जायसवाल की अध्यक्षता से भाजपा में नई उम्मीदें, 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी तेज
डॉ दिलीप जायसवाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में भाजपा नेताओं को नई उम्मीदें दिखाई देने लगी हैं। कई वर्षों से टिकट की आशा में रहे नेताओं को अब जायसवाल के अध्यक्ष बनने से संभावना नजर आ रही है। पूर्व अध्यक्षों के समय में पारंपरिक उम्मीदवारी के कारण कई सिटिंग उम्मीदवार मात खाते रहे, लेकिन इस बार की स्थिति अलग है। जायसवाल ने राज्य भर के भावी उम्मीदवारों से व्यक्तिगत तौर पर परिचय बढ़ाया है और चुनावी टिकट देने में उनकी जीत की क्षमता को प्राथमिकता दी जा रही है। यह बदलाव 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। चर्चा है कि सीमांचल के लोग भी जायसवाल के नेतृत्व में एकजुट होने की तैयारी कर रहे हैं, जो भाजपा की बिहार में विजय की राह आसान कर सकता है।
सीमांचल (अशोक/विशाल)
- भाजपा की 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारी में नए बदलाव और संभावनाएं
- सीमांचल कोशी सहित शेष बिहार के भावी टिकटार्थी भाजपा नेताओं को टिकट की नई उम्मीदें
- भाजपा में नए अध्यक्ष के साथ 2025 के चुनाव की तैयारी तेज
डॉ दिलीप जायसवाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने से आगामी विधानसभा चुनाव की बाजी लड़ने की तैयारी में जुटे वैसे भाजपा नेताओं को उम्मीद की रोशनी नजर आने लगी है जो विगत कई वर्षों से उम्मीदवारी की टिकट की चाहत में अब तक के पूर्व प्रदेश अध्यक्षों की गणेश परिक्रमा करते करते उम्र की आखिरी दहलीज पर आ टिके और इसके अलावा उम्मीद की किरणें उन सभी नेताओं को भी नजर आ रही है जो वर्तमान परिवेश में चुनावी वैतरणी पार करने में हरेक विंदू पर पूरी तरह से सक्षम हैं और पार्टी की दिवानगी में अपना सर्वस्व न्यौछावर करते रहे हैं लेकिन चुनावी घड़ी में उन्हें कहीं गठबंधन धर्म का वास्ता देकर टिकट से वंचित रखा जाता रहा है तो किसी को सिटिंग का पाठ पढ़ाकर टिकट के लिए अगली पारी के इंतजार की पंक्ति में खड़ा कर दिया जाता रहा है।
बताया जाता है कि पारंपरिक उम्मीदवारी का प्रचलन जिंदा रखने के चक्कर में ही पूर्व के चुनावों में पार्टी के कई सिटिंग मात खाते रहे हैं लेकिन पार्टी के पुर्व प्रदेश अध्यक्षों ने नई उम्मीदवारी को स्थापित कर पार्टी की सीट को जीतने की जुगत में कभी कोई दिलचस्पी नहीं ली।
लेकिन , इस बार जब अगले विधान सभा चुनाव से पहले ही बिहार में पार्टी की कमान नये प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल के हाथों में आ गई और पूर्व से पंक्तिबद्ध भावी उम्मीदवारों में टिकट हांसिल होने की संभावना बलबती हुई है तो
चर्चा शुरू हुई है कि स्वयं प्रदेश अध्यक्ष भी जब राज्य भर के जुझारू भावी उम्मीदवारों से व्यक्तिगत तौर पर परिचित हैं और चुनाव के दौरान टिकट उसी को देंगे जो उनकी परख में फूल एंड फाइनल जिताऊ होगा तो निश्चित तौर पर बिहार में केंद्रीय नेतृत्व द्वारा जायसवाल पर शुरू किया गया पॉलिटिकल प्रयोग सफल हो जा सकता है।
चर्चा है कि बिहार में होने वाले 2025 के अगले विधान सभा आम चुनाव की तैयारी के मद्देनजर डॉ दिलीप जायसवाल न तो अपने मंत्री पद की कुर्सी की चिंता करेंगे और न पूर्व के पार्टी मठाधीशों की किसी दखलंदाजी को बर्दाश्त करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के अगले मिशन बिहार विजय को केंद्रित कर बिहार में एक नया इतिहास रचेंगे।
कहा जाता है कि इसकी थोड़ी बहुत भनक सीमांचल वासियों को भी लग चुकी है और चर्चा है कि सीमांचल के लोग भी अपने इस हरदिल अजीज नेता के इशारों पर एकमुश्त खड़े होने की तैयारी में लग गए हैं।