बैथलेहम में दूसरा उदास क्रिसमस: गाजा पर युद्ध के बीच संघर्ष और उम्मीद का संदेश

बैथलेहम में इस साल का क्रिसमस लगातार दूसरे वर्ष गहरा दुख और सन्नाटा लेकर आया, जहां गाजा पर इजरायली हमलों के चलते 45,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। मैनजर स्क्वायर, जो आमतौर पर क्रिसमस के अवसर पर रोशनी, संगीत और भीड़ से भरा रहता है, इस बार शांत और सुनसान था। धार्मिक नेताओं, जैसे फादर इस्सा थालजीह और मुनजर इसाक, ने गाजा के लोगों के लिए धैर्य, प्रार्थना, और संघर्ष का संदेश दिया। इसाक ने क्रिसमस को प्रतिरोध का प्रतीक बताते हुए कहा कि उनकी उपस्थिति इजरायली नीतियों के खिलाफ एक संदेश है। गाजा में ईसाई समुदाय, जो पहले से ही संख्या में कम था, अब अस्तित्व के संकट का सामना कर रहा है। कठिनाइयों के बावजूद, बैथलेहम और गाजा के लोग शांति, मानवता और अपनी पहचान बनाए रखने के लिए दृढ़ हैं। क्रिसमस उनके संघर्ष और उम्मीद का प्रतीक बना हुआ है।

बैथलेहम में दूसरा उदास क्रिसमस: गाजा पर युद्ध के बीच संघर्ष और उम्मीद का संदेश

फैसल सुल्तान

बैथलेहम, जिसे यीशु मसीह का जन्मस्थल माना जाता है, क्रिसमस के समय आमतौर पर दुनिया भर के ईसाई तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए एक जीवंत केंद्र होता है। चर्चों की घंटियों की आवाज, क्रिसमस कैरोल्स, जगमगाती रोशनी और सजावट, और मैनजर स्क्वायर की भीड़ इसे एक पवित्र और खुशी से भरे उत्सव का प्रतीक बनाती है।
हालांकि, इस साल लगातार दूसरे वर्ष, बैथलेहम में क्रिसमस का त्योहार एक गहरे दुख और सन्नाटे के बीच मनाया गया। इसका कारण गाजा पर जारी इजरायली सैन्य आक्रमण है, जिसने अब तक 45,000 से अधिक लोगों की जान ले ली है और वहां की ईसाई और इस्लामी विरासत पर गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है।

गाजा पर युद्ध और उसका प्रभाव
पिछले 15 महीनों से गाजापट्टी इजरायली सेना के भीषण हमलों का शिकार हो रही है। इस युद्ध ने न केवल हजारों निर्दोष लोगों की जान ली है, बल्कि उनके घरों, स्कूलों, अस्पतालों और बुनियादी ढांचे को भी पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।
गाजा में ईसाई समुदाय, जो पहले से ही संख्या में कम था, इस युद्ध के कारण लगभग समाप्ति की कगार पर है। केवल 1,000 से भी कम ईसाई अब गाजा में बचे हैं, और वे भी चर्चों में शरण लिए हुए हैं, जैसे होली फैमिली चर्च और सेंट पोरफिरीयस।
इस स्थिति ने न केवल गाजा के लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया है, बल्कि 2,000 साल पुरानी ईसाई विरासत को भी पूरी तरह से मिटा देने का खतरा पैदा कर दिया है।

बैथलेहम में उदास क्रिसमस का माहौल
बैथलेहम के मैनजर स्क्वायर, जो क्रिसमस के समय पर्यटकों और तीर्थयात्रियों से भरा रहता है, इस बार पूरी तरह सुनसान और शांत था।
ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च के फादर इस्सा थालजीह ने बताया कि हर साल स्काउट बैंड, कोरस गायन, सजावट और क्रिसमस ट्री जैसे आयोजन होते थे। लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
फादर थालजीह ने कहा, “इस साल क्रिसमस दुख और निराशा के माहौल में आया है। यह एक ऐसा समय है जब उत्सव की जगह शोक और संघर्ष का अनुभव किया जा रहा है।”

धार्मिक नेताओं का संदेश: धैर्य और प्रतिरोध
बैथलेहम के धार्मिक नेताओं ने गाजा के लोगों के प्रति अपनी सहानुभूति और समर्थन व्यक्त करते हुए धैर्य और प्रार्थना का संदेश दिया।
फादर थालजीह ने कहा कि बैथलेहम से गाजा के लिए संदेश "धैर्य, सहनशीलता, प्रार्थना, और आशा" का है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन कठिनाइयों के बावजूद, विश्वास और मानवता को बनाए रखना आवश्यक है।

मुनजर इसाक का प्रतिरोध का संदेश
बैथलेहम के एक ईसाई पादरी, मुनजर इसाक ने कहा कि इस साल क्रिसमस का त्योहार एक प्रतिरोध का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “हमारा क्रिसमस मनाना यह दिखाने का एक तरीका है कि हम यहां हैं और यहीं रहेंगे। इजरायल का उद्देश्य हमें विस्थापित करना है, लेकिन हम दृढ़ हैं कि हम कहीं नहीं जाएंगे।”
इसाक ने इस बात पर भी गुस्सा व्यक्त किया कि दुनिया गाजा में हो रहे इस मानवतावादी संकट के प्रति चुप है। उन्होंने कहा, “यह दुखद है कि दुनिया इस युद्ध को जारी रखने में अपनी चुप्पी और मिलीभगत दिखा रही है।”

गाजा में ईसाई विरासत का संकट
गाजा में पहले से ही कम संख्या में मौजूद ईसाई समुदाय पर यह युद्ध भारी पड़ा है। होली फैमिली चर्च और सेंट पोरफिरीयस जैसे चर्च अब न केवल प्रार्थना स्थल हैं, बल्कि शरणार्थियों के लिए एकमात्र सहारा भी हैं।
2,000 साल पुरानी यह ईसाई विरासत अब अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। यदि यह युद्ध जारी रहा, तो यह पूरी तरह से समाप्त हो सकती है।

उम्मीद और सह-अस्तित्व का महत्व
इन कठिन परिस्थितियों में भी, बैथलेहम के लोग और धार्मिक नेता दुनिया को उम्मीद और सह-अस्तित्व का संदेश दे रहे हैं। मुनजर इसाक ने कहा, “हमारा क्रिसमस मनाना यह दिखाता है कि हम शांति और मानवता में विश्वास रखते हैं। यह हमारा प्रतिरोध है और हमारी पहचान को बनाए रखने का तरीका है।”

निष्कर्ष
बैथलेहम का यह साल का क्रिसमस एक गहरे दुख और संघर्ष का प्रतीक है। गाजा के लोग, जो एक लंबे समय से युद्ध का सामना कर रहे हैं, अब भी उम्मीद और धैर्य का संदेश दे रहे हैं।
इस लेख के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि संघर्ष और दर्द के बावजूद, मानवता, विश्वास और शांति का महत्व सबसे ऊपर है। बैथलेहम और गाजा के लोग दुनिया को यह संदेश दे रहे हैं कि वे अपने अधिकारों, पहचान और अस्तित्व के लिए दृढ़ रहेंगे।