बायसी के जन सुराज नेता शाहनवाज आलम ने भड़काऊ भाषणों पर अररिया वासियों को ढांढस बंधाया
जन सुराज पार्टी के बायसी के नेता शाहनवाज आलम ने बीजेपी के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और अररिया सांसद प्रदीप सिंह के भड़काऊ भाषणों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि 2025 के विधानसभा चुनाव और 2029 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और प्रदीप सिंह का भविष्य अररिया की जनता के हाथों में है। आलम ने अररिया में शांति बहाल करने में जनता और प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं ने "हिंदू स्वाभिमान यात्रा" के नाम पर सीमांचल के मुस्लिम समुदाय को डराने-धमकाने का काम किया और नीतीश कुमार के कानून राज का मजाक उड़ाया। उनका कहना था कि जब तक नीतीश कुमार का सहयोगी दलों पर नियंत्रण था, बिहार में जातीय उन्माद नहीं फैला। लेकिन अब बीजेपी उनके नियंत्रण से बाहर होकर मनमानी कर रही है। बीजेपी नेता घूम-घूमकर मुसलमानों को डरा रहे हैं और लव जिहाद, लैंड जिहाद जैसे मुद्दे उठा रहे हैं। जब अररिया में मुस्लिम समुदाय इसके विरोध में सड़कों पर उतरा, तब प्रशासन ने शांति समिति की बैठकें और सद्भावना मार्च का आयोजन कर स्थिति सामान्य की।
बायसी के जन सुराज नेता का बीजेपी को चुनौती
सीमांचल में शांति बनाम नफरत की राजनीति
अररिया में सद्भावना मार्च का आयोजन
सीमांचल (अशोक/विशाल)
पूर्णिया जिले के बायसी विधान सभा क्षेत्र स्थित जन सुराज पार्टी के कद्दावर संस्थापक नेता शाहनवाज आलम ने सीमांचल भर में पिछले दिनों बीजेपी के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और अररिया में अररिया के बीजेपी सांसद प्रदीप सिंह के द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषण की घोर निन्दा की है और इस क्रम में उन्होंने अररिया में अक्रोशित होकर अररिया के भाजपा सांसद प्रदीप सिंह के खिलाफ सड़कों पर उतरी जनता से अपील की है कि बीजेपी सांसद प्रदीप सिंह का चुनावी और राजनीतिक भविष्य अब अररिया की जनता के हाथों में ही है जो संभवतः 2029 के संसदीय चुनाव के दौरान बड़ी आसानी से जनता द्वारा तय कर दिया जाएगा।
बायसी विधान सभा क्षेत्र में जन सुराज पार्टी के कद्दावर नेता के रूप में लगातार उभरते जा रहे शाहनवाज आलम ने अररिया की जनता और प्रशासन व समाजसेवियों की कोशिशों से अररिया में स्थापित हुई शांति व्यवस्था की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर अररिया जिला वासियों के धैर्य और सदभाव की जितनी भी प्रशंसा की जाय वह कम होगी।
बायसी विधान सभा क्षेत्र के जन सुराज पार्टी के नेता शाहनवाज आलम ने कहा कि जदयू की बैसाखी के सहारे नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए गठबंधन की बिहार सरकार में शामिल भाजपाइयों ने बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा स्थापित कानून के राज के दावे को खोखला साबित करने के क्रम में ही अचानक से विना किसी परिस्थिति के सीमांचल के चारो जिलों में हिंदू स्वाभिमान यात्रा की आड़ में सीमांचल के बहुसंख्यक मुस्लिम भाइयों को डराया , धमकाया और अंत में इतना तक कह दिया कि अररिया में रहना है तो हिंदू बनकर रहना होगा।
पूर्णिया जिले के बायसी विधान सभा क्षेत्र में उभरते हुए जन सुराज पार्टी के नेता शाहनवाज आलम ने इस मामले में दावा किया कि गिरिराज सिंह और अररिया के भाजपा सांसद प्रदीप सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कानून के राज का खुल्लम खुल्ला माखौल उड़ाते हुए मुस्लिम बहुल सीमांचल में भय और दहशत पैदा करने वाली अजीबोगरीब राजनीति का आगाज किया। जिस कारण बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कानून का राज अब महज एक झूठा प्रचार ही साबित होता नजर आ रहा है। दूसरी ओर से साबित होने लगा है कि बिहार की नीतीश सरकार अब खुले तौर पर बीजेपी की दबाब में चलने लगी है।
उन्होंने कहा कि यह भी सच है कि बिहार में जबसे नीतीश कुमार की सरकार स्थापित हुई और उस नीतीश कुमार में अपने सहयोगी दलों पर कंट्रोल रखने की क्षमता बरकरार रही तब तक बिहार में कहीं भी जातीय उन्माद की घटना को सिर उठाने का मौका नहीं मिला। लेकिन ,अब नई सच्चाई यह है कि नीतीश कुमार की सरकार में शामिल सहयोगी दल के नेतागण नीतीश कुमार की तमाम उपलब्धियों को मटियामेट करते हुए बिहार में जातीय उन्माद की पृष्ठभूमि तैयार करने में लग गए हैं।
जिसमें नीतीश सरकार में शामिल बीजेपी ही नीतीश कुमार के कंट्रोल से बाहर होकर अपनी मनमानी पर उतर आई है।
जन सुराज पार्टी के नेता शाहनवाज आलम के अनुसार , उसी के परिणामस्वरूप , बिहार में बीजेपी के फिरकापरस्त नेताओं के द्वारा घूम घूम कर मुसलमानों को डराया और धमकाया जाने लगा है।खुलेआम सभा मंचों से भाषण दिया जा रहा है कि सीमांचल में विदेशी मुसलमानों की घुसपैठ जारी है जिसके कारण उनकी संख्या में भारी इज़ाफा हुआ है और उस संख्याबल की ताकत पर वे इस सीमांचल में लव जिहाद और लैंड जिहाद की घटनाओं को लगातार अंजाम दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में जिस बीजेपी से गठबंधन करके नीतीश कुमार अपनी सरकार चला रहे हैं उसी बीजेपी के केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा इस सीमांचल के कटिहार पूर्णिया अररिया और किशनगंज जिले में घूम घूम कर सीमांचल के बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय के खिलाफ तरह तरह के आरोपों को मढ़कर खुलेआम विष वमन किया गया और सरकार से लेकर प्रशासन तंत्र हाथ पर हाथ धरे बैठी रही।
लेकिन , जब भाजपाइयों के वैसे कुकृत्यों के विरोध स्वरूप सीमांचल के अररिया के मुस्लिम समुदाय आक्रोशित होकर सड़क पर उतर आए तो नीतीश कुमार के प्रशासनिक तंत्र तुरत सक्रिय हो कानून व्यवस्था को संभालने कूद पड़े और शांति समिति की बैठकों के साथ साथ अररिया में सद्भावना मार्च का आयोजन किया। लोगों को समझाया बुझाया और क्षेत्र में पहले की भांति सामान्य स्थिति बहाल कराया।



