतीश साह की कांग्रेस से पक्की उम्मीदवारी के संदर्भ में दूसरा आधार यह भी सामने आ रहा है कि राजद ने किशनगंज संसदीय क्षेत्र के बायसी विधानसभा क्षेत्र के मुस्लिम समुदाय के पूर्व राजद विधायक सह पूर्व मंत्री हाजी अब्दुस सुबहान को बतौर उम्मीदवार उतार दिया है तो कांग्रेस अगर पूर्णिया संसदीय क्षेत्र के पूर्णिया मुख्यालय निवासी  हिंदू समाज के कांग्रेस नेता सतीश साह को उतारती है तो कांग्रेस के लिए इस चुनाव में परिणाम बेहतर मिल सकता है।

बहरहाल , सम्पूर्ण पूर्णिया किशनगंज अररिया की विधान परिषद की सीट के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार के नाम की घोषणा के इन्तेजार में लोगों की निगाहें प्रदेश कांग्रेस कमिटी की ओर टिकी हुई है।

विधान परिषद के भावी आम चुनाव के संदर्भ में सीमांचल में जारी चर्चाओं के अनुसार , सीमांचल की पूर्णिया किशनगंज अररिया की राजनीति में इनदिनों लगातार तैरती फिर रही एमआइएम ने भी अभीतक इस सीट से अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किये हैं , जबकि बताया जाता है कि पिछले दिनों एमआइएम ने भी बड़ी बयानबाजी करते हुए भाजपा के सीटिंग विधान पार्षद के खिलाफ आग उगलते हुए बिहार भर में अपने उम्मीदवार उतारने की सम्भावनाएं बतायी थीं।