व्यवहार न्यायालय कटिहार के चतुर्थ एडीजे अनिल कुमार राम ने युवती की हत्या के मामले में दो अभियुक्तों को सुनाई उम्र कैद की सजा

कटिहार जिले के बारसोई थाना कांड संख्या 21/21 में 14 फरवरी 2021 को एक लड़की की हत्या के मामले में कटिहार जिला व्यवहार न्यायालय के चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) अनिल कुमार राम ने 3 सितंबर को फैसला सुनाया। मामले में दोषी पाए गए पहाड़पुर निवासी मो० ओली और मो० सलाम को उम्र कैद की सजा और 20,000 रुपये का अर्थदंड दिया गया। अर्थदंड न भरने पर अतिरिक्त नौ महीने की सजा भी भुगतनी पड़ेगी। यह मामला एक प्रेम प्रसंग से जुड़ा था, जिसमें पीड़िता गर्भवती हो गई थी। अभियुक्तों ने उसे धोखे से बुलाकर हत्या कर दी थी। न्यायालय ने सजा सुनाने के बाद दोनों को जेल भेज दिया। पीड़ित परिवार ने इसे इंसाफ की जीत बताया।

व्यवहार न्यायालय कटिहार के चतुर्थ एडीजे अनिल कुमार राम ने युवती की हत्या के मामले में दो अभियुक्तों को सुनाई उम्र कैद की सजा

सीमांचल  (अशोक/विशाल)

कटिहार जिला व्यवहार न्यायालय के अंतर्गत लंबित सेशन ट्रायल केस नंबर 186/21 में मंगलवार 3 सितंबर को कटिहार के चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार राम ने स्पीडी ट्रायल के तहत फैसला सुनाते हुए   उक्त मामले में दोषी ठहराए गए दो अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाया।

उक्त फ़ैसले के संबंध में जानकारी देते हुए कटिहार व्यवहार न्यायालय के अपर लोक अभियोजक प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि कटिहार व्यवहार न्यायालय के चतुर्थ एडीजे अनिल कुमार राम ने कटिहार जिले के बारसोई थाना में धारा 302/34 और 120बी/302 के अंतर्गत दर्ज थाना कांड संख्या 21/21 में दोषी ठहराए गए पहाड़पुर निवासी 40 वर्षीय मो०ओली उर्फ वाली वाला एवं 37 वर्षीय मो० सलाम को आजीवन कारावास की सजा के साथ साथ बीस हजार अर्थदंड की सजा का भी आदेश सुनाया है।

न्यायिक आदेश में कहा गया है कि अर्थ दंड की राशि अदा नहीं करने पर अभियुक्तों को नौ माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भी भुगतनी पड़ेगी।

अपर लोक अभियोजक ने बताया कि न्यायालय द्वारा सजा सुनाने के बाद दोनों आरोपित को न्यायिक अभिरक्षा में लेते हुए जेल भेज दिया गया है।

अपर लोक अभियोजक प्रमोद कुमार यादव के अनुसार इस  मामले में कुल नौ गवाहों की गवाही हुई थी।

गौरतलब है कि उक्त घटना को लेकर 14 फरवरी 2021 को बारसोई थाना क्षेत्र के पहाड़पुर निवासी सूचक हमेदुल उर्फ चमेदुल ने अपनी मृत पुत्री सुहागी खातून की हुई मौत के संबंध में बारसोई थाना में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि उसकी पुत्री सुहागी खातून का बीते एक वर्ष से मो० सलाम के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिसके परिणामस्वरूप उनकी पुत्री गर्भवती हो गई थी और इसकी सूचना मिलने पर सलाम दिल्ली चला गया था। बाद में सलाम के दोस्त मो० ओली ने साज़िशतन यह कह कर कि मो० सलाम उसकी पुत्री सुहागी खातून से शादी करना चाहता है और वह बारसोई आया हुआ है उसकी बेटी सुहागी खातून को ले जाकर दोनों दोस्त के द्वारा मार दिया गया और दूसरे दिन की सुबह में मोहसिन के खेत में उनकी पुत्री सुहागी का शव बरामद हुआ। जिसके शरीर पर जख्मों के काफी निशान थे।

कटिहार व्यवहार न्यायालय के चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार राम के द्वारा इस मामले में दोनों आरोपियों को उम्र कैद की सजा का फैसला सुनाए जाने के बाद पीड़ित सूचक ने न्यायिक फैसले को इंसाफ की जीत बताया और राहत की सांस ली।