मुजफ्फरपुर बाढ़ का कहर, बागमती स्थिर पर लखनदेई व जोंका नदियां बढ़ा रही परेशानी

मुजफ्फरपुर में बागमती के साथ अब लखनदेई व जोंका का पानी लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है।

मुजफ्फरपुर बाढ़ का कहर, बागमती स्थिर पर लखनदेई व जोंका नदियां बढ़ा रही परेशानी

मुजफ्फरपुर बाढ़ का कहर, बागमती स्थिर पर लखनदेई व जोंका नदियां बढ़ा रही परेशानी, पानी सड़कों पर चढ़ा

नुजहत जहाँ

मुजफ्फरपुर में बागमती के साथ अब लखनदेई व जोंका का पानी लोगों के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है। शुक्रवार को बांध के अंदर स्थिति यथावत रही तो दूसरी ओर लखनदेई व जोंका का पानी कई जगहों पर सड़क पर चढ़ गया। इससे आवागमन बाधित हो गया है।बागमती नदी हालांकि स्थिर है पर बांध के भीतर के गांवों के लोगों की तबाही बरकरार है।

जगह-जगह निजी नाव के सहारे लोग आवागमन कर रहे हैं। बांध के अंदर दर्जनों कच्ची सड़कें व चचरी पुल डूबने के बाद अब नाव ही सहारा है। वहीं लगातार रुक-रुककर हो रही बारिश से विस्थापितों पर दोहरी मार पड़ रही है। लखनदेई का पानी कटरा के मोहनपुर में स्लुइस गेट बंद होने की वजह से बागमती में नहीं मिल रहा है। लखनदेई का पानी उल्टा घूमकर पूरब से पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है। इससे रामपुर-संभूता मुख्य सड़क पर पानी चढ़ गया है। शाम में करीब 40 फीट सड़क पर पानी बह रहा था। शाम पांच बजे के बाद उक्त मार्ग भी बंद हो गया है। 
सड़क डूबने से एरिया, बेरिया, बनवासपुर, रतवारा, संभूता, बिस्था, रतवारा समेत तकरीबन दो दर्जन गांव के लोगों का आवागमन बाधित हो गया है। इधर, लखनदेई का जलस्तर धीरे-धीरे तेजी से बढ़ रहा है। आलमपुर सिमरी के मुखिया प्रतिनिधि संजीत महतो ने बताया कि सिमरी वार्ड 14 में रामाश्रय राय के घर के पास तकरीबन 500 मीटर में तटबंध पूरी तरह ध्वस्त है। वहीं सिमरी महारानी स्थान से लेकर नन्हे सेठ के घर तक लखनदेई बांध तक छोटे-छोटे टूटानी तबाही मचाएंगे। 3 से 4 फीट पानी बढ़ने पर औराई की 16 पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल जाएगा।
बागमती तटबंध के उत्तरी भाग में बांध के बाहर नये इलाके में पानी फैलने लगा है। शुक्रवार को बरैठा, बसघट्टा, खंगुरा, तेहवारा आदि गांव के चौर में पानी भर गया। बर्री-तेहवारा, कटरा-माधोपुर मार्ग पर पानी चढ़ने के बाद आवागमन बाधित है। बरैठा बाजार के निकट टूटे लखनदेई नदी के तटबंध से पानी का फैलाव नए इलाके में तेजी से हो रहा है। दूसरी ओर शाम से बागमती के जलस्तर में कमी होने लगा जिसे बांध के भीतर बसे गांव के लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि बागमती पर बने पीपा पुल से वाहनों का परिचालन ठप है। पैदल लोग आरपार कर रहे हैं। दूसरे दिन भी प्रखंड मुख्यालय से उत्तरी 14 पंचायत का आवागमन बाधित रहा। बागमती नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव से इलाके के लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है। बकुची, मोहनपुर, माधोपुर आदि गांव के लोग बांध पर शरण लेना शुरू कर दिए हैं। जलस्तरमें वृद्धि से सबसे अधिक क्षति सब्जी उत्पादकों को हुई है।
गायघाट में बागमती के जलस्तर में शुक्रवार सुबह से बढ़ोतरी शुरू हुई। दोपहर तक कई चौर में नदी का पानी गिरने लगा था। बागमती की उपधारा लीलजी नदी में उछाल जारी रहा। नदी किनारे के विभिन्न चौर शिवदाहा, साठा, मिश्रौली, केवटसा, हरपुर, कोदयी, बलौर, लदौर व रजुआ चौर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया।
बाढ़ का पानी फैलने से सैकड़ों एकड़ में लगी सब्जी की फसल बर्बाद हो जाएगी। इस भय से किसान बगैर तैयार हरी सब्जियों को तोड़कर औने-पौने भाव में बेच रहे हैं। आने वाले दिनों में इससे कीमत बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है। दूसरी ओर बांध के बाहर गांव में भी बाढ़ की आशंका के कारण लोग धान की खेती नहीं कर रहे हैं।