नदियों की कटाव लीला से आहत सीमांचल में हो गया बड़ा राजनीतिक कटाव

इतिहास गवाह है कि सीमांचल में जिस तरह सालो भर नदियों की कटाव का खतरा बरकरार रहा करता है , उसी प्रकार इस सीमांचल की आवोहवा में तैरने वाली राजनीतिक पार्टियों को भी अपने यहां कटाव का खतरा महसूस होता रहता है और यह बात किसी स्तर से झुठलाने के काबिल नहीं है।

नदियों की कटाव लीला से आहत सीमांचल में हो गया बड़ा राजनीतिक कटाव

एम आई एम के पांच में से चार विधायकों ने पकड़ लिया राजद का दामन

अख्तरूल ईमान से लेकर ओवैसी तक के मोबाईल स्विच ऑफ

सीमांचल (विशाल/पिंटू/विकास)

इतिहास गवाह है कि सीमांचल में जिस जिस बाहरी या छोटी पार्टी के टिकट पर अबतक जिन जिन लोगों ने चुनावी नैया पार कर ठाऊं पाया उन सबों ने उन पार्टियों की अंततः मिटटीपलित करते हुए पाला बदल कर सीमांचल की राजनीति को कटाव का दंश झेलने के लिए मजबूर किया।

ऐसे इतिहास में एक और नया अध्याय सीमांचल से बिहार की राजनीति में नया अध्याय जोड़ने वाले ए आई एम आई एम के चार विधायकों अंजार नईमी , शाहनवाज आलम , रूकनुद्दीन और इजहार असफी ने जोड़ दिया और बिहार की राजनीति में दबंग राजनीतिज्ञ का खिताब हासिल करने की ओर लगातार अग्रसर होते जा रहे तेजतर्रार नेता और बिहार एम आई एम के अध्यक्ष जनाब अख्तरूल ईमान के पर को कतरने का काम कर ओवैसी को भी बिहार की बिहारियत का एहसास करा दिया।

बहरहाल , सीमांचल की कटावग्रस्त भूमि पर एकायेक राजनीतिक कटाव का शिकार हुई हैदराबादी पार्टी एम आई एम के इस अंजाम को देखकर सीमांचल भर में कौतूहल और विस्मय फ़ैल गया है।

हरेक आदमी चर्चा में मशगूल हो गया है कि अचानक यह कैसी राजनीतिक घड़ी आ गई कि एम आई एम के पांच विधायकों में से चार विधायकों ने राजद का दामन थाम लिया।

चर्चा यह भी चल पड़ी है कि जिस अख्तरूल ईमान ने खास कारण से चुनावी घड़ी में ही अपनी पार्टी के पुराने समर्पित रहे कार्यकर्ताओं को छांट कर बाहरी व्यक्तियों को टिकट देने और जीत का झंडा फहराने का मजा लिया था उस अख्तरूल ईमान को उनकी जीत के घोड़ों ने दुल्ट्टी मारकर एहसास करा दिया कि वे उनके समर्पित नहीं थे और राजनीति के विशुद्ध नफा नुकसान के मौका परस्त कारोबारी मात्र थे।

बहरहाल , एम आई एम से राजद की गोद में जा समाए चारो विधायकों का मोबाइल स्विच ही नहीं बल्कि स्वयं अख्तरूल ईमान का भी मोबाईल स्विच ऑफ मिल रहा है।