बिहार कांग्रेस को नई शुरुआत की जरूरत: इंतेखाब आलम का संदेश
बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईसीसी सदस्य इंतेखाब आलम ने कहा कि यह समय निराशा का नहीं, बल्कि कांग्रेस के व्यापक पुनर्निर्माण का है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव बाद की आलोचनाएँ और मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन पार्टी को मजबूत बनाने के लिए अब नई शुरुआत आवश्यक है। आलम ने कहा कि कांग्रेस की ताकत उसके कार्यकर्ताओं की निष्ठा, संगठन की संस्कृति और आपसी सहयोग में निहित है। देश में भाजपा के सामने एकमात्र राष्ट्रीय विकल्प अब भी कांग्रेस ही है, यह इतिहास साबित करता है। उन्होंने सलाह दी कि बिहार कांग्रेस को अपने मूल सिद्धांतों, अनुशासन, एकता और पारदर्शिता के साथ राजनीति की शुरुआत "क ख ग" से करनी होगी। हार को अंत नहीं, बल्कि नई दिशा का संकेत बताते हुए उन्होंने कहा कि जिला, ब्लॉक और प्रदेश स्तर पर संवाद बढ़ाकर आपसी दूरी मिटाई जानी चाहिए। सकारात्मक वातावरण और सामूहिक प्रयासों से कांग्रेस फिर से मजबूत और सक्रिय रूप में उभर सकती है।
सीमांचल (अशोक/विशाल)
बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद पैदा हुई परिस्थितियों पर अपनी पहली प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य इन्तेखाब आलम ने कहा कि यह समय निराशा का नहीं, बल्कि एक व्यापक, सार्थक और एकजुट हो पुनर्निर्माण का है। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद पार्टी के भीतर चली चर्चाएँ, मतभेद, टिप्पणियाँ और विभिन्न तरह की प्रतिक्रियाएँ स्वाभाविक हैं, लेकिन , अगर कांग्रेस को बिहार में मजबूती से खड़ा करना है, तो पूरी ताक़त के साथ आगे बढ़ने का यही सही समय है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जैसी विचारधारा आधारित पार्टी की वास्तविक शक्ति उसके कार्यकर्ताओं की प्रतिबद्धता, संगठन की संस्कृति और आपसी सहयोग में निहित होती है। उन्होंने कहा कि आज भी देश की राजनीतिक स्थितियों में यदि भारतीय जनता पार्टी के सामने कोई राष्ट्रीय विकल्प दिखाई देता है, तो वह केवल कांग्रेस है और यह भरोसा जनता का नहीं बल्कि इतिहास का जताया हुआ है।
कांग्रेस के ए आई सी सी मेंबर इन्तेखाब आलम ने कहा कि हाल के चुनाव परिणामों से सबक लेते हुए बिहार कांग्रेस को अब एक नई शुरुआत करनी चाहिए। किसी पर आरोप लगाना, किसी के खिलाफ बोलना या आपसी दूरी बढ़ाना न तो पार्टी की परंपरा रही है और न ही वर्तमान परिस्थिति की मांग है।
कांग्रेस नेता इंतेखाब आलम ने कहा कि कांग्रेस को अपनी पुरानी पहचान की वापसी के लिए पुनः अपनी राजनीति क ख ग से शुरू करना होगा और मूल सिद्धांतों और साफ सुथरे शुरुआत के साथ आगे बढ़ना होगा , जिसमें एकता, अनुशासन, संवाद और संगठनात्मक पारदर्शिता प्रमुख आधार रहे।
उन्होंने यह भी कहा कि हार किसी यात्रा का अंत नहीं होती, बल्कि एक नए मार्ग की शुरुआत का संकेत होती है। कांग्रेस ने सदैव संघर्ष से ही अपनी जगह बनाई है और बिहार में नई ऊर्जा को जोड़ने का उचित अवसर पूरी तरह मौजूद है।
कांग्रेस नेता इंतेखाब आलम ने कहा कि यदि जिला, ब्लॉक और प्रदेश स्तर पर बैठे सभी साथी आपस में बातचीत कर, आपसी मनमुटाव को दूर कर साझा लक्ष्य तय करके आगे बढ़ें , तो , कांग्रेस की स्थिति न केवल सुधरेगी बल्कि मजबूती से उभरकर कांग्रेस सामने आएगी।
उन्होंने कहा कि इस समय किसी व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि संगठन की मजबूती की आवश्यकता है, और यह संदेश हर कांग्रेसी साथी तक पहुँचना जरूरी है।
इन्तेखाब आलम ने कहा कि बिहार की जनता आज भी कांग्रेस की राजनीतिक और वैचारिक स्थिरता पर विश्वास करती है, इसलिए यह ज़रूरी है कि हम सब मिलकर एक सकारात्मक वातावरण तैयार करें और कांग्रेस को उसके गौरवशाली स्वरूप के साथ फिर से जीवंत बनाएं। उन्होंने सभी कांग्रेसजनों से अपील की कि नई शुरुआत को अपना संकल्प बनाएं और एकजुट होकर आगे बढ़ें, क्योंकि कांग्रेस की विचारधारा जीवित है और सामूहिक प्रयासों से वह और भी अधिक सशक्त होकर आगे आएगी।



