विश्व एनेस्थीसिया दिवस पर पूर्णिया जीएमसीएच में आयोजित कार्यक्रम का आईएमए प्रेसिडेंट डॉ सुधांशु कुमार ने उदघाटन किया

पूर्णिया स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच) में विश्व एनेस्थीसिया दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका उद्घाटन आईएमए अध्यक्ष डॉ. सुधांशु कुमार ने किया। उन्होंने बताया कि एनेस्थेटिस्ट सबसे अधिक मानसिक तनाव झेलते हैं, लेकिन उन्हें चिकित्सा जगत में अपेक्षाकृत कम सम्मान और पारिश्रमिक मिलता है। उन्होंने युवा एनेस्थेटिस्ट को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह दी ताकि वे बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकें। इस समारोह में विभागाध्यक्ष डॉ. विकास कुमार ने एनेस्थीसिया से जुड़ी नवीनतम रिसर्च और उसके फायदे पर चर्चा की। डॉ. रविकांत ने ऑपरेशन थिएटर में संकट प्रबंधन पर विचार साझा किए, जबकि डॉ. अजीज ने अद्यतन दवाओं और उनके सही उपयोग पर प्रकाश डाला। विशेषज्ञ डॉ. दीन बंधु और डॉ. प्रताप कुमार ने उपकरणों और प्री-एनेस्थेटिस्ट चेकअप की और महत्ता पर विचार व्यक्त किए।

विश्व एनेस्थीसिया दिवस पर पूर्णिया जीएमसीएच में आयोजित कार्यक्रम का आईएमए प्रेसिडेंट डॉ सुधांशु कुमार ने उदघाटन किया

सीमांचल (विशाल/पिंटू/विकास)

पूर्णिया स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल जी एम सी एच में निश्चेतना विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विकास कुमार एस आर की अध्यक्षता में विश्व एनेस्थीसिया दिवस को समारोह पूर्वक मनाया गया। इस समारोह में मुख्य अतिथि पूर्णिया जिला आई एम ए के जिला अध्यक्ष और शहर के पुराने एनेस्थेटिस्ट डॉ सुधांशु कुमार रहे।उनके आलावे जी एम सी एच पूर्णिया के एनेस्थेटिस्ट,सर्जन ,आर्थोपेडिक सर्जन, ओ टी असिस्टेंट ,स्टाफ  ,नर्सिंग स्टाफ, ब्लड बैंक स्टाफ, ओ टी स्टाफ्स  ने भी उत्साह और उमंग के साथ भाग लिया।

उक्त अवसर पर उपस्थित गणमान्य सदस्यों को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया।उसके बाद केक काटकर सबों के बीच केक बंटा गया। मुख्य अतिथि के रूप में समारोह का उदघाटन करते हुए आईएमए के पूर्णिया जिला अध्यक्ष डा सुधांशु कुमार ने एनेस्थीसिया के इतिहास और उसके आज तक के मुकाम पर पहुंचने  की कहानी पर विस्तार से चर्चा की।उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक शोध के अनुसार चिकित्सकों की सभी विशेषज्ञ विद्याओं में एनेस्थेटिस्ट को सबसे अधिक मानसिक तनाव झेलना पड़ता है और इसी वजह से उनकी आयु सबसे कम होती है।

उन्होंने बताया कि समाज  और चिकित्सा जगत में हमे जितना पारिश्रमिक और सम्मान मिलता है वह अपेक्षाकृत कम है। युवा एनेस्थेटिस्ट को उन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें अपने लाइफ स्टाइल को चुस्त दुरूस्त रखने के लिए संतुलित आहार,नियमित व्यायाम , पर्याप्त नींद और प्रतिमाह दो चार दिन का आउटिंग जरूर लेने चाहिए।आप स्वस्थ रहेंगे तभी रोगी को समुचित सेवा दे सकेंगे।

विभागाध्यक्ष डॉ विकास कुमार ने अनस्थिसिया के अद्यतन रिसर्च , उसके प्रयोग तथा उसके फायदे पर विस्तार से चर्चा किया। एस आर डॉ रविकांत कुमार ने ऑपरेशन थिएटर में क्राइसिस मैनेजमेंट के लिए आवश्यक उपाय पर चर्चा की,जो ओ टी में कार्यरत सभी चिकित्सकों और ओ  टी स्टाफ के लिए काफी उपयोगी और रोगियों की जीवन रक्षा के लिए काफी उपयोगी रहा।

एस आर डॉ अजीज ने एनेस्थीसिया में उपयोगी अद्यतन दवाओं ,उसका सही डोज और इमरजेंसी में उसके उपयोग के तरीके पर प्रकाश डाला। विशेषज्ञ एनेस्थेटिस्ट डा दीन बंधु ने एनेस्थीसिया मशीन ,अन्य उपकरणों के सही सही उपयोगों पर अपना विचार व्यक्त किया। विशेषज्ञ एनेस्थेटिस्ट डा प्रताप कुमार ने  एनेस्थीसिया देने से पहले पूरे प्री एनेस्थेटिस्ट चेकअप  की महत्ता पर अपना महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किया।

थेमिस फार्मा के जेनरल मैनेजर ने सबों का  धन्यवाद ज्ञापन किया।

समारोह में पूर्णिया के  लगभग सभी  एनेस्थेटिक आमंत्रित थे। वरिष्ट सदस्यों डा अमरेश कुमार सिंहा, डा शेखर समयार, डा आशुतोष कुमार,डा जितेन्द्र कुमार, डा पंकज , डा तनवीर , डा सतीश कुमार और डा पंकज भारती ने दूरभाष पर अपनी शुभकामनाएं भेजा। परिचर्चा काफी ज्ञान वर्धक और उपयोगी रहा।