किशनगंज संसदीय क्षेत्र की राजनीति बनती जा रही है अबूझ पहेली
पूर्व जदयू विधायक मुजाहिद आलम की भावी भूमिका पर सवालों की बौछार, अख्तरुल ईमान गुट और मास्टर साहब गुट की लड़ाई समझ से परे : दोनो गुट एक दूसरे के प्रतिद्वंदी नहीं बल्कि भाई बन्धु बनकर संयमित रहें और एक दूसरे पर बेवजह टिप्पणी करने से बचें

सीमांचल (अशोक कुमार)
एमआईएम के विधायक सह प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान के सिटिंग विधान सभा क्षेत्र अमौर में अपनी भावी संसदीय चुनाव की चुनावी जमीन तराशने गए कोचाधामन के पूर्व जदयू विधायक मुजाहिद आलम से जब वहां पर मौजूद सोसल मीडिया के एक पत्रकार ने मुजाहिद आलम को चुभने वाली बातें कह दिया तो मुजाहिद आलम अपना आपा खो बैठे और लगे हाथ उक्त पत्रकार के हाथ में पड़े सोसल मीडिया के माईक को छीनने की कोशिश करते हुए उसे उक्त स्थल से निकाल बाहर करने के लिए अपने साथ के कार्यकर्ताओं को कह दिये। बेचारा पत्रकार चीखता चिल्लाता साइड हट गया ।
लेकिन , इस मामले को लेकर एमआईएम से ही जुड़े ठाकुरगंज वाले एक समाजसेवी सह एमआईएम की राजनीति के लोकल पथप्रदर्शक संतोष कुमार चौधरी ने जदयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम को आड़े हाथ लेते हुए घटना के वीडियो को देखकर फेस बुक के माध्यम से प्रश्नों की झड़ी लगा दी और कहा है कि मास्टर साहब क्षमतावान हैं, पत्रकार के प्रश्नों का जवाब वो अच्छी तरह से भी दे सकते थे। परंतु उन्हें सवालों पर इस कदर गुस्साते देख हैरान हो गया हूँ। क्योंकि मास्टर साहब की गिनती अब ऐसे नेताओं में होने लगी है, जिन्हें आमजनता प्रतिपल एक उम्मीद के नजरिए से देखा करती है। ऐसे नेता को किसी भी सवाल पर कम-से-कम क्रोधित होने का तो अधिकार बिल्कुल भी नहीं है! वैसे , मैं ये भी भलीभांति समझ सकता हूँ कि कभी-कभी अनायास ही ऐसे हालात बन जाते हैं कि इंसान स्वयं पर नियंत्रण नहीं रख पाता है। मेरे ख्याल से अब इस बात को बहुत अधिक मथने की आवश्यकता नहीं है।
एमआईएम के विधायक सह प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान के विधान सभा क्षेत्र अमौर में अपनी भावी संसदीय चुनाव की चुनावी जमीन तराशने गए कोचाधामन के पूर्व जदयू विधायक मुजाहिद आलम से जब वहां पर मौजूद सोसल मीडिया के एक पत्रकार ने चुभने वाली बातें पूछ दिया तो मुजाहिद आलम अपना आपा खो बैठे pic.twitter.com/6EynCDhSFh
— Bihar Manthan (@BiharManthan) July 11, 2023
संतोष कुमार चौधरी ने इसी क्रम में लिखा है कि किशनगंज की वर्तमान संसदीय राजनीति के ये दो सक्रिय एवं जाँबाज़ गुट, जिन्हें हम ईमान गुट एवं मास्टर गुट के नाम से जानते हैं , ये दोनों ही गुट अभी की राजनीति में बहुत अधिक संवेदनशील हैं। जिन्हें बात-बात पर बिदकने की लगभग लत लग गई है, और दोनो ही गुट एक-दूसरे को नीचा दिखाने का अवसर तलाशते रहते हैं।
परंतु, इस वक्त ये गौर करना बहुत आवश्यक है कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यदि अपने-अपने अहंकार पर काबू पा लिया जाए, तो न सिर्फ 2024 के चुनाव बल्कि आने वाले सभी चुनावों में हम योग्यता के आधार पर सम्पूर्ण सीमांचल में योग्य नेताओं को चुनकर एक इतिहास रच सकते हैं। वरना, जिस प्रकार से अबतक पटना और दिल्ली में बैठकर सीमांचल के भविष्य को रौंदा गया है, आगे भी अनवरत रौंदा ही जाता रहेगा।
संतोष कुमार चौधरी ने इसी क्रम में उक्त दोनों गुटों के महत्वाकांक्षी लोगों से सवाल किया है कि जो लोग ईमान साहब एवं मास्टर साहब के बीच वैमनस्यता पैदा करने की साजिशें रचते रहते हैं वह क्या जानते हैं कि आने वाले 2024 में काँग्रेस का टिकट मास्टर मुजाहिद साहब को ही मिलेगा? बल्कि नहीं मिलेगा, इसकी गारंटी अधिक है।
उन्होंने सवालों की बौछारें करते हुए पूछा कि क्या काँग्रेस वर्तमान सांसद का टिकट काट रही है? और क्या किशनगंज लोकसभा क्षेत्र की जनता महागठबंधन के हाथों की कठपुतली है?और यदि आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार नहीं बदले जाते हैं और काँग्रेस बीजेपी और एआईएमआईएम के बीच ही फिर इस बार भी चुनावी लड़ाई होती है, तो मास्टर मुजाहिद साहब आने वाले अगले लोकसभा चुनाव में किस प्रकार की भूमिका निभाएंगे? इस बात का अंदाजा लगाया गया है कि नहीं और यदि सचमुच डॉक्टर साहब के टिकट काट लिए जाते हैं, तो क्या कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार भूतपूर्व बहादुरगंज विधायक तौसीफ आलम अथवा भूतपूर्व अमौर विधायक जलील मस्तान नहीं हो सकते हैं?
उन्होंने स्पष्ट सवाल किया कि जदयू को ही क्यूँ , क्या राजद से दिवंगत सांसद मौलाना असरारूल हक साहब के सुपुत्र विधायक सऊद आलम असरार उम्मीदवार नहीं बनाए जा सकते हैं?
उन्होंने पूछा कि पिछले 2020 के विधानसभा चुनाव में किसे पता था कि जिस राजद की ठाकुरगंज क्षेत्र की टिकट के लिए किशनगंज जिले से लेकर राजधानी पटना तक भारी रस्साकशी चली थी वो टिकट लेकर जनाब सऊद साहब आ जाऐंगे?
संतोष कुमार चौधरी ने स्पष्ट किया कि कुल मिलाकर उन्हें कहीं से भी अख्तरूल ईमान साहब और जदयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद साहब की चालू राजनीतिक लड़ाई समझ में नहीं आती है। उन्होंने दोनों ही गुटों के सभी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया है कि वे अपने आप को संयमित रखें। क्योंकि , हम एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी कम और भाई बन्धु अधिक हैं और हो सके तो एक-दूसरे पर बेवजह की टिप्पणी करने से भी बचें। बाँकी जैसी जिसकी सोच ।