विधानपरिषद चुनाव में भागीदारी निभाते हुए बिहार की राजनीति को नई दिशा देने एमआइएम ने कसी कमर

एमआइएम नेता डॉ अबूसायम व विधायकों अंजार नईमी , रुकनुद्दीन ने सीमांचल वासियों को सड़कों पर उतरने की अपील की

विधानपरिषद चुनाव में भागीदारी निभाते हुए बिहार की राजनीति को नई दिशा देने एमआइएम ने कसी कमर

एमआइएम नेता डॉ अबूसायम व विधायकों अंजार नईमी , रुकनुद्दीन ने सीमांचल वासियों को सड़कों पर उतरने की अपील की


सीमांचल (विशाल/पिन्टू/विकास)

आगामी मई से जून माह तक में होने वाले नगर निकाय चुनाव और स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र के बिहार विधानपरिषद के चुनाव को लेकर चुनावी राजनीति के रंग में धीरे धीरे सराबोर होते जा रहे सीमांचल को सरगर्म करने का काम करते हुए सीमांचल में पांच विधायकों की ताकत पर इतराती चल रही एमआइएम ने अचानक से घोषणा कर दिया कि एमआइएम इस बार सीमांचल में होने वाले निकाय क्षेत्र के विधानपरिषदों के चुनावों में भी उम्मीदवार उतारेगी और उसके पहले होने वाले नगर निकाय क्षेत्रों के मेयर , डिप्टी मेयर के पदों के लिए भी अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारेगी ।

बताया जाता है कि कुछ दिनों से चल रही इन्हीं चुनावी फिजाओं के बीच खास तौर पर सीटिंग भाजपाई विधानपार्षद को निशाने पर रखते हुए एमआइएम के बिहार सुप्रीमो ने आक्रामक तेवर अख्तियार कर रखा था और नगर निकाय क्षेत्र व विधानपरिषद के भावी चुनावों के मद्देनजर सीमांचल के कुछ अत्यावश्यक मुद्दे को जोरशोर से उठाना शुरू कर दिया था ।

उनके द्वारा छेड़ी गई मुददों की इस जंग को सीमांचल का राजनैतिक महकमा गम्भीरता से नहीं ले रहा था और कयास लगाया जा रहा था कि एमआइएम के बिहार सुप्रीमो अख्तरूल ईमान के द्वारा इनदिनों लगातार उठाये जा रहे सीमांचल के मुद्दे जनता को एमआइएम की सक्रियता का एहसास  कराने मात्र के लिए उठाये जा रहे हैं । 

अर्थात , यह एहसास किसी ने भी नहीं किया था कि उनकी और उनकी पार्टी एमआइएम की हुई यह तीव्र सक्रियता विधानपरिषदों के चुनाव में भागीदारी निभाने के लिए शुरू हुई है।

लेकिन , गत रविवार 23 जनवरी को सीमांचल के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल विधानपरिषद क्षेत्र पूर्णिया किशनगंज अररिया के किशनगंज जिला मुख्यालय में अचानक एक पत्रकार सम्मेलन का आयोजन कर एमआइएम के बिहार सुप्रीमो सह एमआइएम विधायक अख्तरूल ईमान ने अचानक  घोषणा कर दिया कि एमआइएम की ओर से भी पूर्णिया किशनगंज अररिया की विधानपरिषद सीट सहित सम्पूर्ण बिहार के निकाय क्षेत्र के सभी 24 विधानपरिषद की सीटों पर इस बार एमआइएम के प्रत्याशी को उतारा जाएगा तो बिहार की अन्य सीटों के क्षेत्रों को छोड़कर सीमांचल के पूर्णिया किशनगंज अररिया सीट पर भूचाल की स्थिति पैदा हो गई है।

एमआइएम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान की इस घोषणा को बिहार के अन्य हिस्सों में भले ही खास अहमियत नहीं मिले , लेकिन , सीमांचल में उक्त घोषणा से येकायेक राजनीतिक बबाल सा मच गया  है ।

लोगबाग एमआइएम के बिहार सुप्रीमो की उक्त घोषणा का मतलब तरह तरह से निकालने लगे हैं ।

 अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले 2024 के संसदीय चुनाव की तैयारी के सिलसिले में ही एमआइएम ने ऐसी आक्रामक राजनीति की शुरूआत की है और विभिन्न आरोपों के जरिये इस मुस्लिम बहुल सीमांचल के पूर्णिया किशनगंज अररिया की जनता को भविष्य के चुनावों के प्रति होशियार करने का प्रयास किया है।

एमआइएम के बिहार सुप्रीमो सह विधायक अख्तरूल ईमान इनदिनों सीमांचल के राजनैतिक क्षेत्र के दिग्गज और मंजे हुए राजनीतिज्ञ के रूप में शुमार माने जा रहे हैं।
इस अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में उनकी बेबाक लच्छेदार गुलाबी उर्दू की गूंज बरबस सुनाई देती रही है।

उनकी पार्टी के साथ यह इलाका और इलाके की बहुसंख्यक आबादी का तालमेल बैठता नजर आने लगा है , क्योंकि , इनदिनों उन्होंने इलाके के मनोनुकूल एक अहम मुद्दा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की किशनगंज शाखा का उठा दिया है।

2013 से केंद्र सरकार के द्वारा किशनगंज में स्थापित एएमयू की किशनगंज शाखा के लिए तत्कालीन सरकार के द्वारा ही स्वीकृत फण्ड की रिलीज में पैदा किये गए राजनीतिक अड़चन को उन्होंने मुद्दा बना दिया है और उस बाबत ही विधानपरिषद चुनाव में अपने पार्टी का प्रत्याशी उतारने का डंका बजा दिया है।

चुनाव लड़ने की घोषणा करते समय उन्होंने सीमांचल वासियों को यह कहकर अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास किया है कि सीमांचल स्थित स्थापित निकाय क्षेत्रों के दोनों विधानपरिषदों के सीटों पर काबिज़ चल रहे सीटिंग विधानपार्षदों में से किसी एक ने भी किशनगंज स्थित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का फण्ड रिलीज कराने का मुद्दा सरकार के समक्ष आजतक नहीं उठाया है ।

                       एमआइएम बिहार के सुप्रीमो विधायक अख्तरूल ईमान ने इस क्रम में यह बात उछाल कर सीमांचल की लोकल राजनीति की आग में एमआइएम की राजनीति की घी डालने का प्रयास करते हुए पत्रकार सम्मेलन में खुलकर खुलासा किया कि किशनगंज में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की शाखा की शुरूआती स्थापना के दौरान बिहार की सरकार के द्वारा शाखा को प्रदत्त भूमि को सजिशपूर्वक विवादास्पद बनवाने की कोशिश में सीटिंग विधानपार्षदों के द्वारा ही आदमी और धन झोंकने का काम कराया गया था और मुकदमा दर्ज कराया गया था।
आरोप यह भी उन्होंने लगाया है कि बिहार की सरकार को प्रभाव में लेकर इन्होंने ही केंद्र सरकार से स्वीकृति प्राप्त फण्ड को अपने पार्टी की वर्तमान केंद्रीय सरकार के जरिये अवरूद्ध कराने का काम किया है।

एमआइएम के बिहार सुप्रीमो सह पूर्णिया जिले के अमौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक अख्तरूल ईमान की वर्तमान राजनीतिक मुहिम से अमौर विधानसभा क्षेत्र के अतिप्रभावशाली व लोकप्रिय एमआइएम नेता सह अमौर स्थित  हमदर्द ह्यूमिनिटी वेलफेयर नामक समाजसेवी संस्था के निदेशक डॉ अबूसायम पूरा इत्तेफाक रखते हैं और इन्होंने भी एएमयू की किशनगंज शाखा के फण्ड को रिलीज करने की मांग के साथ व्यापक स्तर पर आंदोलनात्मक गतिविधि अलग से जारी कर रखी है।

पूर्णिया जिला एमआइएम के सचिव डॉ अबूसायम का सीधा कहना है कि राजनीतिक पेचीदगियां पैदा कर किशनगंज की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की शाखा को विस्थापित करने की जो सरकारी साजिशें जारी की गई हैं , उक्त साजिश को नाकाम करने के लिए सीमांचल की जनता को हर हाल में सड़कों पर उतरना होगा।
उन्होंने कहा है कि सीमांचल वासियों को यह याद रखना होगा कि देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा पिछड़े हुए सीमांचल में शिक्षा के अलख जगाने के लिए उम्मीद की किरण के रूप में जो एएमयू की किशनगंज शाखा के रूप में सीमांचल को सौगात मिला है , उसके विस्थापन का सीधा दंश सीमांचल वासियों को ही एकमात्र भुगतना पड़ेगा क्योंकि सीमांचल वासियों को भलीभांति ज्ञात है कि सीमांचल और खासकर किशनगंज संसदीय क्षेत्र में लोकल गरीब गुरबे विद्यार्थियों के लिए शिक्षा का उपयुक्त साधन एकमात्र एएमयू ही हो सकता है जो वर्तमान समय की राज्य सरकार और केंद्र सरकार को विल्कुल ही पसंद नहीं है और उसी नापसन्दगी की वजह से सुनियोजित राजनीति के अंतर्गत एएमयू की किशनगंज शाखा के अस्तित्व को मिटाने की राजनीतिक ताकतें सक्रिय हो गई हैं।

सीमांचल के पूर्णिया ,  किशनगंज और अररिया जिले में स्थापित एमआइएम के पांचों विधायकों व एमआइएम के सैकड़ों समर्थकों के समक्ष एमआइएम के बिहार सुप्रीमो अख्तरूल ईमान विधायक के द्वारा विधानपरिषदों के चुनाव लड़ने के लिए की गई घोषणा का पूरे जोश खरोश के साथ स्वागत करते हुए बहादुरगंज के एमआइएम विधायक अंजार नईमी और बायसी के एमआइएम विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद ने कहा है कि सीमांचल की जनता के हकवहुक़ूक़ की लड़ाई लड़ने के लिए एमआइएम ने पूरी तरह से कमर कस ली है और इसके शुरूआती दौर में सबसे पहले एएमयू की किशनगंज शाखा के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ी जा रही है और उसके साथ साथ सीमांचल के कटावग्रस्त इलाकों में ठोस कटावनिरोधक कार्य कराने के लिए सरकार से लड़ाई लड़ी जाएगी।
एमआइएम के विधायकों ने बताया कि देशभर के अल्पसंख्यकों व दलितों के ऊपर एमआइएम का जादू चल चुका है और बिहार में अच्छे परिणाम मिलने की सम्भावनाएं बलवती होती जा रही है।