सीमांचल में भाजपा को नई उम्मीदें, महागठबंधन की कमजोर होती स्थिति का भाजपा उठा सकती है फ़ायदा
सीमांचल क्षेत्र की राजनीति और आगामी बिहार विधानसभा चुनावों की स्थिति पर चर्चा की गई है। जिसमे, महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस के बीच टिकट को लेकर थोड़े मतभेद उभर रहे हैं, जिससे गठबंधन कमजोर हो सकता है। राजद और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे की सीटों पर दावेदारी कर रहे हैं, जिससे दोनों दलों में अंदरूनी कलह बढ़ रही है। जदयू एवं महागठबंधन की कमजोर स्थिति और राजद-कांग्रेस की आंतरिक कलह से जन सुराज एवं भाजपा को फायदा होने की संभावना है। एमआईएम के पूर्व विधायकों के राजद में शामिल होने से भी सीटों पर विवाद बढ़ गया है, जिससे राजद के अंदर घमासान मचा हुआ है। बायसी क्षेत्र में भी पूर्व और वर्तमान विधायकों के बीच झगड़े ने इस कलह को और उजागर किया।

सीमांचल (अशोक/विशाल)
- दिलीप जायसवाल के बढ़ते प्रेम के दायरे से जदयू नहीं भाजपा रचेगी सीमांचल में नया इतिहास
- महागठबंधन के राजद कांग्रेस दोनों में व्याप्त अंतर्कलह,टिकट की मारामारी और दिलीप जायसवाल की प्रेम के जादू से बीजेपी हो रही सीमांचल में मजबूत
सीमांचल की यह खबर भले ही सीमांचल में विचरण करने वाली राजनीतिक पार्टियों और सीमांचल पर वर्चस्व कायम रखने की दावेदारी करती रहने वाली इंडीया गठबंधन के गले नहीं उतरे , लेकिन , इस बार का पक्का अनुमान लगाया जाने लगा है कि अबकी बार सीमांचल में जदयू की नहीं बल्कि भाजपा की राजनीति ही चल निकलने वाली है।
सीमांचल के लोकप्रिय राजनेता सह विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद पर आसीन होने के बाद सीमांचल की जनता में नये सिरे से स्थापित हुई डॉ दिलीप जायसवाल की मजबूत पकड़ और उनकी मानवता सेवा के बढ़ते दायरे के कारण इस तरह के अनुमान को सीमांचल क्षेत्र में भारी बल मिलने की संभावना है।
इंडिया गठबंधन से जुड़े कांग्रेस पार्टी और राजद के बीच छिड़ी बर्चस्व की आपसी जंग इस अनुमान में सहायक प्रतीत हो रही है।
खबरों के अनुसार , आगामी बिहार विधानसभा आम चुनाव में चुनाव लड़ने की ख्वाहिश पाले राजद नेता की पुरजोर दावेदारी कांग्रेस की सिटिंग सीट पर शुरू हो गई है तो राजद की सिटिंग सीट पर कांग्रेस ने दावेदारी करनी शुरू कर दी है। इसके अलावा राजद और कांग्रेस में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर नेताओं में मची टिकट की होड़ भी अलग फैक्टर बनती जा रही है।
तुर्रा यह कि पिछली बार के विधान सभा चुनाव में जिन जिन सीटों से एमआईएम ने विजय पताका फहराया था और एमआईएम के विजयी विधायकों ने राजद में शामिल होकर अपनी जीती हुई सीटों को राजद की सिटिंग सीटों के रूप में स्थापित कर लिया तो उन पर पिछली बार के पराजित राजद प्रत्याशियों ने आने वाले अगले चुनाव में उम्मीदवारी प्रदान करने के लिए जोर लगा दिया है।
ऐसी समस्त सीटों पर दावेदारी को लेकर राजद के अंदर भयंकर अंदरूनी घमासान शुरू है।
इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राजद के भीतर गठबंधन दलों के साथ साथ आपस में भी छिड़ी उम्मीदवारी की जंग का पहला दृश्य पिछले दिनों बायसी विधान सभा क्षेत्र में देखने को मिला।
जहां बाढ़ कटाव से निजात दिलाने की मांग के साथ आयोजित सर्वदलीय धरना कार्यक्रम के बीच ही बायसी विधान सभा क्षेत्र के पूर्व राजद विधायक हाजी अब्दुस सुब्हान और सिटिंग राजद विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद के बीच जोरदार तू तू मैं मैं हो गई।
बायसी की सीट पर राजद की अगली उम्मीदवारी के लिए पूर्व और वर्तमान विधायक के बीच हुई झड़प की स्थिति ऐसी हो गई कि उक्त मामले को दोनों ने अपने अपने तरीके से अलग अलग मीडिया तक में परोस दिया।
जिसका मजा कहीं एमआईएम ने लिया तो दूसरी ओर राजद की उक्त बायरल कलह का लुफ्त बायसी में जन सुराज पार्टी ने भी जमकर उठाया।
यही कारण है दिलीप जायसवाल की जनता प्रेम के बढ़ते दायरे से इस बार के आने वाले अगले विधान सभा चुनाव में भाजपा की स्थिति को महागठबंधन की तुलना में ज्यादा बेहतर आंकी जाने लगी है जबकि एनडीए गठबंधन वाली जदयू की तो इस क्रम में कोई चर्चा भी नहीं की जा रही है।