कसबा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम को कांग्रेस प्रत्याशी घोषित करने की मांग ने जोर पकड़ा

पूर्णिया जिले के कसबा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम को प्रत्याशी बनाने की मांग ज़ोर पकड़ रही है। जनता और कार्यकर्ताओं का कहना है कि मौजूदा विधायक आफाक आलम स्वास्थ्य कारणों से सक्रिय नहीं हैं और यदि उन्हें दोबारा टिकट दिया गया तो कांग्रेस को हार और जमानत जब्ती का सामना करना पड़ सकता है। समर्थक साफ चेतावनी दे रहे हैं कि शाहनवाज आलम को ही उम्मीदवार बनाया जाए, अन्यथा विरोध तय है। इसी तरह पूर्णिया सदर सीट पर भी स्थानीय जनता और कांग्रेस कार्यकर्ता धनबल व माफिया से जुड़े बाहरी उम्मीदवार का विरोध कर रहे हैं। अमौर में पूर्व विधायक जलील मस्तान की उम्मीदवारी से कांग्रेस को मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। उधर किशनगंज के ठाकुरगंज क्षेत्र में राजद समर्थक मौजूदा विधायक शऊद आलम को हटाकर लोकप्रिय नेता मुश्ताक आलम को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। सीमांचल क्षेत्र में टिकट चयन को लेकर कार्यकर्ताओं की नाराज़गी और जनता की सजगता कांग्रेस-राजद गठबंधन के लिए चुनौती बन गई है।

कसबा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम को कांग्रेस प्रत्याशी घोषित करने की मांग ने जोर पकड़ा

सीमांचल  (अशोक/विशाल)

पूर्णिया जिले के कसबा विधानसभा क्षेत्र की सीट से आम जनता की चाहत के अनुरूप बतौर कांग्रेस प्रत्याशी शाहनवाज आलम की मांग जोर पकड़ती जा रही है।

पूर्णिया जिले के कसबा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत के श्रीनगर प्रखंड के प्रखंड प्रमुख सह पूर्णिया जिला प्रमुख संघ के जिला अध्यक्ष शाहनवाज आलम को कसबा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित करने की मांग करते हुए क्षेत्र की जनता कहती है कि उनके सिटिंग कांग्रेस विधायक आफाक आलम अपनी बिगड़ती स्वास्थ्य के कारण जनता की सेवा नहीं कर पा रहे हैं और उनकी जगह पर पिछले पांच वर्षों से श्रीनगर प्रखंड के प्रखंड प्रमुख सह कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम ही जनता की देखभाल करते रहे हैं तो शाहनवाज आलम को ही इस बार के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित कर कांग्रेस की झोली में कसबा की सीट को बरकरार रखा जाय।

लोगों का साफ़ साफ़ कहना है कि अगर अस्वस्थ सिटिंग विधायक आफाक आलम को ही इस बार कसबा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के द्वारा उम्मीदवारी प्रदान की जाएगी तो संपूर्ण क्षेत्र की जनता उनके विरोध में मतदान करने को बाध्य हो जाएगी।

जनता एकटक कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम को ही बतौर कांग्रेस प्रत्याशी देखने के लिए व्याकुल है।

पूर्णिया जिले की कांग्रेस सिटिंग वाली कसबा विधानसभा क्षेत्र की सीट पर कांग्रेस के आलाकमान के द्वारा नक्कारा सिटिंग कांग्रेस विधायक आफाक आलम को ही फिर से कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित करने की हो रही कोशिशों का विरोध करने की तैयारी में वहां के समस्त कांग्रेसी नेताओं , कार्यकर्ताओं और समर्थकों के हुजूम इस बार एकजुट होकर कांग्रेस प्रत्याशी की हार को सुनिश्चित कराने का फैसला कर लिया है और सिटिंग कांग्रेस विधायक आफाक आलम की जगह विगत पांच वर्षों से उनकी जगह जनता की सेवा में लगे रहने वाले कांग्रेस नेता शाहनवाज आलम को उम्मीदवार बनाने का मांग किया जा रहा है। कांग्रेस के

समर्थकों सहित कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का स्पष्ट कहना है कि अगर कांग्रेस आलाकमान ने जनता की भावनाओं और मांगों के विपरीत आफाक आलम को ही कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में कसबा की जनता पर जबरन थोपने का प्रयास किया गया और शाहनवाज आलम को टिकट से वंचित किया गया तो इस बार डंके की चोट पर आफाक आलम की जमानत जब्त कराने का काम कर दिया जाएगा।

उपरोक्त तरह की चेतावनी पूर्णिया सदर और कसबा विधान सभा क्षेत्रों की महागठबंधन प्रेमी जनता कार्यकर्ताओं समर्थकों की ओर से खुले तौर पर महागठबंधन को दी जा रही है।

 

जिसके कारण संबंधित क्षेत्र के महागठबंधन वाले सिटिंग विधायक के साथ साथ वैसे भावी उम्मीदवारों में भी अपनी अपनी उम्मीदवारी को लेकर संशय और हिचकिचाहट महसूस होने लगी है।

पूर्णिया सदर विधानसभा क्षेत्र की सीट पर भी आमजनता सहित कांग्रेस नेताओं कार्यकर्ताओं और समर्थकों के द्वारा कांग्रेस आलाकमान को चेताया गया है कि इस सीट पर भी अगर लोकल जनता , कांग्रेस नेताओं कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भावनाओं के विपरीत अगर धनबल की बदौलत किसी ब्रोकर जमीन माफिया , ठिकेदार को कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित करने का प्रयास किया गया और लोकल पुराने कांग्रेस नेता कार्यकर्ता को उम्मीदवारी से वंचित करने की मनमानी की गई तो संपूर्ण महागठबंधन के लोकल नेताओं कार्यकर्ताओं और समर्थकों के द्वारा कांग्रेस आलाकमान की मनमानी के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और वैसे उम्मीदवार की जमानत तक जब्त करा दी जाएगी।

क्षेत्र में वोटर से लेकर कार्यकर्ता तक ने स्पष्ट शब्दों में चिल्लाना शुरू कर दिया है कि वोटर भी अब सजग और परिपक्व होने लगे हैं और भविष्य को लेकर जागृत हैं।अबकी बार उन्हें जन प्रतिनिधि के रूप में न तो कोई जमीन माफिया ब्रोकर स्वीकार्य होगा और न ही उन्हें अपने जन प्रतिनिधि के रूप में कोई ईगो वाले धनबली बाहुबली स्वीकार्य होगा।

खबरों के मुताबिक , पूर्णिया जिले के अमौर विधानसभा क्षेत्र की सीट पर पूर्व कांग्रेस विधायक जलील मस्तान के राजनीतिक क्रिया कलाप नौजवानों से ज्यादा तेजी पर है और बूढ़ा शेर जलील मस्तान की वापसी की चाहत में अमौर की जनता एकजुट होने लगी है।

किशनगंज जिले के ठाकुरगंज विधान सभा क्षेत्र में भावी प्रत्याशी को लेकर व्याप्त राजनीतिक हलचल तेज होती जा रही है और वहां के वोटरों के द्वारा राजद के सिटिंग विधायक शऊद आलम को इस बार बेटिकट करके उनकी जगह ठाकुरगंज के लोकप्रिय राजद नेता मुश्ताक आलम (पूर्व प्रखंड प्रमुख) को बतौर राजद प्रत्याशी उतारने की पुरजोर मांग की जा रही है।

महागठबंधन के राजद और कांग्रेस के ठाकुरगंज स्थित लोकल नेताओं कार्यकर्ताओं और समर्थकों की मांग है कि तेज़ तर्रार नेता मुश्ताक आलम को इस बार महागठबंधन के बैनर तले ठाकुरगंज विधान सभा क्षेत्र की सीट से चुनाव मैदान में उतारा जाय ताकि उक्त अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती विधान सभा क्षेत्र ठाकुरगंज से एन डी ए भाजपा गठबंधन को पांव रखने तक की जगह हांसिल नहीं हो।

चर्चा है कि राजद के बैनर तले स्वर्गीय सीमांचल गांधी तस्लीमुद्दीन साहब की उंगली पकड़कर राजद की राजनीति से जुड़े रहे ठाकुरगंज के राजद नेता मुश्ताक आलम उम्र के आखिरी पड़ाव की ओर बढ़ने लगे हैं ।लेकिन , उनकी उम्मीदवारी को अभी तक अंजाम नहीं दिलाया जा सका है और इस बार के चुनाव में राजद के सिटिंग विधायक की सुस्त कार्यशैली के कारण राजद के पीट जाने का खतरा बढ़ गया है।तो वैसी स्थिति में क्षेत्रवासियों के द्वारा पुरजोर मांग की जा रही है ठाकुरगंज की सीट से मुश्ताक आलम को राजद के उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतारा जाय।