एएमयू किशनगंज के निर्माण पर रोक का आधार कहीं फर्जी तो नहीं

एमआइएम के पूर्णिया जिला सचिव डॉ अबू सायम ने बिहार और केन्द्र की एनडीए गठबंधन की सरकारों से सवाल किया है कि यह मांझी परगना नामक पूर्णिया के बायसी का कौन व्यक्ति है

एएमयू किशनगंज के निर्माण पर रोक का आधार कहीं फर्जी तो नहीं

एमआइएम नेता डॉ अबूसायम ने जताई आशंका

पूछा कि कौन है वह बायसी का मांझी परगना जिसके परिवाद पर लगी रोक

सीमांचल (विशाल/पिन्टू/विकास)

एमआइएम के पूर्णिया जिला सचिव डॉ अबू सायम ने बिहार और केन्द्र की एनडीए गठबंधन की सरकारों से सवाल किया है कि यह मांझी परगना नामक पूर्णिया के बायसी का कौन व्यक्ति है जिसने कोलकाता स्थित एनजीटी की कोर्ट में किशनगंज की एएमयू की शाखा के खिलाफ परिवाद दायर कर एनजीटी की उक्त कोर्ट के आदेश से किशनगंज की एएमयू शाखा के सारे निर्माण कार्य पर रोक लगवाने का काम किया।

डॉ अबू सायम ने आशंका जताई है कि एएमयू के विरूद्ध परिवाद दायर करने वाला व्यक्ति विल्कुल फर्जी है और भाजपाइयों और आरएसएस की मिलीभगत से रचे गए कुचक्र के तहत बिहार की सरकार ने किशनगंज की एएमयू शाखा के निर्माण कार्य में एनजीटी के जरिये रोक लगवाने का काम किया है।

एमआइएम नेता डॉ अबू सायम ने सवाल खड़े किये हैं कि अब जब कोलकाता एनजीटी के न्यायाधीश स्वर्ग सिधार गए हैं तो ट्रांसफर कराकर दिल्ली एनजीटी में लाये गए उक्त किशनगंज एएमयू के मामले की सुनवाई को लम्बित क्यों कर दिया गया है।

डॉ अबू सायम ने आरोप लगाया है कि किशनगंज एएमयू के निर्माण कार्य में लगी रोक का सीधा लाभ स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र के विधानपरिषद सदस्य डॉ दिलीप जायसवाल के द्वारा संचालित किशनगंज मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल को मिल रहा है।

जबकि दूसरी ओर वर्ष 2013 से संचालित किशनगंज की एएमयू की शाखा के लिए स्वीकृत धनराशि 126 करोड़ रूपये को भी लम्बित करके एएमयू की किशनगंज शाखा के अस्तित्व को मिटाने की साजिशें उच्च स्तरीय राजनीति के तहत की जा रही हैं।

एआईएमआईएम के पूर्णिया जिला सचिव डॉ अबूसायम ने सामने आसन्न विधानपरिषद के चुनाव के आलोक में सीमांचल के पूर्णिया किशनगंज अररिया के तमाम त्रिस्तरीय निकाय क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को सचेत रहने की सलाह देते हुए कहा है कि सीमांचल के हक व हुक़ूक़ की हकमारी करने वाले चालाक राजनीतिक तत्वों ने जिस तरह से पूर्व में भी आपके वोटों का हनन कर अपने सिर पर ताज सजाया था , वह इसबार भी दोहराने की ताक में है , इसलिए सतर्क रहना अब ज्यादा जरूरी हो गया है।