सीमांचल में जन सुराज की धमक, मुस्लिम वोट बैंक से सियासी बदलाव की आहट

सीमांचल के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की बढ़ती धमक और उसकी राजनीतिक प्रभाव को लेकर चर्चा की गई है। 17 अगस्त को पूर्णिया में जन सुराज पार्टी की जिला कमिटी की घोषणा के बाद से ही सीमांचल में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस क्षेत्र में पहले कांग्रेस, राजद, जदयू और एमआईएम जैसी पार्टियों का वर्चस्व था, लेकिन अब मुस्लिम समुदाय का एक बड़ा हिस्सा जन सुराज की ओर आकर्षित हो रहा है। प्रशांत किशोर का दावा है कि जन सुराज सत्ता हासिल नहीं करेगी, लेकिन मुस्लिम वोटों के सहयोग से व्यवस्था में बदलाव लाएगी। यह बदलाव भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा तैयार करने का प्रयास है। इस क्षेत्र में ओवैसी की एमआईएम के उभार के बाद राजद और कांग्रेस ने अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश की थी, लेकिन अब जन सुराज की एंट्री से यहां की राजनीति में बड़ा बदलाव होने की आशंका है।

सीमांचल में जन सुराज की धमक, मुस्लिम वोट बैंक से सियासी बदलाव की आहट

सीमांचल  (अशोक/विशाल)

  • "सीमांचल की राजनीति में जन सुराज की धमक, मुस्लिम समुदाय में बढ़ती भागीदारी।"
  • "प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी, सीमांचल के मुस्लिम वोट बैंक पर नजर।"
  • "जन सुराज का उभार: सीमांचल में बदलाव की आहट, मुस्लिम समुदाय का समर्थन।"
  • "मुस्लिम वोटों की ताकत के सहारे प्रशांत किशोर की नई राजनीति का आगाज।"
  • "सीमांचल में जन सुराज की एंट्री, परंपरागत दलों के बीच खलबली।"

बिहार के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल क्षेत्र सीमांचल के मुख्यालय पूर्णिया के व्यवसायिक क्षेत्र गुलाबबाग की सरजमीं से आखिरी सावन की सोमवारी और रक्षा बंधन के त्यौहार से दो दिन पहले शनिवार 17 अगस्त को खचाखच भरी भीड़ के बीच जब जन सुराज पार्टी की पांच सदस्यीय कोर कमिटी ने जन सुराज पार्टी की पूर्णिया जिला कमिटी की घोषणा की तो पूर्णिया सहित संपूर्ण सीमांचल के राजनीतिक महकमें में खलबली मच गई।

उम्मीद के विपरीत इस मुस्लिम बहुल क्षेत्र में जन सुराज पार्टी की हुई इस धमाकेदार धमक और उसमें भागीदारी निभाते राजद कांग्रेस जदयू और एमआईएम के मुस्लिम कार्यकर्ताओं को देखकर सीमांचल में पूर्व से विचरण करने वाली राजनीतिक पार्टियों यथा राजद , कांग्रेस , जदयू और एमआईएम की चुलें हिलनी शुरू हो गई।

जिस सीमांचल में सबसे पहले कांग्रेस की बिसात बिछी थी और मुस्लिम समुदाय कांग्रेस के एकमुश्त समर्थक हो गए थे और

कालांतर में सीमांचल के इस बहुसंख्यक समुदाय को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने पाले में घसीट लिया था तो इस क्षेत्र में राजद की राजनीति ठोस मानी जाने लगी थी।

लेकिन , उसके बाद इस क्षेत्र पर अपनी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा दे कर जदयू ने कब्जा कर लिया और फिर उसके बाद यहां जब हैदराबादी सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम की गतिविधियां तेज हुई तो एमआईएम के प्रति भी इस सीमांचल के मुस्लिम समुदाय आकर्षित हो गए और उसके परिणामस्वरूप एमआईएम ने भी इस सीमांचल से अपने पांच विधायको को जितवाकर इस मुस्लिम बहुल क्षेत्र से बिहार विधान सभा के सदन में धमाकेदार इंट्री दर्ज करा दी।लिहाजा सीमांचल में पूर्व से विचरण करने वाली कांग्रेस और राजद के कान खड़े हो गए थे और उसके बाद उनमें से चार विधायकों को राजद ने अपने पाले में घसीट लिया , तो ,  एमआईएम भी सीमांचल में बेदम हो गई और आने वाले अगले विधान सभा चुनाव में बेहतर परफॉर्मेंस दिखाने की कोशिश और तैयारी में जुटी ही थी कि इस सीमांचल में अब चर्चित चुनावी रणनीतिकार नेता प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की धमक हो गई।

जिसकी नींव रखे जाने की घड़ी में ही जन सुराज का झंडा बुलंद करते हुए राजद कांग्रेस जदयू एमआईएम और बीजेपी तक से विमुख होकर पहुंचे अन्य वर्गों की भांति जब मुस्लिम समाज के कार्यकर्ता और नेता भी शामिल हो गए तो यह चर्चा का विषय बन गया।

जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर के कथनानुसार  , भाजपा ने जिस तरह से भारत की चुनावी राजनीति की मुख्य धारा से मुस्लिम समुदाय को छांटकर देश में विगत 11 वर्षों से सरकार स्थापित कर रखा है , वह उस मुस्लिम समुदाय को अपने दल की चुनावी राजनीति में सहयोगी बनाकर अपने साथ रखते हुए भाजपा के खिलाफ भी ऐसी चुनावी राजनीति का आगाज करेंगे कि देश की वर्तमान व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन सुनिश्चित हो जाय।

अर्थात , प्रशांत किशोर इस सीमांचल के मुस्लिम समुदाय को अपने सहयोगी के रूप में साथ लेकर न केवल व्यवस्था में परिवर्तन कराना चाहते हैं वल्कि मुस्लिम वोटों की ताकत के बूते भाजपा को सबक भी सिखाने की तैयारी में हैं।

जिसका खुलासा होने पर सीमांचल के बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय में अब जन सुराज पार्टी के प्रति भी व्यापक आकर्षण बढ़ता नजर आ रहा है और कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि सीमांचल के मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस राजद जदयू एमआईएम और भाजपा से विमुख होकर अब प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी में भी अपने उत्थान की संभावनाओं की तलाश शुरू करने की मूड में आ रहे हैं।

जिसे भांपकर सीमांचल में अब तक विचरण करती रहने वाली राजनीतिक दलों में भारी घबराहट शुरू होने लगी है कि इसी प्रकार सीमांचल का बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय अपनी ठोस ठांव की तलाश में इस दल से उस दल में उछल कूद करता रहेगा तो निश्चित तौर पर सीमांचल में अगला विधान सभा चुनाव की घड़ी आते आते एक और राजनीतिक तूफान पैदा हो जायेगा और उसके परिणामस्वरूप सीमांचल की अब तक की राजनीतिक स्वरूप में भारी बदलाव की संभावना भी बलबती हो जायेगी।

बहरहाल , यहां पर हम यह बता देते हैं कि पूर्णिया जिले में जन सुराज पार्टी की आधारशिला रखने से लेकर कमिटी के गठन की घोषणा तक की कार्यवाही में नेपथ्य से पूर्णिया के पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह की ही महत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है।

करीब एक साल से उन्हीं के पूर्णिया आवास से जन सुराज के अभियान का संचालन होता रहा है और जन सुराज की टीम के द्वारा किए जाते रहे जनाधार की मजबूती के लिए कठोर परिश्रम के प्रतिफल या प्रयोग के तौर पर ही रूपौली विधान सभा क्षेत्र में विगत दिनों हुए विधान सभा के उप चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह की जीत को सुनिश्चित कराया गया था।

पूर्णिया में गठित जन सुराज की जिला कमिटी के जिलाध्यक्ष पद पर तैनात कराए गए राकेश कुमार उर्फ बंटी यादव न केवल पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह के प्रबल सहयोगी की पहचान रखते हैं वल्कि बंटी यादव की व्यक्तिगत पहचान भी पुराने राजनीतिक घराने के मजबूत सदस्य के रूप में रही है।

राकेश कुमार उर्फ बंटी यादव पूर्णिया के पूर्व भाजपा सांसद ब्रज किशोर यादव के पुत्र हैं और स्वाभिमानी होने के साथ साथ धमदाहा क्षेत्र के अच्छे किसान और पूर्णिया के अच्छे व्यवसायी भी हैं।

पूर्णिया जिला परिषद के उपाध्यक्ष और जिला कांग्रेस कमिटी के जिलाध्यक्ष नीरज सिंह उर्फ छोटू सिंह से बंटी यादव की घनिष्ठता और दोस्ती की मिसालें संपूर्ण पूर्णिया में चर्चित है जबकि दूसरी ओर देर सबेर पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का सौभाग्य जन सुराज के बैनर तले प्राप्त किए बंटी यादव पूर्व से ही बेहतर जनाधार के स्वामी भी रहे हैं जिस कारण वह एक बार पूर्णिया जिला परिषद के सदस्य भी निर्वाचित हुए थे।

शायद यही कारण है कि पूर्णिया के पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने अपनी ओर से संदेश भेजकर बंटी यादव के जिलाध्यक्ष  नियुक्त होने पर बधाइयां दीं और उनके नेतृत्व में जन सुराज पार्टी के संगठन की मजबूती की आशा व्यक्त की।