पूर्णिया कांग्रेस ने CM की प्रगति यात्रा को ठगी की यात्रा बताया

कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री की पूर्णिया जिले में हुई प्रगति यात्रा को "ठगी की यात्रा" करार देते हुए इसे जनता को गुमराह करने का प्रयास बताया। पूर्णिया जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष नीरज सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य जनता को भ्रमित करना था, जबकि जिले में भ्रष्टाचार और अफसरशाही चरम पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि गरीबों और जरूरतमंदों की आवाज को दबाया जा रहा है और मुख्यमंत्री को जनता से अलग रखा गया। कांग्रेस ने दावा किया कि जनता अब सरकार से पूरी तरह निराश है और आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार को सबक सिखाने के लिए तैयार है। नेताओं ने यह भी कहा कि यात्रा की असफलता ने सत्तारूढ़ दलों में घबराहट पैदा कर दी है और यह स्पष्ट संकेत है कि बिहार सरकार की विदाई तय है।

पूर्णिया कांग्रेस ने CM की प्रगति यात्रा को ठगी की यात्रा बताया

सीमांचल  (अशोक/विशाल)

पूर्णिया जिला कांग्रेस कमिटी के जिला अध्यक्ष नीरज सिंह उर्फ छोटू सिंह सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं रंजन सिंह , आश नारायण चौधरी , मोहम्मद अलीमुद्दीन , गौतम वर्मा , जवाहर किशोर उर्फ रिंकू यादव ,  अखिलेश कुमार और मोहन झा ने मुख्यमंत्री की पूर्णिया जिले में हुई प्रगति यात्रा को ठगी की यात्रा बताते हुए कहा कि यह यात्रा जनता को गुमराह करने की कोशिश की यात्रा रही।

कांग्रेस पार्टी के उपरोक्त सभी नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ने वास्तविकता से परे अपनी उक्त यात्रा के बहाने जनता को भ्रमित करने का काम इसलिए किया है , क्योंकि , पूर्णिया जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण इन सभी क्षेत्रों की जनता त्राहिमाम कर रही है और सरकार को आने वाले अगले विधान सभा चुनाव में सबक सिखाने को अडिग हो गई है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इस क्षेत्र में अफसरशाही चरम पर है। गरीबों और जरूरतमंद लोगों की आवाज को लगातार बंद किया जा रहा है लिहाजा उनका सुनने वाला कोई नहीं है और उस पर तुर्रा यह कि मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री को जनता की संपर्क से अलग करके भी रखा गया है।

कांग्रेस के उपरोक्त सभी नेताओं ने कहा कि बिहार की जनता को इसी कारण अब अपने मुख्यमंत्री पर भी कोई भरोसा विश्वास नहीं रहा है। नेताओं ने कहा कि प्रगति यात्रा की असफलता को देखते हुए बिहार के समस्त सत्तारूढ़ दलों में भी घबराहट उत्पन्न होने शुरू हो गए हैं।

जिसका जीता जागता सबूत यही है कि बिहार सरकार के मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के प्रति जनता में कोई उत्सुकता दिखाई नहीं पड़ी है और यह दर्शाता है कि आने वाले समय में वर्तमान सरकार की विदाई को किसी भी कीमत पर टाला नहीं जा सकता है।