डॉ दिलीप जायसवाल: सीमांचल से बिहार भाजपा के नए चेहरा, मुख्यमंत्री पद की दौड़ में अग्रणी

भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष के रूप में डॉ दिलीप जायसवाल की नियुक्ति से सीमांचल में उत्साह की लहर है। वे बिहार सरकार में मंत्री बनने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बने और पटना लौटते ही उनका भव्य स्वागत हुआ। सीमांचल के लोकप्रिय समाजसेवी डॉ जायसवाल की गंगा-जमुनी तहजीब और मुस्लिम समाज के प्रति मित्रता ने उन्हें विशेष लोकप्रियता दिलाई है। उनकी कार्यशैली और समाजसेवी दृष्टिकोण के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद की संभावनाओं में भी देखा जा रहा है। डॉ जायसवाल की निःस्वार्थ सेवा और राजनीतिक समर्पण ने उन्हें भाजपा के महत्वपूर्ण नेताओं में उभार दिया है। सीमांचल के विभिन्न क्षेत्रों में उनकी प्रभावशाली उपस्थिति और व्यापक समर्थन से संकेत मिलता है कि वे भविष्य में बिहार या सीमांचल के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। उनकी लोकप्रियता और ईमानदारी को देखते हुए, भाजपा में उनके भविष्य को लेकर कई संभावनाएं जताई जा रही हैं।

डॉ दिलीप जायसवाल: सीमांचल से बिहार भाजपा के नए चेहरा, मुख्यमंत्री पद की दौड़ में अग्रणी

सीमांचल  (विशाल/पिंटू/विकास)

  • बिहार प्रदेश भाजपा की कमान हाथ में पड़ते ही बिहार के भावी मुख्यमंत्री की कतार में खड़े हो गए डॉ दिलीप जायसवाल
  • सीमांचल से होने लगी है दुआएं, गंगा जमुनी तहजीब के वाहक के रूप में मुस्लिम समाज के बीच हर दिल अजीज नेता के रूप में हैं लोकप्रिय

सीमांचल के सबसे लोकप्रिय समाजसेवी विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल बिहार सरकार में मंत्री बनाए जाने के बाद बिहार प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर आसीन करा दिए गए और इस क्रम में नव नियुक्त बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आशीर्वाद प्राप्त कर राजधानी पटना लौट अपना कार्यभार ग्रहण कर लिए।

दिल्ली से उनके पटना एयरपोर्ट पर पहुंचते ही बिहार भर के भाजपा नेताओं , कार्यकर्ताओं से लेकर वैश्य समाज के सबसे बड़े संगठन अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन बिहार ने प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक पवन जायसवाल के नेतृत्व में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उस क्रम में एयरपोर्ट पटना से भाजपा के प्रदेश कार्यालय तक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल का रोड शो हुआ।

जिसमें शिरकत करने इस सीमांचल से हजारों की संख्या में पार्टी जन सहित उनके समर्थक भी पटना पहुंचे , जो उनके मंत्री पद पर सुशोभित होने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद पर आसीन होने से काफी उत्साहित हैं।

सीमांचल में चर्चा शुरू हो गई है कि उनके हर दिल अजीज नेता सह लोकप्रिय विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल अब बिहार के भावी मुख्यमंत्री की कतार में आ खड़े हुए हैं क्योंकि हर ओर यह स्वीकारा जा रहा है कि सूबे बिहार भर में इनकी जोड़ का नेता भाजपा में नहीं है। डॉ दिलीप जायसवाल में शासन प्रशासन चलाने की पूरी क्षमता है तो दूसरी ओर इनके समस्त राजनीतिक व सामाजिक क्रियाकलाप पूरी तरह से गंगा जमुनी तहजीब पर आधारित रहे हैं।जिसके कारण ही बिहार के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल क्षेत्र सीमांचल के भी सबसे बड़े मुस्लिम बहुल क्षेत्र अररिया किशनगंज और पूर्णिया के स्थानीय प्राधिकार निकाय क्षेत्र से रिकॉर्ड वोटों से तीसरी बार के निर्वाचित विधान पार्षद हैं।

चर्चानुसार , बिहार प्रदेश के नव नियुक्त भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल की उत्कृष्ट मानवता सेवा के कारण सीमांचल का मुस्लिम समाज इनके गले की हार बन गया है और हरेक पल इनकी दिशा निर्देश पर कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहता है तो दूसरी ओर से स्वयं डॉ दिलीप जायसवाल भी अपनी राजनीतिक जीवन के प्रारंभ से ही सीमांचल के मुस्लिम समाज के प्रत्येक सुख दुख के साथी बने रहे हैं।जातीय विभेद के अवगुण तो उनमें कभी नजर ही नहीं आए हैं और तुर्रा यह कि वह अपने चर्चित एमजीएम मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में संपूर्ण सीमांचल के साथ साथ कोशी क्षेत्र से लेकर निकटवर्ती बंगाल तक के इलाके के गरीब गुरबों की निःशुल्क व सस्ती चिकित्सा व्यवस्था से अभी तक अपना मुंह नहीं मोड़े हैं।

लिहाजा , सीमांचल वासी उन्हें बतौर मुख्यमंत्री देखने को ललायित हैं। लोगों का मानना है कि बिहार में उनकी जोड़ का ऐसा कोई भाजपा नेता नहीं है जिनसे सभी धर्म वर्ग के लोग हर समय कल्याण की आस लगाए रहते हैं।

भाजपा की राजनीति में सक्रिय रहे डॉ दिलीप जायसवाल भाजपा के बिहार भर के सारे नेताओं से अलग की पहचान केंद्र की नजर में कायम किए हुए हैं और पार्टी ने जितनी भी जबाबदेही दिलीप जायसवाल को अब तक सौंपी है , उन सभी के दायित्वों का निर्वहन भी वह पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ करते रहे हैं।

जिस कारण ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन्हीं के आवासीय परिसर से सीमांचल के नए केंद्रशासित राज्य की भी परिकल्पना की , सुरक्षा तंत्रों के साथ उक्त आलोक में अहम बैठक किया और नए राज्य का नक्शा भी तैयार कराया था।

बताया जाता है कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की उक्त तैयारी के मद्देनजर ही सीमांचल के सबसे लोकप्रिय भाजपा नेता सह विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल को प्रथम दृष्टया मंत्री पद से नवाजा गया और उसके बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया।

और भविष्य में गठित होने वाले अलग सीमांचल राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री भी संभवतः डॉ दिलीप जायसवाल ही बनाये जा सकते हैं जबकि सबसे निश्चित दूसरी संभावना यह भी है कि बिहार में भविष्य के संभावित मुख्यमंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ही हो सकते हैं।

क्योंकि सर्वत्र स्वीकारा जा रहा है कि अब सूबे बिहार में भाजपा के पास डॉ दिलीप जायसवाल सरीखे भावी मुख्यमंत्री के चेहरे के अलावे और कोई वैकल्पिक चेहरा इस बिहार में तो अभी तक नहीं है।