महानंदा नदी की कटाव से अमौर का सिरसी गांव संकट में, भयाकुल ग्रामीणों ने सड़क पर डेरा डाला

पूर्व कांग्रेस विधायक जलील मस्तान का पुश्तैनी गांव सिरसी, अमौर विधान सभा क्षेत्र में, महानंदा नदी के कटाव से खतरे में है। मस्तान अब सिरसी हाट में नए मकान में रहते हैं और चेतावनी देते हैं कि अगर कटाव जारी रहा, तो सिरसी हाट बाजार भी प्रभावित हो सकता है। उन्होंने राज्य सरकार पर बाढ़ और कटाव के प्रति संवेदनहीनता का आरोप लगाया, केवल कागजी खानापूर्ति करने का दावा किया, और 20,000 गरीब लोगों के विस्थापन की आशंका जताई। वर्तमान एमआईएम विधायक अख्तरूल ईमान पर आरोप है कि वे जनता की समस्याओं से अनजान हैं। एक साल पहले बनी अधांग पंचायत की पुल के गिरने पर मस्तान ने ठेकेदारों और अभियंताओं की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। जिला पार्षद शहाबुज्जमा ने सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, जो घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग कर रहे हैं।

महानंदा नदी की कटाव से अमौर का सिरसी गांव संकट में, भयाकुल ग्रामीणों ने सड़क पर डेरा डाला

सीमांचल  (अशोक/विशाल)

  • शनिवार को अमौर के अधांग पंचायत की एक पुल गिरी
  • लेकिन सुधि लेने न स्थानीय विधायक आ रहें और न झांकने ताकने आ रहे एम पी जावेद
  • पूर्व कांग्रेस विधायक जलील मस्तान की ओर से सरकार और प्रशासन को जनता की सुरक्षा के लिए भेजे जा रहे हैं संदेश
  • कि इसी बीच शनिवार को अधांग पंचायत में भी एक पुल गिर पड़ी
  • जिला पार्षद शहाबुज्जमा ने कहा कि नीतीश सरकार के चेहरे से नकाब उतर रहे हैं और भ्रष्टाचार झांकने लगे हैं।

अमौर विधान सभा क्षेत्र के पूर्व कांग्रेस विधायक जलील मस्तान का वह पुश्तैनी गांव सिरसी भी महानंदा नदी की कटाव का शिकार होता जा रहा है। गांव पर भी आधा पर आ अटका है जहां पर पूर्व विधायक जलील मस्तान का पुराना पुश्तैनी घर है।

पूर्व विधायक जलील मस्तान फिलवक्त वहां से आधे किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिरसी हाट अंतर्गत नए मकान में रहते हैं और उनका मानना है कि महानंदा नदी की कटाव लीला अगर इसी प्रकार जारी रह गई तो आने वाले अगले एक दो साल में सिरसी हाट बाजार भी कटाव का शिकार हो जा सकता है।

फोन पर बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि इस बार की बाढ़ और कटाव को लेकर राज्य सरकार की संवेदनहीनता बरकरार रही है और बचाव के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति की गई है।

उन्होंने वीडियो भेजकर अपने क्षेत्र की कनफलिया पंचायत के वार्ड नं० 10 से होकर बिकराल रूप में बह रही महानंदा नदी की बहाव और तेज धार को दर्शाते हुए बताया कि उनके क्षेत्र की जनता को जान बचाने के लिए सड़क पर आकर बसने की नौबत उठानी पड़ रही है।

पूर्व कांग्रेस विधायक जलील मस्तान के अनुसार , कनफलिया पंचायत के सिरसी गांव के वार्ड नंबर 10 का क्षेत्र महानंदा नदी में विलीन होता जा रहा है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

उन्होंने लगभग 20 हजार ऐसे गरीब लोगों के विस्थापित हो जाने का दावा किया है जिनके घरबार के कट कर नदी में समाहित हो जाने की आशंका दिन प्रति दिन बलबती ही होती जा रही है।

पूर्णिया जिले के अंतर्गत का अमौर विधान सभा क्षेत्र लोक सभा क्षेत्र के परिसीमन के तहत किशनगंज संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है।

इस कारण उम्मीद किए जा रहे थे कि इस क्षेत्र को बचाने का प्रयास वहां के सांसद की ओर से भी होगा और दूसरी ओर पूर्णिया जिला प्रशासन की ओर से भी होगा।

लेकिन , अब उस अमौर विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक जलील मस्तान ही कह रहे हैं कि बचाव कार्य किसी ओर से नहीं किए जाने के कारण ही इस बार उनके क्षेत्र का मझुआ टोली गांव , मल्लाह बालू टोल गांव , पुराना टोला गांव महानंदा नदी की कटाव लीला का शिकार हो गया है।

पूर्व विधायक के अनुसार , उपरोक्त सभी गांवों के निवासी गरीब गुरबों को इस बाढ़ के दौरान अब सड़कों पर आकर गुजर बसर करना पड़ रहा है।

अमौर विधान सभा क्षेत्र में बतौर सिटिंग विधायक फिलवक्त एमआईएम के विधायक अख्तरूल ईमान काबिज़ हैं और अमौर विधान सभा क्षेत्र की जनता का सीधा कहना है कि विधायक अख्तरूल ईमान जनता की इस समस्या की ओर से बिल्कुल बेखबर हो कर पड़े हुए हैं।

आरोप है कि क्षेत्र के एमआईएम विधायक अख्तरूल ईमान झांकने तक नहीं पहुंचे हैं।

इस बीच यह समाचार लिखे जाने के समय अमौर से ही नई खबर मिली है कि अमौर के अधांग पंचायत के वार्ड नं० 1 में महज एक साल पहले ही मनरेगा योजना के अंतर्गत बनी एक चालू पुल भी भरभरा कर गिर पड़ी है।

वहां के ग्रामीणों के हवाले से अमौर के जिला पार्षद शहाबुज्जमा ने बताया है कि महज एक साल में ही वह पुल इसलिए धराशायी हो गई क्योंकि उसमें घटियां ईंट सीमेंट के साथ सफेद घटियां बालू का इस्तेमाल किए गए थे और सरिया भी पर्याप्त मात्रा में इस्तेमाल नहीं किए गए थे और पुल के मलवे में जो सरिया दीख रहे हैं वह छह से आठ नंबर के बेहद घटियां ही दिख रहे हैं।

इस पर भी अमौर के पूर्व विधायक जलील मस्तान ने वर्तमान एमआईएम विधायक की लापरवाही को ही जिम्मेवार ठहराया है और कहा है कि बिहार में ठीकेदारों और अभियंताओं वाले जितने भी विभाग हैं वो अपनी समानांतर सरकार चलाते हुए लूट खसोट मचाए हुए हैं जिसके नतीजतन राज्य में जहां तहां पुल पुलिया गिरने का सिलसिला जारी है।

अमौर के जिला पार्षद शहाबुज्जमा ने तो खुले तौर पर कह दिया है कि नीतीश कुमार की सरकार के न्याय के साथ विकास के चेहरे से भ्रष्टाचार का नकाब उतर गया है और जनता अब चारो ओर से सरकार पर थू थू कर रही है। उन्होंने कहा कि इस निर्माण में जेई ठिकेदार एजेंसी से लेकर पीआरएस ने मनमानी लूट खसोट की।