जन सुराज में शामिल होंगे पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र यादव, सीमांचल से समर्थकों का पटना कूच
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी बिहार में राजनीतिक अस्थिरता का फायदा उठाने में जुटी है। 27 अगस्त को पटना के ज्ञान भवन में पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र यादव जन सुराज की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इस खबर के बाद सीमांचल, विशेषकर पूर्णिया से यादव समाज के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में पटना रवाना हो चुके हैं। राजद नेतृत्व की तानाशाही प्रवृत्ति से नाराज सीमांचल के नेताओं का कहना है कि जन सुराज पार्टी अब एक मजबूत विकल्प के रूप में उभर रही है, खासकर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में। बायसी के नेता शाहनवाज आलम ने भी देवेंद्र यादव का स्वागत किया है और दावा किया कि 1 सितंबर को होने वाले अल्पसंख्यक सम्मेलन के बाद जन सुराज की ताकत बिहार की राजनीति में स्पष्ट दिखाई देगी। आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में जन सुराज का प्रभाव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
सीमांचल (अशोक/विशाल)
- 27 अगस्त : प्रशांत किशोर के हाथों पटना के ज्ञान भवन में जन सुराज की सदस्यता ग्रहण करेंगे पूर्व केंद्रीय मंत्री सह राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेन्द्र यादव
- सीमांचल पूर्णिया से धीरेन्द्र यादव के नेतृत्व में पटना रवाना हुए समर्थक
- बायसी नेता शाहनवाज आलम ने कहा कि 1 सितंबर के अल्पसंख्यक सम्मेलन से बिहार की राजनीति में जन सुराज की औकात दिखेगी
बिहार में एक ओर जहां भाजपा और कांग्रेस के संगठन बिल्कुल स्थिर स्थिति में अपने अपने राजनीतिक मुकाम हासिल करने में लगे हुए हैं वहीं दूसरी ओर उसके विपरीत बिहार में स्थापित सत्तारूढ़ दल जदयू या फिर विपक्ष की नेतृत्वकर्ता राजद में दिन प्रति दिन उतनी ही अस्थिरता और भगदड़ की स्थिति व्याप्त होते जा रहे हैं।
जन सुराज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भीड़ की कुछ झलकियां।#JanSuraaj_Membership, #DevendraYadav_JanSuraaj, #Seemanchal_Politics, #PrashantKishor_JanSuraaj, #Bihar_Politics, #RJD_Leaders_Defection, #Seemanchal #September1st_Minority_Conference pic.twitter.com/sPxS5DmTcx
— Faisal Sultan (@faisalsultan) August 26, 2024
जदयू और राजद के संगठनों में जब जब उथल पुथल की स्थितियां उत्पन्न होती हैं तब तब उससे फायदे लपकने के लिए दूसरी दलें तैयार रहती आई हैं और इनके नेताओं और कार्यकर्ताओं को लपक लेती है।
2025 के आगामी बिहार विधान सभा आम चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में शुरू हुए लपका लपकी के इस नये खेल में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी बिहार में मुख्य रूप से सामने आ चुकी है और भरपूर लाभ हासिल करने में जुट गई है।
यूं तो जन सुराज पार्टी को लेकर पूर्व में प्रथम दृष्टया प्रतीत हुआ था कि इस पार्टी में हाशिए की राजनीतिक जिंदगी जीने वाले ही एक बैनर और ठांव की तलाश में शामिल होने की होड़ मचा रहे हैं।
लेकिन , उसके बाद जब कुछ महत्वपूर्ण नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इस जन सुराज की सदस्यता ग्रहण करनी शुरू कर दी तो आम आवाम के बीच इस पार्टी को लेकर भी चर्चों की शुरूआत होने लगी।
और , जब इस पार्टी में पूर्व मंत्री , पूर्व सांसद , पूर्व विधायक ने भी सदस्यता ग्रहण करने की होड़ मचानी शुरू कर दी तो आम आवाम के बीच जारी चर्चाओं के बीच प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी गंभीर विषय वस्तु बनती दिखाई देने लगी।
बहरहाल , आगामी बिहार विधान सभा चुनाव से पहले इस पार्टी के संस्थापक संयोजक प्रशांत किशोर ने जब बिहार की सभी 243 विधान सभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने की घोषणा करते हुए बिहार में जन सुराज पार्टी की 40 महिला उम्मीदवारों और 70 मुस्लिम उम्मीदवारों को विधान सभा चुनाव में उतारने की गारंटी की घोषणा कर दी तो बिहार के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल क्षेत्र सीमांचल पूर्णिया प्रमंडल के चारो जिलों में जन सुराज पार्टी के प्रति आकर्षण व्याप्त होनी शुरू हो गई।
हाल ही में इस पार्टी द्वारा पटना में आयोजित हुई महिला मोर्चा सम्मेलन की सफलता को लेकर जो चर्चा सीमांचल में शुरू हुई है , उसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र यादव के द्वारा सदस्यता ग्रहण करने की खबर ने चार चांद लगा दिया है।
खबरों के अनुसार , बिहार के नामचीन पूर्व सांसद सह केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र यादव 27 अगस्त को पटना स्थित ज्ञान भवन में जन सुराज पार्टी के संस्थापक संयोजक प्रशांत किशोर के हाथों जन सुराज पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
बताया जाता है कि इस खबर पर उक्त सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सीमांचल पूर्णिया प्रमंडल के चारो जिले से बड़ी संख्या में पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेन्द्र यादव समर्थक यादव समाज के नेता और कार्यकर्ता पटना के लिए कूच कर गए हैं।
पूर्णिया से उक्त कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की भीड़ लेकर पटना के लिए निकले नेता धीरेन्द्र यादव ने राजद नेतृत्व की बढ़ती तानाशाही प्रवृति का जिक्र किया।
नेता धीरेन्द्र यादव ने बताया कि जिस राजद में समर्पित यादवों से गुलाम की भांति सुलूक किए जाने लगे हैं और पूरे बिहार में मुस्लिम समाज से लोक सभा चुनाव लड़ने लायक महज दो उम्मीदवार ही चुनावी टिकट के लिए उपयुक्त माने जाते हैं उस राजद की तानाशाही प्रवृति को अब और ज्यादा सहन करने की स्थिति में सीमांचल और उनका स्वजातीय समाज नहीं है।
उन्होंने कहा कि राजद नेतृत्व की तानाशाहीपूर्ण प्रवृति के कारण ही पूर्णिया में निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव को अपार जनसमर्थन देकर सांसद बनाया गया और अगले विधान सभा चुनाव में अब जन सुराज की आंधी चलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
इस बीच पूर्णिया जिले के बायसी विधान सभा क्षेत्र के लोकप्रिय समाजसेवी सह जन सुराज पार्टी के नेता शाहनवाज आलम ने जन सुराज पार्टी में शामिल हो रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सह राजद के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेन्द्र यादव का जन सुराज पार्टी में स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि आने वाले अगले कुछ ही दिनों में सीमांचल भर की राजद जदयू और एमआईएम में भारी भगदड़ मचने वाली है और जन सुराज पार्टी की ओर से 1 सितंबर को पटना में आयोजित होने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के सम्मेलन के बाद अल्पसंख्यक समुदाय का बड़ा हिस्सा जन सुराज के बैनर तले अपने राजनीतिक अधिकार की लड़ाई लड़ने को तैयार हो जाएगा।



