वर्ष 2021 :: नये सड़कों की निर्माण की आंधी में सड़कों के किनारे बसे गरीबों के उजड़े आशियाने

वर्ष 2021 की नयी नयी सड़कों पुल पुलियों के निर्माण की आंधी में सीमांचल के कटिहार जिले के मनिहारी से पूर्णिया तक की पूर्ववर्ती सड़कों के किनारे वर्षों से रसे बसे गरीब तबके के भूमिहीन गरीब लोगों को उजड़कर बेघर होने का भारी दंश झेलना पड़ा।

वर्ष 2021 :: नये सड़कों की निर्माण की आंधी में सड़कों के किनारे बसे गरीबों के उजड़े आशियाने
  • काफी हो हल्ला के बावजूद एएमयू के बकाये राशि नहीं हुए रिलीज
  • और पूर्णिया किशनगंज अररिया के बाढ़ कटावग्रस्त इलाके की सुरक्षा के लिए नहीं हुए ठोस उपाय

सीमांचल(विशाल कुमार)

वर्ष 2021 की नयी नयी सड़कों पुल पुलियों के निर्माण की आंधी में सीमांचल के कटिहार जिले के मनिहारी से पूर्णिया तक की पूर्ववर्ती सड़कों के किनारे वर्षों से रसे बसे गरीब तबके के भूमिहीन गरीब लोगों को उजड़कर बेघर होने का भारी दंश झेलना पड़ा।

तो दूसरी ओर बिहार का चेरापूंजी कहलाने वाले इस क्षेत्र की सड़कों के किनारे की वृक्षों की हुई बेशुमार कटाई से इलाके का स्वरूप बदल गया है।

2021 में जो उम्मीद बाढ़ और कटाव से सरकारी बचाव के उपायों के शुरू होने की जगी थी , उन उम्मीदों पर सरकारी लापरवाहियों के कारण पानी फिरा।

वर्ष 2021 की नीति आयोग की रिपोर्ट में राज्य का सबसे पिछड़ा और गरीब क्षेत्र सीमांचल के किशनगंज जिले को घोषित किया गया।

तो , वर्ष 2021 से ही इस सीमांचल के जिलों में कटावनिरोधक कार्यों को अंजाम दिलाने के लिए सीमांचल के विधायकों के द्वारा बिहार सरकार पर दबाव बनाने का सिलसिला शुरू किया गया।

वर्ष 2021 से ही देश के लोकसभा परिसर से किशनगंज स्थित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की शाखा के लिये स्वीकृत केंद्रीय सरकार के फंड की बकाया राशि के रिलीज करने की मांग की शुरूआत हुई ।

और वर्ष 2021में ही राज्य की सरकार के द्वारा अररिया के रानीगंज में राज्य का सबसे बड़ा चिड़ियाघर स्थापित करने की योजना की सरकारी घोषणा हुई।