अररिया संसदीय क्षेत्र में भाजपा और राजद के उम्मीदवारों के बीच एक निर्दलीय की धमाचौकड़ी से राजद के लाभान्वित होने की संभावना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उक्त अररिया लोकसभा चुनावी सभा में लोगों का कोई उत्साह नजर नहीं आया और न उस अनुकूल भीड़ देखा गया।

अररिया संसदीय क्षेत्र में भाजपा और राजद के उम्मीदवारों के बीच एक निर्दलीय की धमाचौकड़ी से राजद के लाभान्वित होने की संभावना

भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने निर्दलीय प्रत्याशी का साथ किया

राजद प्रत्याशी की जीत की दावेदारी करने लगे राजद जिलाध्यक्ष मनीष यादव

सीमांचल (विशाल/पिंटू/विकास)

सीमांचल के चार संसदीय क्षेत्रों पूर्णिया किशनगंज कटिहार और अररिया में से तीन संसदीय क्षेत्रों पूर्णिया किशनगंज और कटिहार में लोक सभा चुनाव के मतदान की प्रक्रिया दूसरे चरण में गत 26 अप्रैल को ही संपन्न करा दी गई है और शेष बची हुई एकमात्र संसदीय सीट अररिया का चुनाव आगामी 7 मई को होना तय है। जिसके लिए अररिया संसदीय क्षेत्र में चुनाव प्रचार अभियान जोर शोर से शुरू है।

लेकिन , 26 अप्रैल को ही अररिया संसदीय क्षेत्र के फारबिसगंज में आयोजित प्रधानमंत्री की चुनावी सभा में उत्साह और जोश की कमी को देखकर अंदाजा लगाया जाने लगा है कि इस बार अररिया की संसदीय सीट पर काबिज़ सिटिंग भाजपा सांसद प्रदीप सिंह को फिर से भाजपा का उम्मीदवार बनाए जाने से क्षेत्र के लोग खुश नहीं हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उक्त चुनावी सभा में लोगों का कोई उत्साह नजर नहीं आया और न उस अनुकूल भीड़ देखा गया।

जिस कारण अररिया संसदीय क्षेत्र में अभी से ही तरह तरह की आशंकाएं जताई जा रही है।

अररिया संसदीय क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर पूर्व से भाजपा के सिटिंग सांसद प्रदीप सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। जबकि दूसरी ओर इनके प्रतिद्वंदी प्रत्याशी के रूप में राजद की टिकट पर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सह जोकीहाट के राजद विधायक सह सीमांचल के कद्दावर स्वर्गवासी नेता सह पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जनाब तस्लीमुद्दीन साहब के छोटे पुत्र शाहनवाज आलम को महागठबंधन का प्रत्याशी बनाया गया है।

दोनों ही उम्मीदवारों के द्वारा इस बार की इस चुनावी बाजी को जीतने के लिए युद्ध स्तर पर चुनावी प्रचार अभियान चलाया जा रहा है।

राजद प्रत्याशी शाहनवाज आलम अपने मंत्रित्व काल की उपलब्धियां गिनाते हुए और सीमांचल की चहुमुखी राजनीति के प्रतापी स्वर्गवासी पिता जनाब तस्लीमुद्दीन साहब का हवाला देते हुए जनता से अपने लिए वोट की गुहार लगा रहे हैं।

जबकि भाजपा के उम्मीदवार प्रदीप सिंह भी सीधे प्रधानमंत्री का हवाला देते हुए और अपने सांसद कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए आम आवाम से अपने लिए वोट की गुहार लगा रहे हैं।

 

इन दोनों उम्मीदवारों के बीच कुछ भाजपाइयों की ही शह पर बतौर निर्दलीय प्रत्याशी आ खड़े हुए राजद के एक नेता शत्रुघ्न मंडल भी चुनावी प्रचार अभियान में जोर शोर से लग गए हैं। जिनको लेकर अररिया संसदीय क्षेत्र भर में एक ही चर्चा शुरू है कि इनके आ खड़े होने से दोनों दलीय उम्मीदवारों में से किसको फायदा होगा और किसको नुकसान होगा।

इस संबंध में अररिया जिला राजद के जिलाध्यक्ष मनीष कुमार यादव का भरपूर मानना है कि इस बार अररिया संसदीय क्षेत्र में चुनाव की शुरूआती दौर में ही भाजपा के लिए अपसुकून बनकर ऐसा तीसरा प्रत्याशी सामने आ खड़ा हुआ है जिसके समस्त चुनावी प्रचार अभियान का भार अररिया के वैसे दिग्गज भाजपा नेताओं ने ही अपने कंधों पर उठा लिया है जो इस बार किसी भी कीमत पर अररिया की संसदीय सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में सिटिंग भाजपा सांसद प्रदीप सिंह की उम्मीदवारी और जीत को स्वीकारने के पक्ष में बिल्कुल ही नहीं हैं।

जबकि दूसरी ओर से राजद ने जिलाध्यक्ष मनीष कुमार यादव की अगुवाई में इस बार चुनाव पूर्व ही बूथ स्तर से पंचायत स्तर तक अपने सशक्त संगठन को स्थापित कर लिया है और सबसे बड़ी बात यह कि इस बार राजद ने नरपतगंज विधान सभा क्षेत्र पर राजद की समर्थन की आंधी को तेज रफ्तार दे दिया है।

जबकि इसके इतर अररिया संसदीय क्षेत्र के दिग्गज भाजपा नेता सह पूर्व भाजपा विधायक जनार्दन यादव ने अररिया संसदीय क्षेत्र के अनेक कद्दावर भाजपा नेताओं के साथ अररिया संसदीय क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी प्रदीप सिंह का न सिर्फ विरोध शुरू कर दिया है वल्कि वही पूर्व भाजपा विधायक जनार्दन यादव ही पलासी के निर्दलीय प्रत्याशी शत्रुघ्न मंडल की उम्मीदवारी में बतौर प्रस्तावक समर्थक भी दर्ज हो गए हैं।

ऐसी स्थिति में राजद के अररिया जिलाध्यक्ष मनीष कुमार यादव की राजद की जीत की दावेदारी को व्यापक बल मिलता दिखाई दे रहा है।

अररिया संसदीय क्षेत्र में आगामी 7 मई को मतदान होने हैं।