बिहार चुनाव 2025: कांग्रेस नेता इंतेखाब आलम ने मुस्लिम उम्मीदवारों को उचित प्रतिनिधित्व की मांग की
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सदस्य इंतेखाब आलम ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुसलमानों को उचित प्रतिनिधित्व दिलाने की मांग को लेकर एक खुला पत्र जारी किया है। उन्होंने इमारत-ए-शरिया, जमीयत-उलेमा, जमाअत-ए-इस्लामी, मदरसों और विभिन्न ख़ानक़ाहों समेत प्रमुख मुस्लिम संस्थाओं को पत्र भेजकर राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने का आह्वान किया। आलम ने तर्क दिया कि बिहार के लगभग सात करोड़ मतदाताओं में करीब 20 प्रतिशत मुसलमान हैं, इसलिए आबादी के अनुपात में उन्हें लगभग 48 सीटों पर टिकट मिलना चाहिए। उनका कहना है कि यदि मुसलमान एकजुट होकर अपनी राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करें, तो समुदाय से जुड़े मुद्दों का प्रभावी समाधान संभव हो सकेगा। उन्होंने सभी धार्मिक और सामाजिक संगठनों से इस मांग का समर्थन करने और इसे मीडिया के माध्यम से उठाने की अपील की। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह कदम मौजूदा चुनावी माहौल में मुस्लिम प्रतिनिधित्व का मुद्दा और अधिक प्रासंगिक बना सकता है।

सीमांचल/पटना(विशाल/पिंटू/विकास)
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (ए आई सी सी) के सदस्य इन्तेखाब आलम ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुसलमानों के उचित प्रतिनिधित्व की मांग को लेकर सेक्युलर पार्टियों के लिए एक खुला पत्र जारी करते हुए राज्य की प्रमुख मुस्लिम संस्थाओं और ख़ानक़ाहों को संबोधित किया है।
जिसमें उन्होंने इमारत-ए-शरिया फुलवारी शरीफ, जमाअत-ए-इस्लामी, जमीअत-उलेमा, जमीअत-ए-अहले हदीस, अदारा-ए-शरिया, मदरसा इस्लामिया शम्सुल हुदा, ख़ानक़ाह मोज़िबिया, ख़ानक़ाह मोनामिया (मीतन घाट), ख़ानक़ाह मनेर शरीफ़, ख़ानक़ाह अहमदिया मंगल तालाब, ख़ानक़ाह अबुल आलिया शाह टोली दानापुर, ख़ानक़ाह दानापुर और ख़ानक़ाह शाह अरज़ान सहित दर्जनों धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं को आगामी विधानसभा चुनाव में उचित मुस्लिम उम्मीदवारी तय कराने के लिए राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने के लिए लिखा है।
पत्र में उन्होंने कहा है कि बिहार में आगामी चुनाव में लगभग सात करोड़ मतदाता वोट डालेंगे, जिनमें करीब 20 प्रतिशत यानी लगभग एक करोड़ चालीस लाख मुसलमान शामिल हैं। उन्होंने उक्त खुले पत्र में बताया है कि विधानसभा के सदन में मुसलमानों का उचित प्रतिनिधित्व होगा और एकजुट होकर अपनी आवाज उठाया जाएगा तो राज्य में मुस्लिमों से जुड़े मुद्दों का समाधान प्रभावी ढंग से सरकार द्वारा किया जा सकेगा।
खुले पत्र में उन्होंने कहा है कि आबादी के अनुपात में टिकटों का बंटवारा होने से मुसलमानों का प्रतिनिधित्व लगभग 48 सीटों पर सुनिश्चित होगा।
इसलिए सभी मुस्लिम संस्थाओं और पद पर बैठे जिम्मेदारों से उन्होंने अपील की है कि सभी के सभी इस मांग का समर्थन करें और इसे प्रिंट तथा सोशल मीडिया पर भी उठाएं।
उनका कहना है कि समुदाय की एकजुटता ही अब मुस्लिम समुदाय की राजनीतिक भागीदारी और अधिकारों की रक्षा की कुंजी है।
वर्तमान चुनावी माहौल के बीच कांग्रेस नेता इंतेखाब आलम द्वारा जारी उक्त खुले पत्र को लेकर राजनीतिक पर्यवेक्षकों का भी मानना है कि इस खुले पत्र से वर्तमान चुनावी माहौल के बीच मुस्लिम प्रतिनिधित्व का मुद्दा आकार ले सकता है।