वक्फ़ संशोधन विधेयक को हम पास नहीं होने देंगे तेजस्वी यादव

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर देशभर में मुस्लिम संगठनों और बुद्धिजीवियों में गहरी चिंता है। इस विधेयक के खिलाफ व्यापक विरोध हो रहा है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्देश पर, अमारत-ए-शरिया के प्रतिनिधि बिहार, ओडिशा और झारखंड के राजनीतिक नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। इसी क्रम में, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान से भी मुलाकात की गई, जिन्होंने आश्वासन दिया कि वे वक्फ के मामलों में किसी भी बदलाव का समर्थन नहीं करेंगे और मुसलमानों के खिलाफ किसी भी कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं करेंगे। 22 अगस्त को बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से भी इसी मुद्दे पर मुलाकात हुई। प्रतिनिधियों ने उन्हें वक्फ संशोधन विधेयक के खतरों और इसके संविधान विरोधी पहलुओं से अवगत कराया। तेजस्वी यादव ने आश्वासन दिया कि वे इस विधेयक का कड़ा विरोध करेंगे और अन्य विपक्षी दलों से भी समर्थन जुटाएंगे। उन्होंने वादा किया कि आरजेडी इस विधेयक के खिलाफ अपना लिखित रुख प्रस्तुत करेगी। प्रतिनिधिमंडल ने उनके सहयोग और समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।

वक्फ़ संशोधन विधेयक को हम पास नहीं होने देंगे तेजस्वी यादव

(प्रेस विज्ञप्ति, फुलवारी शरीफ, 22 अगस्त 2024)

इस समय पूरे देश में 2024 के वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर मुस्लिम बुद्धिजीवियों, संगठनों और संस्थाओं में चिंता की लहर है। हर तरफ से इस विधेयक के खिलाफ तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रस्ताव के अनुसार, अमारत-ए-शरिया, बिहार, ओडिशा, झारखंड और बंगाल के अमीर-ए-शरीयत हजरत मौलाना सैयद अहमद वली फैसल रहमानी साहब के निर्देश पर, बिहार, ओडिशा और झारखंड के राजनीतिक उच्च पदाधिकारियों से मुस्लिम संगठनों और संस्थाओं के प्रतिनिधि लगातार मुलाकात कर रहे हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी के सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान से मुलाकात की गई, जिसमें उन्होंने आश्वासन दिया कि वक्फ में किसी भी प्रकार का बदलाव हम स्वीकार नहीं करेंगे और हम मुसलमानों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर केंद्र सरकार वक्फ की मंशा और शरीयत के खिलाफ इसमें कोई भी बदलाव करती है, तो हम इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे।

इसी सिलसिले में 22 अगस्त को बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष, पूर्व उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की गई। इस मुलाकात में मौलाना रिजवान अहमद इस्लाही, अमीर, जमात-ए-इस्लामी, बिहार; इंजीनियर फहद रहमानी, सीईओ, रहमानी 30; अमारत-ए-शरिया के कार्यवाहक नाजिम मौलाना मोहम्मद शिबली कासमी; डॉ. फरीद, इदारा-ए-शरिया; मौलाना अबुल कलाम कासमी शम्सी, उपाध्यक्ष, ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस; मौलाना मोहम्मद अब्बास कासमी, जनरल सेक्रेटरी, जमीयत-उलमा बिहार (अ); अनवर-उल-हुदा, पत्रकार; मौलाना मोहम्मद यासिर और मौलाना मोहम्मद इज़हार, जमीयत-उलमा (म); और कोलकाता के प्रसिद्ध समाजसेवी अल्हाज सऊद आलम भी शामिल थे।

मौलाना रिजवान अहमद इस्लाही ने वक्फ संशोधन विधेयक की खामियों को विस्तार से बताया और इसके परिणामस्वरूप वक्फ भूमि के नुकसान के खतरों को स्पष्ट किया। इंजीनियर फहद रहमानी ने भारतीय संविधान के आलोक में बताया कि यह विधेयक कई महत्वपूर्ण कानूनों का उल्लंघन करता है। उन्होंने मुसलमानों का पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय प्रस्तावित संशोधन विधेयक को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेगा।

अमारत-ए-शरिया के कार्यवाहक नाजिम मौलाना मोहम्मद शिबली कासमी ने कहा कि यह विधेयक वक्फ अधिनियम को कमजोर करने के लिए लाया जा रहा है, जिसे पहले बड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद कानून निर्माताओं द्वारा पारित कराया गया था। केंद्र सरकार इसे समाप्त करना चाहती है। इसके अलावा, डॉ. फरीद, मौलाना अबुल कलाम कासमी शम्सी और मौलाना अब्बास कासमी ने भी संशोधित बिंदुओं को संविधान विरोधी बताया और विधेयक के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा। 

तेजस्वी यादव ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की बातों को गंभीरता से सुना और कहा कि केंद्र सरकार मुसलमानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना चाहती है। उनके पास वोट बैंक के लिए कोई एजेंडा नहीं है, इसलिए वे वक्फ विधेयक में संशोधन करना चाहते हैं और इसके माध्यम से मुसलमानों की वक्फ संपत्ति को हड़पना चाहते हैं। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे। भले ही हमारे कोई राजनीतिक प्रतिनिधि संयुक्त संसदीय समिति में न हों, फिर भी हम सभी विपक्षी दलों से संपर्क करेंगे और मिलकर स्टैंडिंग कमिटी को सलाह देंगे कि किसी भी स्थिति में वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव न किया जाए। हमें उम्मीद है कि हम अपनी कोशिशों में सफल होंगे और इस संबंध में हमारा हर संभव सहयोग आपके साथ रहेगा।

उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक पार्टी होने के नाते, हम अपनी पार्टी का लिखित रुख इस विधेयक के खिलाफ कमिटी को देंगे। प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व के रुख और आगामी आश्वासन के लिए धन्यवाद व्यक्त किया।