बिहार की सियासत में रात को हो गया खेला: हेना शहाब की घर वापसी की तैयारी
बिहार की राजनीति में रात के अंधेरे में एक महत्वपूर्ण घटना घटी है। तेजस्वी यादव और लालू यादव ने शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब से गुप्त मुलाकात की, जिससे भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और जेडीयू की चिंताएं बढ़ सकती हैं। हेना शहाब की आरजेडी से दूरियों के बावजूद उनकी ताकत और मुस्लिम यादव वोट बैंक को देखते हुए, इस मुलाकात ने एक संभावित सियासी गठजोड़ के संकेत दिए हैं। यदि हेना शहाब फिर से आरजेडी में शामिल होती हैं, तो इससे तेजस्वी यादव और लालू यादव को विधानसभा और उपचुनावों में फायदा हो सकता है। यह गुप्त बैठक बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है और भाजपा तथा जेडीयू के लिए नई चुनौतियाँ पेश कर सकती है।
फैसल सुल्तान
बिहार की राजनीति में इन दिनों एक नया और महत्वपूर्ण मोड़ आया है, और वह भी रात के अंधेरे में! भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की नींद हराम हो सकती है, क्योंकि तेजस्वी यादव और लालू यादव ने एक गुप्त राजनीतिक चाल चल दिया है।
आज रात की मुलाकात में तेजस्वी यादव और लालू यादव ने शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब से गुप्त चर्चा की। हेना शहाब, ने आरजेडी से कुछ असंतोष जताया था। इसके बाद, 2019 और 2024 के चुनावों में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खुद को साबित किया था, जिससे उनकी ताकत और प्रभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है।
क्या है इस मुलाकात का महत्व?
यह मुलाकात खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि शहाबुद्दीन के निधन के बाद से हेना शहाब और लालू परिवार के बीच दूरियां बढ़ गई थीं। हेना शहाब ने 2019 में आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन 2024 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहे। उनका मुस्लिम यादव वोट बैंक लालू यादव के समीकरण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
हाल ही में, तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव जल्दी कराना चाहते हैं। ऐसे में, हेना शहाब की आरजेडी में वापसी से विधानसभा चुनावों के लिए एक महत्वपूर्ण समीकरण बन सकता है।
गुप्त मीटिंग की सियासी चाल
रात के अंधेरे में हुई इस मीटिंग ने यह संकेत दिया है कि लालू यादव और तेजस्वी यादव अपने राजनीतिक समीकरण को और मजबूत करने की कोशिश में हैं। इस मुलाकात ने जेडीयू और भाजपा की चिंता को बढ़ा दिया है क्योंकि हेना शहाब की वापसी से आरजेडी को विधानसभा और उपचुनावों में लाभ हो सकता है।
भविष्य की राजनीति
हेना शहाब और लालू परिवार के बीच यह मुलाकात कितनी महत्वपूर्ण साबित होगी, यह समय ही बताएगा। लेकिन यह तय है कि इस सियासी गठजोड़ ने भाजपा और जेडीयू की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अगर हेना शहाब फिर से आरजेडी के साथ जुड़ती हैं, तो इसका सीधा लाभ लालू यादव और तेजस्वी यादव को मिलेगा, जिससे इंडिया गठबंधन और आरजेडी को सीटों पर फायदा हो सकता है।
आखिरकार, बिहार की सियासत में रात की इस छुपी चाल ने यह साबित कर दिया है कि राजनीति कभी भी एक कदम आगे की सोच के बिना नहीं चलती। इस रहस्यमय मुलाकात के बाद, आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में नए सिरे से हलचल देखने को मिल सकती है।



