बिहार मंत्रिमंडल में किशनगंज की बहुसंख्यक सुरजापुरी मुस्लिम बिरादरी की भागीदारी की ललक अभी तक है बरकरार

बिहार राज्य के सबसे बड़े भाजपा मुक्त मुस्लिम बहुल संसदीय क्षेत्र किशनगंज की सबसे बड़ी आवादी वाली सुरजापुरी मुस्लिम बिरादरी के मन मस्तिष्क में बिहार सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने की ललक अभी तक हिलोरे मार रही है और भरोसा जताया जा रहा है कि दूसरे फेज के मंत्रिमंडल विस्तार के क्रम में इस बिरादरी के भी किसी न किसी विधायक को मंत्री पद से हर हालत में नवाजा जाएगा।

बिहार मंत्रिमंडल में किशनगंज की बहुसंख्यक सुरजापुरी मुस्लिम बिरादरी की भागीदारी की ललक अभी तक है बरकरार

सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक राजद विधायक अंजार नईमी को मंत्री बनाने की मांग उठ सकती है

सीमांचल (विशाल कुमार)

इस सम्बन्ध में चल रही चर्चाओं के अनुसार , जिस सीमांचल के चार विधायकों की आमद से बनी ताकत के बूते राजद और तेजस्वी यादव बिहार विधान सभा के सदन में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर नीतीश कुमार की मदद से बिहार में भाजपा मुक्त महागठबंधन दल की सरकार स्थापित करने में कामयाबी हासिल किये , उनमें से किशनगंज संसदीय क्षेत्र के चार  विधान सभा क्षेत्रों के  सुरजापुरी बिरादरी के राजद विधायकों में से  किसी एक  को भी मंत्री पद का  सम्मान नहीं मिला ।

तुर्रा यह कि उस संसदीय क्षेत्र में एक सीट पर जो कांग्रेस का विधायक विराजमान है , वह भी सुरजापुरी बिरादरी के नाम पर मंत्री पद हासिल नहीं कर पाया।

 

सीमांचल से बिहार सरकार में मंत्री पद का सम्मान पूर्णिया जिले से दो मंत्री बनाए गए और अररिया जिले से एक मंत्री शाहनवाज आलम को बनाया गया , ऐसा इसलिए किया गया कि मंत्री शाहनवाज सीमांचल के राजनैतिक इतिहास के सबसे बड़े लोकप्रिय कद्दावर नेता स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन साहब के छोटे पुत्र हैं।

लेकिन , यहां सवाल पैदा हो रहा है कि जिस किशनगंज संसदीय क्षेत्र की बहुसंख्यक मुस्लिम बिरादरी सुरजापुरी समाज ने भाजपाइयों के राजकाज के जमाने से ही किशनगंज संसदीय क्षेत्र को डंके की चोट पर भाजपा मुक्त बनाए रखा उस सुरजापुरी समाज से भी एक विधायक को बिहार के मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना लाजिमी बनता था।

हालांकि , किशनगंज का सुरजापुरी बिरादरी इस बात को स्वीकारने से परहेज़ नहीं कर रहा है कि मंत्रिमंडल के गठन के प्रथम फेज़ के दौरान बिहार में बहुत बड़ी राजनीतिक उथल पुथल की स्थिति बनी हुई थी और इस मामले पर दूसरे फेज की दौर के बीच उम्मीद पूरा करने के आश्वासन दे दिए गए थे तो किशनगंज संसदीय क्षेत्र के वर्तमान के सभी चारो राजद विधायक ने उम्मीद को गले लगाते हुए उसी समय से सब्र बांध लिया था।

लेकिन , वह बांध रह रह कर कम्पन पैदा कर रहा है।

छह विधान सभा क्षेत्र वाले किशनगंज संसदीय क्षेत्र में महागठबंधन वाली राजद और कांग्रेस के कुल मिलाकर पांच विधायक हैं , जिसमें सभी के सभी सुरजापुरी मुस्लिम बिरादरी से ही हैं।

सर्वे के अनुसार बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र के राजद विधायक अंजार नईमी को मंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त बताया गया है। जबकि दूसरे नंबर पर किशनगंज के कांग्रेस विधायक इजहारूल हुसैन की दावेदारी को भी उचित बताया गया है।

लेकिन , जिलावासियों का कहना है कि अच्छे मिलनसार और व्यवहार कुशल बहादुरगंज विधायक अंजार नईमी में जनता के काम को कराने की जो सलाहियतें हैं उसके अनुसार किशनगंज के सुरजापुरी मुस्लिम बिरादरी में से एकमात्र वही यानि विधायक अंजार नईमी ही बिहार सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने लायक सबसे उत्तम चेहरा हैं।

मंत्री पद हासिल करने की जिद पर उतारू किशनगंज के बहुसंख्यक सुरजापुरी मुस्लिम बिरादरी की दलील है कि सबसे पहले वह खांटी भाजपा विरोधी समाज हैं और दूसरे उनके समाज के युवाओं को राज्य सरकार की स्वीकृति के बाबजूद एनेक्सर वन का जाति प्रमाण पत्र सीमांचल में हासिल इसलिए नहीं हो रहा है कि केंद्रीय सरकार ने इस मद की स्वीकृति देने में लगातार आना कानी कर रखी है।

सुरजापुरी बिरादरी का कहना है कि इस बार जब हमारी बिरादरी के अंजार नईमी सरीखे विधायक को मंत्री पद का सम्मान प्रदान कर दिया जाएगा तो अंजार नईमी में क्षमता है कि वह अपने बिरादरी के आरक्षण के हक को केंद्रीय सरकार की हलक से निकाल लाएंगे।

बहरहाल , यहां पर यह बात बता देना उचित होगा कि किशनगंज के सुरजापुरी समाज में मंत्री पद की एक कुर्सी पाने की जोरदार ललक है , लेकिन , इस मद में एक सच्चाई भी यह है कि मंत्री पद की कुर्सी की लालच में अपनी पार्टी राजद के साथ दबाव की कोई नीति नहीं अपनाएंगे और नहीं कभी कोई नाराजगी का प्रदर्शन करेंगे।

बस सिर्फ चिकेन नेक के नाम से ख्यात किशनगंज के सुरजापुरी समाज की अवतरण स्थली किशनगंज से बीजेपी सरीखे मानवता विरोधी पार्टी को दूर भगाए रखेंगे।