सीमांचल के उद्धार के लिए अलग सीमांचल राज्य का गठन जरूरी

पूर्व विधायक तौसीफ आलम ने सीमांचल के उद्धार के लिए अलग सीमांचल राज्य के गठन की मांग की है। उनका मानना है कि हर साल आने वाली बाढ़ और कटाव की समस्याओं का समाधान सिर्फ अलग राज्य से ही संभव है। उन्होंने कहा कि सूर्जापुरी भाषा बोलने वाला मुख्यमंत्री और सरकार ही सीमांचल की समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं। पूर्व कांग्रेस विधायक ने एमपी और एमएलए पर मोटेशन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और सोलर लाइट योजना की जांच की मांग की है। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की अपील की है।

सीमांचल के उद्धार के लिए अलग सीमांचल राज्य का गठन जरूरी

सीमांचल  (अशोक/विशाल)

  • पूर्व विधायक तौसीफ आलम ने की बेबाक मांग
  • सालाना बाढ और कटाव की पीड़ा से जनता को निजात दिलाने का एक मात्र उपाय अलग सीमांचल राज्य का गठन
  • कहा सीमांचल राज्य में सूर्जापुरी भाषा भाषी मुख्यमंत्री और सरकार ही सीमांचल वासियों की समस्याओं का कर सकते हैं निराकरण
  • आरोप लगाया कि एम पी एमएलए द्वारा ही मोटेशन में भ्रष्टाचार को दिया जा रहा है बढ़ावा , सोलर लाईट योजना की भी हो जांच

कांग्रेस के पूर्व विधायक तौसीफ आलम ने किशनगंज अररिया कटिहार पूर्णिया सुपौल जिलों को मिलाकर अलग सीमांचल राज्य के गठन की जोरदार मांग करते हुए इन सभी जिलों में जारी बाढ़ और कटाव की सालाना त्रासदी सहित सरकारी विभागों के क्रियाकलापों में व्याप्त भ्रष्टाचार और सरकारी अधिकारियों से लेकर लोकल जनप्रतिनिधियों, एमपी से एमएलए तक के द्वारा सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में की जा रही भारी कमीशनखोरी को लेकर कहा है कि किशनगंज जिले की वर्तमान राजनीतिक क्रियाकलापों के खिलाफ अब मोर्चा खोले विना कोई उपाय नहीं है।

उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि सीमांचल भर में सिर्फ झूठ की राजनीति ही हर ओर शुरू हो गई है और लुभावने झूठे नारों , झूठे वायदों के बूते सीमांचल भर की भोली भाली जनता को राजनीति की आड़ में लगातार ठगा जाने लगा है।

सीमांचल के किशनगंज जिले के बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र से पूर्व में चार बार लगातार विधायक रह चुके कांग्रेस के पूर्व विधायक तौसीफ आलम ने इस बार के आने वाले अगले विधान सभा चुनाव से पहले जारी झूठ की राजनीति के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सीधे अब अलग सीमांचल राज्य की मांग करनी शुरू कर दी है।

उनकी मांग है कि बिहार के इस सीमांचल और कोशी क्षेत्र के कुछ जिलों किशनगंज , अररिया , कटिहार , पूर्णिया और सुपौल जिलों को मिलाकर एक अलग छोटा राज्य सीमांचल राज्य का गठन किया जाए ताकि हमारी अपनी सूरजापुरी बोलचाल के भाषा भाषी लोग हमारे सीमांचल राज्य के मुख्यमंत्री बनें और हमारे सीमांचल क्षेत्र की दुख दर्द की सुधि लें।

पूर्व विधायक तौसीफ आलम ने कहा कि हमारे यहां जो भी सी ओ , बी डी ओ , एस डी ओ , डी एम और एस पी पदस्थापित कराए जाते हैं वह हमारे क्षेत्र के बहुसंख्यक सुरजापुरी भाषा भाषी लोगों की जुबान को समझ नहीं पाते हैं और दूसरी ओर हमारे यहां जो भी जनप्रतिनिधि गण मौजूद हैं वह भी हमारी जनता के दुख दर्द से सरकारी अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक को अवगत कराने में सक्षम साबित नहीं हो रहे हैं , इसलिए , इस सीमांचल को अगर एक छोटे राज्य में तब्दील कर दिया जाएगा तो हमारे यहां हमारी सूर्जापुरी भाषा भाषी के लोग मुख्यमंत्री से मंत्री तक के पदों पर आसीन होंगे जो हमारे क्षेत्र की समस्याओं को समझे बूझेंगे और जनता के काम भी सरलता पूर्वक होते रहेंगे।

उन्होंने स्पष्ट आरोप लगाया कि बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री सह सीमांचल के मानवता सेवक विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल एक ओर से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से भ्रष्टाचार को जड़ मूल से उखाड़ फेंकने की कोशिश में लगे हुए हैं वहीं दूसरी ओर से किशनगंज जिले में एमपी एमएलए द्वारा ही राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।जिसके परिणामस्वरूप कोई भी सी ओ मोटेशन में विना पैसों की वसूली किए जनता का मोटेशन दाखिल खारिज नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने सोलर लाईट योजना के कार्यान्वयन में लगी एजेंसी के क्रियाकलापों की और उसमें की गई कमीशनखोरी की अविलंब जांच कराने की मांग की है और साफ तौर पर आरोप एमपी एमएलए पर लगाया है।

उन्होंने सवाल खड़ा किया है कि आखिर क्या वजह है कि किशनगंज जिले से होकर बहने वाली विनाशकारी नदियों की किनारों पर बोल्डर पीचिंग नहीं कराए जाते हैं और सिर्फ बालू भरे बोरियों को बिछाकर ही कटाव रोकने की नकली खानापूर्ति की जाती है।