शेखपुरा के नए जिला पदाधिकारी आरिफ अहसन: विकास, पारदर्शिता और जनसेवा के प्रतीक

आरिफ अहसन ने 11 सितंबर 2024 को शेखपुरा जिले के 24वें जिला पदाधिकारी के रूप में पदभार ग्रहण किया। इससे पहले उन्होंने पूर्णिया में नगर आयुक्त के रूप में काम किया, जहाँ ईमानदारी और कर्मठता के लिए पहचाने गए। उनकी प्रशासनिक प्राथमिकताओं में पारदर्शिता और जनता की सेवा पर विशेष ध्यान रहेगा। शेखपुरा में उनकी चुनौतियाँ शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, और बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित हैं। अल्पसंख्यक समाज की शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीदें भी उनसे जुड़ी हैं। श्री आरिफ अहसन का लक्ष्य जिले में विकास को गति देना और समाज की उम्मीदों पर खरा उतरना है।

शेखपुरा के नए जिला पदाधिकारी आरिफ अहसन: विकास, पारदर्शिता और जनसेवा के प्रतीक

अशोक कुमार

भारतीय प्रशासनिक सेवा के नौजवान अधिकारी आरिफ अहसन (IAS) शेखपुरा जिले के 24वें जिला पदाधिकारी के रूप में नई जिम्मेदारी ग्रहण करते हुए सरकार की प्राथमिकताएं पूरी करने और समाज की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए 11 सितंबर 2024 को योगदान किये। जाहिर सी बात है कि 11सितंबर 2024 का दिन शेखपुरा जिले के लिए ऐतिहासिक महत्व का दिन रहा , क्योंकि श्री आरिफ अहसन, भाप्रसे ने 24वें जिला पदाधिकारी के रूप में उस जिले में पदभार ग्रहण किया।

शेखपुरा की निवर्तमान जिला पदाधिकारी श्रीमती जे. प्रियदर्शनी से पदभार ग्रहण करते हुए श्री आरिफ अहसन, भाप्रसे ने स्पष्ट किया कि उनका प्रशासनिक कार्यकाल जनता की सेवा और पारदर्शिता पर केंद्रित रहेगा।

पूर्व में बिहार के सीमांचल क्षेत्र के पूर्णिया में नगर निगम के नगर आयुक्त के पद पर एक ईमानदार और कर्मठ अधिकारी के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले श्री आरिफ अहसन को लोगों के बीच विशेष सम्मान प्राप्त है। उन्होंने अपने अब तक के प्रशासनिक करियर में जनता की भलाई और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन को सर्वोपरि रखा है। 

परिवारिक पृष्ठभूमि और प्रारंभिक जीवन

श्री आरिफ अहसन का जन्म एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ। उनका पालन-पोषण एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां शिक्षा को विशेष महत्व दिया जाता था। उनके माता-पिता ने उन्हें प्रारंभ से ही शिक्षा के महत्व को समझाया और उच्च शिक्षा प्राप्त करने की प्रेरणा दी। उनके पिता एक शिक्षक थे। जिन्होंने समाज में शिक्षा के प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। माता भी घरेलू होते हुए अपने बच्चों को नैतिक और सामाजिक मूल्यों से प्रेरित करती रहीं। परिवार के इस शैक्षिक माहौल का असर उनके जीवन पर पड़ा और उन्होंने प्रारंभ से ही पढ़ाई में उत्कृष्टता हासिल की।

श्री आरिफ अहसन का जीवन हमेशा से अनुशासन और ईमानदारी का रहा है। बचपन से ही उनका झुकाव समाजसेवा की ओर भी रहा था। उनके परिवार ने उन्हें हमेशा से सामाजिक और नैतिक मूल्यों के प्रति समर्पित रहने के लिए प्रेरित किया। यही कारण है कि श्री अहसन का व्यक्तित्व दूसरों के प्रति सहानुभूति, सेवा भावना और ईमानदारी से भरा हुआ है।

शिक्षा और प्रारंभिक करियर

श्री आरिफ अहसन ने प्रारंभिक शिक्षा अपने गृह नगर से प्राप्त की। उन्होंने हाई स्कूल तक की शिक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन किया और हमेशा अपने शिक्षक और सहपाठियों के बीच सम्मानित रहे। उनके दोस्तों और अध्यापकों के अनुसार, वह एक मेहनती और ईमानदार छात्र थे, जिनकी सोच हमेशा से ही बड़ी रही थी।

हाई स्कूल के बाद उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (JMI) से बी.टेक (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) की डिग्री प्राप्त की। जामिया में अपने समय के दौरान भी श्री अहसन का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा। वे तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर भी गहरी सोच रखते थे। जामिया से स्नातक करने के बाद , उन्होंने कुछ समय तक निजी क्षेत्र में काम किया, लेकिन उनका उद्देश्य सिविल सेवा में जाना था। इस उद्देश्य के साथ उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की और 2016 में अखिल भारतीय स्तर पर 74वीं रैंक हासिल की।

प्रशासनिक सेवा में योगदान

श्री आरिफ अहसन के प्रशासनिक करियर की शुरुआत 2016 में IAS अधिकारी के रूप में हुई। अपनी ईमानदारी, मेहनत और जनसेवा की भावना के चलते, उन्होंने बहुत कम समय में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनके करियर का पहला बड़ा कदम तब आया, जब उन्हें जमुई जिले में डिप्टी डेवलपमेंट कमिश्नर (DDC) के रूप में नियुक्त किया गया। जमुई में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया और प्रशासनिक सेवा में पारदर्शिता और जनसंपर्क को प्राथमिकता दी।

उनका कार्यकाल इस बात का प्रमाण था कि एक योग्य अधिकारी कैसे अपने प्रशासनिक कार्यों से समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। उन्होंने न केवल प्रशासनिक कार्यों को कुशलतापूर्वक संचालित किया, बल्कि जनता के बीच अपनी सादगी और सेवा भावना से भी उन्हें काफी लोकप्रियता हासिल हुई।

शेखपुरा जिले का परिचय और चुनौतियाँ

शेखपुरा बिहार का एक छोटा और विकासशील जिला है, जिसकी आबादी मुख्यतः कृषि और कुटीर उद्योगों पर निर्भर है। यह जिला सामाजिक रूप से विविध है, जहां जातीय और धार्मिक असमानताएं भी देखने को मिलती हैं। प्रशासनिक स्तर पर इस जिले की सबसे बड़ी चुनौतियों में आधारभूत संरचना का विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, अल्पसंख्यक समुदाय की समस्याओं का समाधान और रोजगार के अवसरों का सृजन शामिल है।

श्री आरिफ अहसन के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती शेखपुरा जिले में विकास को गति देना और जनता के विश्वास को बनाए रखना है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, बुनियादी ढांचा और अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए योजनाएं बनाना और उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करना उनके लिए एक बड़ा कार्य होगा।

प्राथमिकताएँ और चुनौतियाँ

शेखपुरा जिले के जिला पदाधिकारी के रूप में श्री आरिफ अहसन ने अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने यह वादा किया है कि उनका मुख्य फोकस जनता की समस्याओं का समाधान करना और जिले को एक बेहतर प्रशासनिक ढांचे में ढालना होगा।

उनकी प्राथमिकताएँ इस प्रकार हैं:

शिक्षा में सुधार:

शेखपुरा जिले में शिक्षा की स्थिति सुधारना उनकी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है। सरकारी स्कूलों की स्थिति को सुधारने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी। उनका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना और छात्रों को आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ना है।

स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार:

शेखपुरा जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में सुधार के लिए श्री अहसन ने कई योजनाओं का प्रस्ताव दिया है। उनका उद्देश्य जिला अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति में सुधार लाना और स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना है।

रोजगार सृजन और कौशल विकास:

श्री अहसन का मानना है कि जिले के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों की कमी एक बड़ी समस्या है। वे कौशल विकास योजनाओं के माध्यम से युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने का प्रयास करेंगे।

सड़क और बुनियादी ढांचे का विकास:

शेखपुरा जिले में सड़कों और बुनियादी सुविधाओं की कमी जनता के लिए एक बड़ी समस्या है। श्री अहसन का उद्देश्य सड़कों और अन्य आधारभूत संरचनाओं का विकास करना और जिले को एक आधुनिक स्वरूप देना है।

कृषि और ग्रामीण विकास:

चूंकि शेखपुरा जिले की अधिकांश आबादी कृषि पर निर्भर है, इसलिए श्री अहसन की योजना कृषि क्षेत्र में सुधार की है। वे किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ने और उन्हें समय पर बीज, खाद और पानी की सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करेंगे।

अल्पसंख्यक समाज की उम्मीदें:

श्री आरिफ अहसन के शेखपुरा जिले के जिला पदाधिकारी बनने के बाद, अल्पसंख्यक समाज की उनसे कई उम्मीदें जगी हैं। शेखपुरा में अल्पसंख्यक समाज एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है, और इस समुदाय को आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाओं की आवश्यकता है। अल्पसंख्यक समाज के लोग यह उम्मीद करते हैं कि श्री अहसन उनके लिए विशेष योजनाओं को लागू करेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।

अल्पसंख्यकों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार :

अल्पसंख्यक समाज की सबसे बड़ी उम्मीद शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की है। वे चाहते हैं कि उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले और उनके लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएं। श्री आरिफ अहसन से यह उम्मीद की जा रही है कि वे अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में स्कूलों की स्थिति सुधारेंगे और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ाएंगे।

समाज की उम्मीदें और भविष्य की योजनाएं:

श्री आरिफ अहसन के नेतृत्व में शेखपुरा जिला नई ऊंचाइयों को छूने की उम्मीद करता है। उनके प्रशासनिक कौशल और जनसेवा की भावना से जिले की जनता यह उम्मीद करती है कि वे जिले को विकास की दिशा में आगे ले जाएंगे। उनके नेतृत्व में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, विभिन्न योजनाये  और बुनियादी ढांचे में सुधार की दिशा में नए कदम उठाए जाएंगे, जो जिले की तस्वीर को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।