झारखंड तहरीक ए उर्दू तंजीम का एक दिवसीय महाधरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संयुक्त बिहार एवं सर्व शिक्षा अभियान के तहत अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में संचालित उर्दू स्कूलों के साथ हो रहे भेदभाव
झारखंड तहरीक ए उर्दू तंजीम का एक दिवसीय महाधरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
एम - रहमानी जामताड़ा
जामताड़ा : संयुक्त बिहार एवं सर्व शिक्षा अभियान के तहत अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में संचालित उर्दू स्कूलों के साथ हो रहे भेदभाव पर रोक लगाने, उर्दू विषयों के रिक्त पदों पर बहाली करने एवं अल्पसंख्यकों से जुड़े मामलों को लेकर झारखंड तहरीक ए उर्दू तंजीम जिला कमेटी जामताड़ा के बैनर तले अनुमंडल कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय महाधरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला समिति के संरक्षक हाजी रफीक अनवर में किया। धरना प्रदर्शन में तंजीम के अध्यक्ष अलीमुद्दीन अंसारी उपाध्यक्ष अब्दुल रऊफ अंसारी सचिव हाफिज नाजिर हुसैन सहित अन्य लोगों ने शिरकत किया। कार्यक्रम के दौरान तहरीक ए उर्दू तंजीम के लोगों ने हाथों में तख्ती लिए हुए झारखंड सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया एवं अपने हक और अधिकार लेने की मांग की।
इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हाजी रफीक अनवर ने कहा कि झारखंड सरकार में जो सदियों से उर्दू चल रहा है उर्दू स्कूल में उर्दू को मिटाया जा रहा है और परीक्षा तक हमें भी उर्दू से लिखने नहीं दिया जा रहा है उसी सिलसिले में झारखंड के सभी जिलों में आज उर्दू बचाओ अभियान के तहत धरना और प्रदर्शन का आयोजन किया गया उन्होंने कहा कि जब तक हम लोगों को हक नहीं मिलता है तब तक प्रदर्शन करते रहेंगे उर्दू के साथ सौतेला पन हो रहा है उर्दू इस देश का भाषा है ये कहीं हिजरत करके नहीं आया है यही का भाषा है ओर हिंदी की छोटी बहन है उर्दू। लोग शायद इसको मुसलमान समझ रहे हैं उर्दू किसी की बाप की जागीर नहीं है ये सबकी भाषा है और मिठास भाषा है।
मैं तो यह कहूं अगर फिल्मी दुनिया के लोगों से पूछा जाए के आप उर्दू छोड़कर फिल्में बना दीजिए तो मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि एक भी फिल्म वह बना नहीं सकते है उर्दू के बगैर। यहां होता है कि गुड़ खाए और गुलगुला से परहेज उर्दू तो सब बोलते हैं लेकिन उर्दू से नफरत करते हैं लगता है कि शायद ये मुसलमानों का जागीर है। ये मुसलमानों का जागीर नहीं बल्कि हिंदुस्तान की संस्कृति और तहजीब है उर्दू।
कमेटी के जिला अध्यक्ष अलीमुद्दीन अंसारी ने कहा कि उर्दू के साथ जो सौतेला व्यवहार हो रहा है उसी को लेकर हम लोग आज धरना प्रदर्शन कर रहे हैं आज झारखंड के 6 जिलों में प्रदर्शन हो रहा है इसकी शुरुआती दौर है आज आप देख रहे हैं कि आजादी से पूर्व और आजादी के बाद से भी जितने भी उर्दू विद्यालय चलते आ रहे थे
झारखंड अलग हुए 22 साल हो चुके हैं किसी ने उर्दू विद्यालय की तरफ आंख उठाकर नहीं देखा नहीं किसी प्रकार का दुर्व्यवहार किया लेकिन अभी वर्तमान सरकार उर्दू विद्यालयों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है और वर्षों से चले आ रहे हैं उर्दू स्कूलों से उर्दू को मिटाया जा रहा है इसीलिए आज हम लोग धरना प्रदर्शन में बैठे हैं हमारी बहुत सारी मानी है अगर सरकार पूरी नहीं करती है तो आंदोलन आगे जारी रहेगी।जिला सचिव हाफिज नाजीर हुसैन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जो उर्दू के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है यह कहीं ना कहीं सरकार एक साजिश के तहत मुसलमानों को निशाने पर ले रही है
हालांकि सरकार को सोचना चाहिए यह उर्दू जुबान सिर्फ मुसलमानों की जुबान नहीं है बल्कि पूरे देश की जुबान है और इसी जुबान से हमने कुरान को समझा अपने शरीयत को समझा हमने अपने सारे तरीके को उर्दू से समझा उर्दू के बगैर कोई भी काम मुकम्मल नहीं हो सकता है इसलिए ये उर्दू हमारी तहजीब है हमारी सकाफत है हमारी पहचान है और इस पहचान को हम लोग बाकी रखने के लिए यहां बैठे हुए हैं
अगर हमारी मांगे सरकार पूरी नहीं करती है तो आने वाले दिनों में हम लोग सड़क से लेकर सदन तक इस आवाज को बुलंद करेंगें। इस दौरान कार्यक्रम का संचालन रिजवान अंसारी ने किया।
मौके पर मौलाना इमरान, मोहम्मद फारूक अंसारी, शराफत अंसारी, सरफराज शेख, मनीरउद्दीन अंसारी, रियाजुद्दीन अंसारी, मौलाना ऐनुल हक, मोहम्मद इमरान अंसारी, मौलाना कमरुज्जमां, हाफिज मोहम्मद कमरुद्दीन, अख्तरुल इस्लाम, गुफरान हुसैन, मौलाना शमसुद्दीन, फरीद अंसारी, शमशेर अंसारी, कारी मसूद अंसारी, मौलाना मकसूद, मौलाना असगर अली मिस्बाही, मोहम्मद आजाद अंसारी, मोहम्मद लियाकत अंसारी, हमीद अंसारी, अकबर हुसैन, मुमताज अंसारी, मोहम्मद सिराज अंसारी, मोहम्मद आसिफ इकबाल, समसुल अंसारी, जावेद अंसारी, कासिम अंसारी, एहसानुल हक, हबीब अंसारी, जुम्मन अंसारी, मोहम्मद इसहाक अंसारी, दिलबर अंसारी, अहमद हुसैन, मोहम्मद खुर्शीद अंसारी, मोहम्मद शाहिद, तस्लीम अंसारी, खालिद अंसारी, ताबिशर्रहमान, सलीम अंसारी, मुस्ताक आलम, गुलाम अंसारी, मोहम्मद अजहरुद्दीन अंसारी, मुख्तार अंसारी, मुस्तफा अंसारी, मोबिन अंसारी, आरिफ हुसैन, आजाद अंसारी, अमजद हुसैन, अयूब अंसारी सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे।