किशनगंज में ही हल्की झड़प के अलावे किशनगंज ,कटिहार व अररिया में शांतिपूर्ण गठित हुई जिलापरिषद की सत्ता

सीमांचल पूर्णिया प्रमंडल के तीन जिलों अररिया , कटिहार और किशनगंज के जिलापरिषदों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों का चुनाव निर्वाचित जिला परिषद सदस्यों के द्वारा किये गए गुप्त मतदान के जरिये

किशनगंज में ही हल्की झड़प के अलावे किशनगंज ,कटिहार व अररिया में शांतिपूर्ण गठित हुई जिलापरिषद की सत्ता
किशनगंज में ही हल्की झड़प के अलावे किशनगंज ,कटिहार व अररिया में शांतिपूर्ण गठित हुई जिलापरिषद की सत्ता
  • किशनगंज में ही हल्की झड़प के अलावे किशनगंज ,कटिहार व अररिया में शांतिपूर्ण गठित हुई जिलापरिषद की सत्ता
  • अररिया में बरकरार रही पप्पू अजीम की सत्ता , निर्विरोध हुए चेयरमैन
  • कटिहार में रश्मी देवी बनी चेयरमैन व जाने माने युवा राजनीतिज्ञ जाकिर हुसैन की जिलापार्षद पत्नी ईशरत बनी उपाध्यक्ष
  • किशनगंज में महागठबंधन की आपसी तुतड़ाक के बीच त्रिमूर्ति महागठबंधन नेताओं सरबर, नन्हा मुस्ताक व इमरान ने नुदरत महजवीं की ताजपोशी को दिलाया अंजाम
  • अब शेष बचे पूर्णिया जिला परिषद की सत्ता के भाग्य का फैसला होगा 3 जनवरी को


सीमांचल(अशोक/विशाल)

सीमांचल पूर्णिया प्रमंडल के तीन जिलों अररिया , कटिहार और किशनगंज के जिलापरिषदों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों का चुनाव निर्वाचित जिला परिषद सदस्यों के द्वारा किये गए गुप्त मतदान के जरिये वृहस्पतिवार 30 दिसम्बर को प्रशासनिक देखरेख में सम्पन्न हो गया , जबकि बचे रह गए एक जिला पूर्णिया जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव आगामी 3 जनवरी को होना बांकी है।

अररिया जिला परिषद के अध्यक्ष पद के लिए बिहार की सत्तारूढ़ दल जदयू के नेता आफताब अज़ीम उर्फ पप्पू अज़ीम निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए हैं । जबकि वहां के उपाध्यक्ष पद के लिए चांदनी देवी निर्वाचित घोषित की गई हैं।

समाचार सूत्रों के अनुसार , अररिया जिला परिषद के अध्यक्ष पद और उपाध्यक्ष पद का चुनाव विल्कुल शांतिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ है। जानकारों के अनुसार , पप्पू अज़ीम का अररिया जिला परिषद की सत्ता पर कुल मिलाकर इस बार पांचवीं बार कब्जा हुआ है।

पूर्व में वह दो टर्म जिला परिषद के खुदसर चेयरमैन रहे थे और दो बार उनकी पत्नी शगुफ्ता अज़ीम भी पूर्व में अररिया जिला परिषद की चेयरमैन रह चुकीं थीं। लेकिन इस बार के जिला परिषद चुनाव में उनकी पत्नी शगुफ्ता अज़ीम की शिकस्ती हो गई और पप्पू अजीम चुनाव जीतकर आ गए और चेयरमैन पद पर निर्विरोध निर्वाचित होकर पांचवीं बार जिला परिषद की सत्ता पर काबिज हो गए।

Ishrat Parween

कटिहार जिला परिषद के अध्यक्ष पद पर रश्मि देवी निर्वाचित घोषित की गई हैं , जबकि कटिहार जिला परिषद की उपाध्यक्ष पद पर कटिहार जिले के लोकप्रिय युवा राजनीतिज्ञ जाकिर हुसैन की पत्नी इशरत परवीन निर्वाचित घोषित की गई हैं।

सूत्रों के अनुसार , कटिहार जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से ही सम्पन्न हुआ है।

लेकिन , किशनगंज जिला परिषद के अध्यक्ष पद पर नुदरत महजवीं और उपाध्यक्ष पद पर मोह०इसराइल के निर्वाचित होने की घोषणा के साथ ही चुनाव कक्ष के बाहर नवनिर्वाचित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के समर्थकों व पराजित प्रतिद्वंदी के समर्थकों के बीच झड़पें हो गई थीं , जिससे किशनगंज समाहरणालय के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई थी। लेकिन , प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रियता व पुलिस बलों की मुस्तैदी से वहां पर किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं घटी और कुछ ही समय के भीतर सब कुछ सामान्य हो गया।

जानकार सूत्रों के अनुसार , यूं तो जिला परिषद के लिए होने वाले सदस्यों के चुनाव से लेकर अध्यक्ष उपाध्यक्ष तक के चुनाव राजनीतिक  दलों से परे होते हैं लेकिन , किशनगंज जिला परिषद के अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चुनाव में इस बार कांग्रेस और राजद के नेताओं ने अपनी अपनी गुटबाजी की राजनीति को घुसेड़ दिया और परिणाम की घोषणा के बाद फब्तियां कसने की राजनीति शुरू कर दी , लिहाजा , उक्त चुनाव का ऐसा राजनीतिक रूप स्थापित हो गया कि आखिरी बेला में परिणाम घोषित होने के साथ ही दोनों गुटों के समर्थकों में झड़प हो गए।

किशनगंज जिला परिषद के चुनाव में राजद के किशनगंज जिलाध्यक्ष सरबर आलम और कांग्रेस के बहादुरगंज वाले दिग्गज युवा नेता इमरान ने महागठबंधन की राजनीति को ठोस रूप में दर्शाते हुए किशनगंज के पुराने राजनैतिक व सामाजिक व्यवहारिक परिवार के अंजार आलम की पत्नी नुदरत महजवीं को जिला परिषद के चेयरमैन पद की कुर्सी पर आसीन कराकर किशनगंज के स्वर्गवासी पूर्व मंत्री मुन्ना मुस्ताक के जमाने की किशनगंज वाली राजनीति की याद को तरोताजा किया है।

नवनिर्वाचित किशनगंज जिला परिषद की चेयरमैन नुदरत महजवीं के पति अंजार आलम के पिता तत्कालीन सरकार के मंत्री रहे स्वर्गीय मुन्ना मुस्ताक के निजी सलाहकार रहे थे और लालू प्रसाद यादव के नेतृत्व की तत्कालीन सरकार के जमाने में किशनगंज की तत्कालीन जनता की सेवा में स्वर्गीय तत्कालीन मंत्री मुन्ना मुस्ताक के साथ समर्पित रहे थे।

वर्तमान समय में यह परिवार किशनगंज जिले में तेजी से लोकप्रियता हासिल कर उभरते हुए राजद नेता सह स्वर्गीय मुन्ना मुस्ताक के पुत्र एम के रिजवी उर्फ नन्हा मुस्ताक के सानिध्य में राजद और कांग्रेस वाली महागठबंधन की राजनीति को अमलीजामा पहनाने में लगा है , जिसके नतीजे के रूप में इस परिवार ने नन्हा मुस्ताक , सरबर आलम और इमरान के संयुक्त सहयोग के बूते जिला परिषद की सत्ता को हासिल किया है।

लेकिन , यहां पर खुलासे की बात यह भी है कि इस उभरती हुई महागठबंधन की टीम ने चार बार स्थापित रहे कांग्रेस के पूर्व बहादुरगंज विधायक तौसीफ आलम की जिला परिषद की राजनीति को ही नाकामयाब कर डाला है , पूर्व कांग्रेस विधायक की भाभी रूकैया बेगम जिला परिषद किशनगंज की  पूर्व चेयरमैन रह चुकी थीं और इस बार भी वही रूकैया बेगम चेयरमैन पद की उम्मीदवार रही थीं , दोनो गुटों में बराबर बराबर की संख्या में जिला परिषद के सदस्य की गुटबाजी कायम रहे थे लेकिन आखरी समय में एक सदस्य के इधर से उधर होने की राजनीति के कारण बाजी तौसीफ आलम पूर्व विधायक के हाथ से निकल कर उभरते हुए किशनगंज महागठबंधन के उपरोक्त त्रिमूर्ति महागठबंधन नेताओं के हाथ लग गई ।