जमुई की नव पदस्थापित डीएम अभिलाषा शर्मा भाप्रसे 10 सितंबर कर सकती हैं पदभार ग्रहण।
अभिलाषा शर्मा, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) 2017 बैच की अधिकारी, 10 सितंबर को जमुई जिले की नई जिलाधिकारी (डीएम) का पदभार ग्रहण कर सकती हैं। वह वर्तमान में गया नगर आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं और जमुई की पहली महिला डीएम होंगी। जमुई को 1991 में जिला का दर्जा मिला था और अब तक 24 जिलाधिकारी नियुक्त हो चुके हैं, लेकिन यह पहला मौका है जब किसी महिला को यह पद दिया गया है। अभिलाषा शर्मा से जिले के लोगों की कई अपेक्षाएं हैं, खासकर स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, सिंचाई, और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार की। विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद कर रहा है। जनता को विश्वास है कि उनके नेतृत्व में जमुई जिले में विकास की एक नई दिशा स्थापित होगी और प्रशासनिक पारदर्शिता के साथ समग्र विकास होगा।
फैसल सुल्तान
जमुई जिला एक बार फिर सुर्खियों में है, क्योंकि यहां की नव नियुक्त जिलाधिकारी (डीएम) अभिलाषा शर्मा, भाप्रसे 10 सितंबर को अपना पदभार ग्रहण करने वाली हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 2017 बैच की यह तेज-तर्रार महिला अधिकारी वर्तमान में गया नगर आयुक्त का कार्यभार संभाल रही हैं और अब जमुई के प्रशासनिक प्रमुख के रूप में नियुक्त की गई हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस बारे में हाल ही में अधिसूचना जारी की, जो बीते शनिवार रात को सामने आई। जमुई जिले को यह पहली बार है कि कोई महिला डीएम के पद पर आसीन होगी, और इस ऐतिहासिक पल का पूरे जिले में स्वागत किया जा रहा है।
जमुई का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
जमुई जिला, जो 21 फरवरी 1991 को आधिकारिक रूप से जिला घोषित किया गया, बिहार के उन जिलों में शामिल है जो अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। जिला बनने के बाद से यहां 24 जिलाधिकारी अपनी सेवाएं दे चुके हैं, लेकिन यह पहला मौका है जब किसी महिला को इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है। यह न केवल जिले के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि आधी आबादी के लिए भी यह एक बड़ी उपलब्धि है। अभिलाषा शर्मा जमुई की 25वीं जिलाधिकारी होंगी और पहली महिला जो इस पद को संभालेंगी।
अभिलाषा शर्मा का प्रोफेशनल सफर
अभिलाषा शर्मा भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2017 बैच की अधिकारी हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में अपनी कुशल प्रशासनिक क्षमता और कार्यशैली के लिए काफी सराहना हासिल की है। गया नगर आयुक्त के रूप में उन्होंने शहर के विकास कार्यों में अहम योगदान दिया है, जिसमें विशेष रूप से स्वच्छता, शहरी योजना, और बुनियादी ढांचे के सुधार पर ध्यान दिया गया है। उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को गति मिली है, जिससे जनता का विश्वास उन पर बढ़ा है।
जमुई में पदभार ग्रहण करने के बाद उनके सामने अनेक चुनौतियाँ होंगी, लेकिन साथ ही जनता की उनसे कई उम्मीदें भी जुड़ी होंगी। जमुई एक ऐसा जिला है, जहां विकास के कई क्षेत्रों में अभी भी सुधार की गुंजाइश है। खासकर स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, सिंचाई, बिजली, और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं में व्यापक बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है।
जिले की चुनौतियाँ और अपेक्षाएँ
जमुई का अल्पसंख्यक समुदाय हो या अन्य वर्ग, सभी नए जिलाधिकारी से उम्मीद कर रहे हैं कि वे जिले में व्यापक बदलाव लाएंगी। स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, ग्रामीण इलाकों में सड़कों की खराब स्थिति, और सिंचाई की समस्याएं जैसे मुद्दे अभी भी जिले के विकास में अवरोधक बने हुए हैं। नए डीएम से उम्मीद की जा रही है कि वे इन समस्याओं को प्राथमिकता देंगी और जिला मुख्यालय के साथ-साथ दूरदराज के गांवों में भी विकास की रोशनी पहुँचाएंगी।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में, जमुई में सरकारी अस्पतालों की हालत काफी दयनीय है। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दूसरे जिलों का रुख करना पड़ता है। अभिलाषा शर्मा के आने से उम्मीद है कि अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जाएगा, और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ किया जाएगा।
शिक्षा में सुधार की आवश्यकता
शिक्षा के क्षेत्र में भी जमुई जिले को सुधार की आवश्यकता है। जिले के ग्रामीण इलाकों में कई स्कूलों की स्थिति जर्जर है, जहां न तो पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही बुनियादी सुविधाएं। नए जिलाधिकारी से उम्मीद की जा रही है कि वे शिक्षा के क्षेत्र में ठोस कदम उठाएंगी और सरकारी स्कूलों की स्थिति को सुधारने के लिए नीतियां लागू करेंगी। डिजिटल शिक्षा की ओर भी ध्यान देने की जरूरत है, ताकि गांवों के छात्र भी आधुनिक तकनीकी शिक्षा से जुड़े रह सकें।
सड़क, सिंचाई और बिजली की समस्याएँ
जमुई जिले में सड़कों की स्थिति भी दयनीय है। ग्रामीण इलाकों में कच्ची सड़कों की वजह से लोगों को आवागमन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। सिंचाई के क्षेत्र में भी सुधार की आवश्यकता है। कई किसान पानी की कमी के कारण अपनी फसलों की सिंचाई नहीं कर पाते, जिससे कृषि उत्पादन प्रभावित होता है। नई डीएम से उम्मीद की जा रही है कि वे इन समस्याओं को सुलझाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करेंगी। साथ ही, बिजली की समस्या भी एक बड़ा मुद्दा है, खासकर ग्रामीण इलाकों में। लोगों को लगातार बिजली की कटौती से जूझना पड़ता है, जिससे उनके दैनिक जीवन पर असर पड़ता है।
जल जीवन हरियाली योजना की संभावनाएं
नए जिलाधिकारी से लोगों को जल जीवन हरियाली योजना के सफल क्रियान्वयन की भी उम्मीद है। यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके माध्यम से पेयजल की समस्याओं का भी समाधान किया जा सकता है। जमुई में जल संरक्षण की दिशा में अभी भी बहुत काम किए जाने की जरूरत है। अगर इस योजना को सही तरीके से लागू किया जाए, तो जिले में जल संकट से निपटने में मदद मिल सकती है।
अल्पसंख्यक समुदाय की अपेक्षाएँ
जमुई जिले का अल्पसंख्यक समुदाय भी नए जिलाधिकारी से काफी उम्मीदें लगाए बैठा है। जिले के अल्पसंख्यक समाज को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों की तलाश है। साथ ही, उन्हें भ्रष्टाचार से मुक्ति की भी अपेक्षा है। नए जिलाधिकारी के नेतृत्व में यह समुदाय उम्मीद कर रहा है कि उन्हें उनके अधिकार मिलेंगे और उनकी समस्याओं का उचित समाधान होगा। विशेष रूप से, सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन और प्रशासनिक भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद
जिले में लंबे समय से प्रशासनिक भ्रष्टाचार की समस्या बनी हुई है, जिसके कारण कई विकास योजनाएं अधर में लटकी रहती हैं। नए जिलाधिकारी से लोगों को उम्मीद है कि वे इस भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई करेंगी और जिले में पारदर्शिता लाने के लिए ठोस कदम उठाएंगी। प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करने के साथ-साथ, भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए सख्त नियम लागू करने की आवश्यकता है।
समग्र विकास की दिशा में अभिलाषा शर्मा की भूमिका
जमुई जिले के नागरिकों को यह विश्वास है कि अभिलाषा शर्मा के नेतृत्व में जिले में विकास की एक नई लहर आएगी। उनकी प्रशासनिक क्षमता और नेतृत्व कौशल को देखते हुए, लोग आशान्वित हैं कि वे जमुई को एक विकसित और सशक्त जिला बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी। उनके कार्यकाल में जमुई के विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है, जिससे यह जिला बिहार के अन्य विकसित जिलों की कतार में खड़ा हो सकेगा।
सामाजिक सुधार और महिला सशक्तिकरण की दिशा में अपेक्षाएँ
चूंकि अभिलाषा शर्मा पहली महिला डीएम होंगी, इसलिए महिलाओं को उनसे विशेष अपेक्षाएं हैं। महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करने के साथ-साथ, जिले की महिलाओं को रोजगार और शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में भी ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इसके अलावा, महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए भी कड़े कदम उठाए जाने की उम्मीद की जा रही है।
निष्कर्ष
जमुई की नव नियुक्त डीएम अभिलाषा शर्मा, भाप्रसे से जिले की जनता को कई उम्मीदें हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, सिंचाई, बिजली जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ, जिले में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने और प्रशासनिक पारदर्शिता लाने की दिशा में उनके नेतृत्व में ठोस कदम उठाए जाने की अपेक्षा है। अब देखना यह होगा कि 10 सितंबर को पदभार ग्रहण करने के बाद वे किन प्राथमिकताओं के साथ जिले के विकास की दिशा में कदम बढ़ाती हैं।



