मुख्यमंत्री से वक्फ बिल पर मुस्लिम संगठनों और प्रमुख खानकाहों के सज्जादानों की मुलाकात

बिहार में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ मुस्लिम संगठनों और प्रमुख खानकाहों के सज्जादान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले और अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि यह विधेयक संविधान, सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और इस्लामी शरीयत के खिलाफ है। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उन्होंने कभी मुसलमानों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया है और भविष्य में भी ऐसा नहीं होने देंगे। उन्होंने इस बिल के नुकसान के बारे में जानकारी मिलने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि वे इस मामले में केंद्र सरकार से बात करेंगे। जदयू के वरिष्ठ नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अल्पसंख्यकों के साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया। प्रतिनिधिमंडल ने वक्फ संपत्तियों के संरक्षण और विधेयक में संशोधन की मांग की, ताकि मुसलमानों के अधिकार सुरक्षित रहें। उन्होंने ट्रिब्यूनल की शक्ति और अन्य प्रावधानों पर आपत्ति जताई, जो उनके अनुसार शरियत और कानूनी मानदंडों के खिलाफ हैं। बैठक में विभिन्न मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने विधेयक के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और इसे वापस लेने की मांग की।

मुख्यमंत्री से वक्फ बिल पर मुस्लिम संगठनों और प्रमुख खानकाहों के सज्जादानों की मुलाकात

पटना (फुलवारी शरीफ, 21 अगस्त)

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ बिहार, ओडिशा और झारखंड के अमीर-ए-शरीयत और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव, मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी के निर्देश और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रस्ताव के अनुसार, इमारत-ए-शरिया सहित बिहार के सभी मुस्लिम संगठनों और प्रमुख खानकाहों के जिम्मेदार लोग जनता को जागरूक करने के साथ-साथ राजनीतिक नेताओं से मिलकर अपना पक्ष लगातार रख रहे हैं। उनका मानना है कि यह बिल संविधान में दिए गए अधिकारों, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के कई महत्वपूर्ण फैसलों, और इस्लामी शरीयत के पूरी तरह खिलाफ है।

इसी सिलसिले में आज बिहार के धार्मिक और आध्यात्मिक मुस्लिम नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की और बिल के संबंध में अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए एक ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि उन्होंने कभी मुसलमानों के खिलाफ किसी भी कदम को सहन नहीं किया है और भविष्य में भी ऐसा नहीं होने देंगे। जब उन्हें बिल के नुकसान के बारे में विस्तार से बताया गया, तो उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें इन बातों की जानकारी नहीं थी और वे ऐसा नहीं होने देंगे। उन्होंने ज्ञापन की प्रति जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, वरिष्ठ नेता विजय चौधरी और मनीष वर्मा को सौंपते हुए कहा कि इसे ध्यान से देखें और उन्हें बताएं। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में केंद्र सरकार से खुद बात करेंगे।

जदयू की ओर से अपना पक्ष रखते हुए विजय चौधरी, संजय झा और मनीष वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा अल्पसंख्यकों के साथ रहे हैं और इस मामले में भी उनका साथ देंगे। उन्होंने वक्फ के हितों के खिलाफ किसी भी बिल को पारित नहीं होने देने का वादा किया। उन्होंने यह भी कहा कि वे मुस्लिम संगठनों की बातों को सुनकर अपनी पार्टी के जेपीसी सदस्यों को इसकी जानकारी देंगे और बिल को समझने की पूरी कोशिश करेंगे।

इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने पार्टी से आग्रह किया कि वे ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे वक्फ संपत्तियों को कोई नुकसान पहुंचे। इमारत-ए-शरिया के कार्यवाहक नाजिम मौलाना मोहम्मद शिब्ली कासमी ने प्रतिनिधिमंडल की ओर से बिहार स्टेट सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन इरशादुल्लाह साहब का धन्यवाद व्यक्त किया, जिन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात का अवसर प्रदान किया।

मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान खानकाह रहमानी मुंगेर के इंजीनियर फहद रहमानी ने बिल के नुकसानदायक पहलुओं को विस्तार से समझाया। खानकाह मुनअमी मित्तन घाट पटना के सज्जादानशीन मौलाना सैयद शमीमुद्दीन मुनअमी ने भी बिल की खतरनाकियों पर प्रकाश डाला। प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त रूप से कहा कि इस बिल में ट्रिब्यूनल की शक्ति को इस प्रकार पेश किया गया है जैसे यह कोई क्रूर व्यवस्था हो। यह भूमि वास्तविकताओं के खिलाफ है। आज भी ट्रिब्यूनल मामलों में हाई कोर्ट हस्तक्षेप कर सकता है और जरूरत पड़ने पर उसके आदेश को संशोधित कर सकता है। उन्होंने हाइकोर्ट के कई फैसलों का हवाला दिया, जो स्पष्ट करते हैं कि हाई कोर्ट ट्रिब्यूनल के आदेशों में संशोधन कर सकता है, विशेषकर अनुच्छेद 14, 25 और 26 के उल्लंघन के मामले में।

इस अवसर पर जदयू के वरिष्ठ नेता संजय झा, विजय चौधरी, मनीष वर्मा और बिहार अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री ज़मां खान, सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन इरशादुल्लाह साहब, जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद अहमद अशफ़ाक़ करीम, शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अफज़ल अब्बास और जदयू के राज्य सचिव अब्दुलबाक़ी साहब भी उपस्थित थे।