वक्फ बोर्ड बिल को लेकर सीमांचल के क्षेत्रों में जदयू के अगले अस्तित्व को लेकर उठने लगे हैं सवाल

वक्फ बोर्ड बिल को लेकर सीमांचल क्षेत्र में व्यापक विरोध देखा जा रहा है, जिससे जदयू की राजनीतिक स्थिति कमजोर होती दिख रही है। पूर्णिया प्रमंडल के मुस्लिम बहुल जिलों में जदयू के नेताओं के इस्तीफे की संभावनाएं तेज हो गई हैं। मास्टर मुजाहिद आलम की नाराजगी और वापसी पर विशेष ध्यान है, जिनकी अगुवाई में जदयू से बड़े पैमाने पर इस्तीफे हो सकते हैं। कांग्रेस सांसद जावेद आजाद और असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ बिल के खिलाफ याचिकाएं दायर की हैं। यह विरोध सीमांचल की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है।

वक्फ बोर्ड बिल को लेकर सीमांचल के क्षेत्रों में जदयू के अगले अस्तित्व को लेकर उठने लगे हैं सवाल

सीमांचल  (अशोक/विशाल)

वक्फ बोर्ड बिल को लेकर यूं तो पूरे देश भर के मुसलमानों में आक्रोश और विरोध की चिंगारी सुलगना शुरू हो गई है। लेकिन , बिहार के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल क्षेत्र सीमांचल पूर्णिया प्रमंडल के चारो जिले पूर्णिया किशनगंज कटिहार और अररिया में स्थापित 24 विधान सभा क्षेत्रों में बिहार की सत्तारूढ़ जदयू के अस्तित्व को ही मिटाने की पुरजोर तैयारी जो शुरू हुई है उससे सीमांचल के चारो जिलों में बिहार की सत्तारूढ़ जदयू के आगामी भविष्य ही दाव पर लगती नजर आने लगी है।

वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में इन क्षेत्रों के समस्त मुस्लिम समाज के साथ दूसरी सेक्युलर जनता भी गोलबंद होने लगी है।

खबर है कि सीमांचल के उपरोक्त चारो जिलों के मुस्लिम जदयू नेतागण जदयू से इस्तीफा देने की श्रृंखला बांधना शुरू कर दिए हैं और उक्त श्रृंखला को आगे परवान चढ़ाने के लिए मुस्लिम जदयू नेतागण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद दुलरुआ के रूप में चर्चित रहे किशनगंज जिला जदयू के जिलाध्यक्ष मास्टर मुजाहिद आलम के पटना से वापिस लौटने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।

चर्चा है कि उनके किशनगंज पहुंचने के बाद जदयू का पूरा सूपड़ा ही किशनगंज संसदीय क्षेत्र से साफ़ कर दिया जा सकता है।

वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में जारी हुई जदयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम की पुरजोर नाराजगी की वीडियो के वायरल होने के बाद से इस आशंका को बल मिलता दिखाई दे रहा है।

सीमांचल में 24 विधान सभा क्षेत्र और चार लोक सभा क्षेत्र के साथ साथ बिहार विधान परिषद के स्थानीय निकाय प्राधिकार वाले दो विधान परिषद क्षेत्र भी स्थापित हैं।

वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में पनपी नाराजगी के कारण अंदेशा बन गया है कि बिहार में होने वाले अगले बिहार विधानसभा आम चुनाव के दौरान सीमांचल भर के मुस्लिम जदयू नेताओं के द्वारा जदयू से मुंह मोड़ लिए जाने की संभावना है।

क्योंकि , बिल को लेकर जदयू से इस्तीफे की पुरजोर पेशकश भी अभी से ही जारी हो गई है।

चर्चा है कि जिन जदयू नेताओं ने अगला विधान सभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रखा है वे इस सीमांचल में जदयू से इस्तीफा दिए विना चुनाव मैदान में कूदने की साहस अबकी बार तब तक नहीं जुटा सकते हैं।जब तक वे नेतागण जदयू से नाता नहीं तोड़ लेते हैं।

खबरों के अनुसार , इस क्रम में सीमांचल वासियों के द्वारा जदयू के पूर्व विधायक सह किशनगंज जिला जदयू के जिलाध्यक्ष मास्टर मुजाहिद आलम के पटना से वापिस किशनगंज लौटने का इंतजार बड़ी बेसब्री से किया जा रहा है और संभावना जताई जा रही है कि सीमांचल भर में पहली बार सीमांचल के सभी 24 विधान सभा क्षेत्रों का जदयू  से नाता तोड़ने का नया इतिहास रचा जा सकता है ।

बहरहाल , ताजा तरीन खबरें अब यह है कि किशनगंज के कांग्रेस सांसद डॉ जावेद आजाद ने वक्फ बोर्ड बिल को रूकवाने के लिए देश भर में सबसे पहला रिट याचिका दायर कर दिया है और उसके बाद एमआईएम के सुप्रीमों सह हैदराबादी सांसद असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा भी उसी तरह की दूसरी रिट याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर कराई गई है।

खबर है कि कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेताओं के द्वारा भी इस तरह की याचिकाएं दायर करने का सिलसिला शुरू हो गया है।

सीमांचल के पूर्णिया जिले के बायसी विधान सभा क्षेत्र के पूर्व राजद विधायक हाजी अब्दुस सुब्हान ने एक वीडियो संदेश जारी करके किशनगंज के कांग्रेस सांसद डॉ जावेद आजाद के ऐतिहासिक पहले प्रयास की जमकर सराहना की है।