डॉ दिलीप जायसवाल की भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति से सेक्युलर राजनीति की शुरुआत

भाजपा ने बिहार में अपनी रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। पार्टी ने डॉ दिलीप जायसवाल को बिहार भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत करने की योजना बनाई है। डॉ जायसवाल, जो पहले भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष रह चुके हैं और सीमांचल के तीन मुस्लिम बहुल जिलों से लगातार निर्वाचित रहे हैं, अब भाजपा की दिशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व कट्टरवाद से सेक्युलर राजनीति की ओर रुख कर रहा है, और डॉ जायसवाल की नियुक्ति इसका एक स्पष्ट संकेत है। हाल ही में किशनगंज में डॉ जायसवाल का स्वागत बड़े पैमाने पर किया गया, जो भाजपा के नए सेक्युलर दृष्टिकोण का स्वागत दर्शाता है। यह बदलाव भाजपा की आगामी विधानसभा चुनावों में मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदायों को समान रूप से आकर्षित करने की रणनीति का हिस्सा है।

डॉ दिलीप जायसवाल की भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति से सेक्युलर राजनीति की शुरुआत

सीमांचल  (विशाल/पिंटू/विकास)

  • भाजपा का नया नेतृत्व: दिलीप जायसवाल बिहार प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया
  • सीमांचल में भाजपा की सेक्युलर राजनीति की शुरुआत
  • डॉ दिलीप जायसवाल की नियुक्ति: भाजपा की नई रणनीति
  • किशनगंज में डॉ जायसवाल का भव्य स्वागत
  • भाजपा की राजनीति में बदलाव: दिलीप जायसवाल की भूमिका

बिहार में होने वाले अगला विधान सभा आम चुनाव से पहले ही भाजपा अपनी पुरानी कार्यशैली में बदलाव लाने की कोशिश में जुट गई है जिसके अंतर्गत यह पार्टी कट्टरवादिता से हटकर सेक्युलर राजनीति का आगाज करने की पुरजोर कोशिश में लग गई है।

बिहार में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर सीमांचल के लोकप्रिय विधान पार्षद सह बिहार सरकार के मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल को आसीन कराकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने इस बात को साबित कर दिखाने की कोशिश की है।

बिहार प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल इससे पहले लंबे अरसे तक भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष रहे थे

और उस पद पर तैनात रहते हुए भी बिहार के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल क्षेत्र सीमांचल के भी सबसे बड़े मुस्लिम बहुल तीनों जिले पूर्णिया किशनगंज और अररिया की स्थानीय प्राधिकार निकाय क्षेत्र से लगातार तीसरे टर्म के लिए भी निर्वाचित घोषित किए गए।

जिससे पूरे बिहार में इस बात की चर्चा रही कि डॉ दिलीप जायसवाल विशुद्ध भाजपाई रहते हुए कैसे संबंधित मुस्लिम बहुल क्षेत्र से रिकॉर्ड वोट हासिल कर चुनाव जीतते आ रहे हैं। सवाल खड़ा होते रहे कि मुस्लिम बहुल इलाके के मुस्लिम बहुल जनप्रतिनिधियों के ही वोटों की बदौलत भाजपाई दिलीप जायसवाल कैसे रिकॉर्ड वोटों से निर्वाचित होते आये हैं।

और अब उस पर तुर्रा यह है कि दिलीप जायसवाल भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष भी नियुक्त कर दिए गए हैं जबकि इससे पहले भाजपा के कोटे से बिहार की एनडीए सरकार में मंत्री भी बनाये गए।

इन सभी सवालों के एक मुश्त ज़बाब भाजपा के शीर्ष केंद्रीय नेतृत्व के पास में है , जिसमें सीधे तौर पर नया संकेत दिया जा रहा है कि भाजपा ने अपनी राजनीति की पुरानी लिक कट्टरवादिता को त्यागने की कोशिश करते हुए सेक्युलर राजनीति का आगाज करने की कोशिश शुरू की है और इस क्रम में कुछ राज्यों में सेक्युलर मुख्यमंत्री को स्थापित करते हुए बिहार में विधान सभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी के लोकप्रिय नेता डॉ दिलीप जायसवाल को बिहार प्रदेश भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है।

पार्टी की सोंच है कि बिहार भर में भाजपा के पास डॉ दिलीप जायसवाल सरीखा एक भी नेता नहीं है जो हिंदू मुस्लिम दोनों ही समुदाय में काफी लोकप्रिय है।

बहरहाल , गत वृहस्पतिवार 8 अगस्त को किशनगंज में मुस्लिम समुदाय के असंख्य लोगों ने सीमांचल के हर दिल अजीज विधान पार्षद सह बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल का स्वागत करते हुए राज्य की आगामी राजनीति के बदल रहे स्वरूप के मद्देनजर सीमांचल की भी राजनीति की दशा और दिशा में संभावित बदलाव के संकेत को न सिर्फ महसूस किया वल्कि सीधे डॉ दिलीप जायसवाल के साथ ही भाजपा की भावी सेक्युलर राजनीति पर विचार मंथन भी किया ।

जिसके एकमात्र निष्कर्ष निकले कि भाजपा की केंद्रीय नेतृत्व पूरे देश में अब कट्टरवाद की नीति वाली राजनीति की जगह सेक्युलरिटी की राजनीति को बढ़ावा देने पर उतारू हो गई है और इस क्रम में बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने विभिन्न प्रांतों राज्यों में पार्टी की कमान वैसी हस्तियों को सौंपना शुरू किया है , जिस हस्ती को हिंदू मुस्लिम दोनों ही समुदायों का एक समान समर्थन हासिल है।