सीमांचल के चारो विधायकों के बदलाव की धमक से ही बिहार की सत्ता में बदलाव लाने का मार्ग प्रशस्त हुआ

राजद के राष्ट्रीय नेता सह पूर्व केंद्रीय मंत्री जय प्रकाश नारायण यादव ने राजद में शामिल हो कर बिहार की सत्ता में बदलाव का शगुन करने वाले सीमांचल के चारो विधायकों को दी बधाई और शुभकामनाएं

सीमांचल के चारो विधायकों के बदलाव की धमक से ही बिहार की सत्ता में बदलाव लाने का मार्ग प्रशस्त हुआ

पटना/सीमांचल(अशोक/विशाल)

किसी भी राजनैतिक दल के जुलूस , धरना प्रदर्शन से आम तौर पर साबित होता रहा है कि सम्बन्धित दल में जिंदगी बांकी है और वह मृत नहीं हुई है और उस दल की सांगठनिक ताकत मजबूत है । बिहार की ताजा तरीन वर्तमान राजनीति में इसी आलोक में महागठबंधन दलों की एकजुट सांगठनिक ताकत को सत्ता की राजनीति के लिए उपयुक्त मानते हुए नीतीश कुमार ने महागठबंधन दलों से स्वयं को जोड़कर अपनी सत्ता को बिहार में बरकरार रखने का काम सफलतापूर्वक करते हुए भाजपा जैसी केन्द्र की सत्तारूढ़ दल को बिहार में हाशिए पर धकेल दिया।

 चर्चा है कि जिस दिन से बड़ा राजनैतिक शगुन करते हुए सीमांचल के चार विधायक एम आई एम को तिलांजलि देकर राजद में शामिल हुए और उसी कारण बिहार की राजद बिहार विधान सभा में बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनकर सबसे ताकतवर साबित हुई और  भाजपा  की केंद्रीय सरकार की महंगाई और बेरोजगारी नीति के खिलाफ प्रतिरोध मार्च आयोजित कर महागठबंधन की राजद कांग्रेस बामदलों की ताकतों का राज्यव्यापी इजहार किया गया उसी प्रतिरोध मार्च से बिहार की राजनीतिक दिशा को बदलने का जोश बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में हिलोरे  मारने लगा और उस हिलोरे के परिणामस्वरूप ही  नीतीश कुमार ने पूरे हौंसले के साथ अपनी सरकार से उस बीजेपी को बाहर निकाल फेंका , जिस बीजेपी और उसके अमित शाह जैसे नेता की जहरीली परछाइयों को भी ठेस पहुंचाने की हिम्मत देश भर के किसी भाजपा विरोधी सरकार या राजनीतिक दल में एकमात्र पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बाद एक मात्र बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा नजर नहीं आयी।

कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि सीमांचल की धरती से ही बिहार की राजनीति में बदलाव का संदेश लेकर बिहार की राजधानी पहुंचे एम आई एम के चार विधायकों शाहनवाज , रूकनुद्दीन , अंजार नईमी और इजहार असफी के राजद में शामिल होने के राजनैतिक शगुन का ही यह कमाल रहा कि बिहार की सत्ता के  रंग रूप बदल गए और देश भर में जहरीली राजनीति फैलाने पर उतारू बीजेपी को बिहार की सत्ता से उखाड़ फेंकने का काम करने की ताकत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हाथ लग गया। जिससे एक साहसी राजनीतिक योद्धा की भांति नीतीश कुमार ने केंद्र की नफा नुकसान का परवाह किए बगैर ही बिहार सहित सम्पूर्ण देश को बता दिया कि जनता को डराने और तंग तबाह करने वाली किसी भी बड़ी से बड़ी राजनीतिक पार्टी को किस तरह सत्ता से उखाड़ फेंकने वाला काम किया जा सकता है  ।नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के इस साहसिक कदम को देशभर में काबिले तारीफ माना जा रहा है और खबर है कि अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इसी प्रेरणा से बिहार का अनुशरण करने की सुगबुगाहट अन्य राज्यों में भी शुरू होने वाली है।

इस क्रम में राजद खेमें से नवगठित बिहार सरकार में उप मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए तेजस्वी यादव के उस त्याग को भुलाया नहीं जा सकता है कि भाजपा की जन विरोधी हरकतों से बिहार की जनता को बचाने के उपाय में तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पद को प्राप्त करने की ललक को दबाकर सिर्फ भाजपा को बिहार की सत्ता से उखाड़ फेंकने की जुगत में उप मुख्यमंत्री पद को स्वीकार किया और नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री पद पर बने रहने की सहमति प्रदान किया। चर्चा है कि तेजस्वी यादव अगर मुख्यमंत्री पद को ही हासिल करने की जिद पर अगर अड़े रह जाते तो बिहार की सत्ता पर अपनी देशव्यापी अभियान के अंतर्गत बड़ी सुनियोजित राजनीतिक साजिश रच कर भाजपा येन केन प्रकारेन बिहार की सत्ता को हथिया लेती।

इस क्रम में देश भर में चर्चित रहने वाले राजनीतिक रणनीतिकार बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी साबित कर दिखाया कि वह अपनी मर्जी के मुताबिक जब चाहें किसी भी राजनीतिक दल को बिहार में सत्ता का सुख प्रदान करा सकते हैं और जब चाहें किसी भी राजनीतिक दल को सत्ता से उखाड़ फेंकने वाला काम कर विपक्ष में बैठने के लिए मजबूर कर दे सकते हैं।

बिहार वासियों के हित में बिहार की सत्ता की राजनीति में नीतीश कुमार की इस चाणक्य नीति की कामयाबी के लिए बिहार राजद के पुराने नेता और पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री जय प्रकाश नारायण यादव ने इस संवाददाता से बातचीत के क्रम में नीतीश कुमार को बहुत बहुत बधाई दी है और तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री के त्याग की राजनीति को जमकर सराहा है।

उन्होंने सीमांचल की राजनीतिक धरती से एम आई एम को तिलांजलि देकर बिहार की सत्ता की राजनीति को बदलाव का संदेश देने वाले राजद में शामिल हुए उन चारो विधायकों को भी बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं दी है , जिनके बदलाव की धमक से बिहार में सत्ता की राजनीति में सफल बदलाव का मार्ग प्रशस्त हुआ था।