महागठबंधन संग बिहार की सत्ता की साफ सफाई करने वाले नीतीश अब अपनी पार्टी जदयू में भी चलाएंगे व्यापक साफ सफाई अभियान
सीमांचल से कोशी तक पार्टी के नेतृत्वकर्ता के रूप में कुंडली मारकर बैठे आर सी पी सिंह के पप्पू यादव समर्थक भक्तों को 2025 के चुनाव काल तक जदयू से करेंगे दूर
गुमनामी के अंधेरे में सुनियोजित राजनीति के तहत धकेल कर रखे गए पुरानी समता पार्टी के कर्णधारों को चुन चुन कर लाएंगे बाहर और सौंपेंगे जदयू की कमान
सीमांचल (अशोक / विशाल )
नीतीश कुमार के द्वारा नये राजनीतिक समीकरण को स्थापित कर महागठबंधन वाली दलों के साथ बिहार में बनायी गई सरकार को निशाने पर लेते हुए विपक्षी दलों और विपक्षी दलों के पिट्ठू मीडिया तंत्रों के द्वारा किए जा रहे किसी भी हल्ला हसरातों का कोई भी असर अबकी बार नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली बिहार सरकार पर पड़ने वाला नहीं है।
बिहार सरकार के वर्तमान नेतृत्वकर्ता का विरोधियों के प्रति सीधा कथन है कि अब आप जमकर विरोध नारेबाजी और हल्ला हसरातें मचाते रहिये और हम निश्चिंत होकर राज्य में अपनी इस नई सरकार के क्रियाकलापों को जारी रखेंगे , आप सबों के किसी भी राजनीतिक हल्ला हसरातों का कोई भी असर हमारी सरकार और महागठबंधन पर पड़ने वाला नहीं है।
उपरोक्त पंक्तियों के जरिए नीतीश कुमार की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाते हुए हमारे संवाददाताओं की टीम ने अंदरखाने से मिली रिपोर्ट को जारी करते हुए जो खबरें उजागर की हैं , उसके अनुसार , केन्द्र सरकार की महंगाई और बेरोज़गारी बढ़ाने वाली नीति के खिलाफ एकजूट हुई बिहार की जनता के समूल वोट बैंक को आगामी 2024 के संसदीय चुनाव में अपने महागठबंधन के खाते में कैश कराने की योजना के अंतर्गत बड़ी ही राजनैतिक समझदारी के तहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा को अपनी तत्कालीन सरकार से उखाड़ फेंका और महागठबंधन के साथ नई सरकार बिहार में कायम किया।
अंदरखाने से मिली खास रिपोर्ट के मुताबिक , आगामी लोकसभा चुनाव की ठोस तैयारी के मद्देनजर नीतीश कुमार सिर्फ सरकार का स्वरूप बदलकर शांत बैठने वाले नहीं हैं बल्कि वह अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए एक कदम आगे बढ़कर अब अपनी पार्टी जदयू के अंदर भी ठीक उसी तरह की साफ सफाई करने का वृहत अभियान चलाने की भी तैयारी अंदर ही अंदर करने वाले हैं जिस तरह की साफ सफाई दीपावली से पहले करके लोग बाग अपने अपने घरों में सुख शांति समृद्धि का वातावरण कायम करते हैं।
कहने का स्पष्ट तात्पर्य यह है कि बहुत जल्द ही नीतीश कुमार अपनी सबसे पुरानी पार्टी समता पार्टी से जुड़े पुराने समर्पित कार्यकर्ताओं और नेताओं को गुमनामी से बाहर निकाल कर उन्हें ही या उन्हीं में से जुझारू व्यक्तित्वों को राजनीति के खुले पटल पर लाकर उन्हीं के हाथों में अपनी पार्टी जदयू की कमान बिहार के समस्त जिलों में सौंपने की तैयारी में हैं।
बताया जाता है कि इस क्रम में वह पॉवर का इस्तेमाल करके सबसे पहले आर सी पी सिंह की लॉबी से स्थापित राज्यभर के जदयू नेताओं को उसी तरह से अपनी पार्टी जदयू के प्रभावशाली पदों से बाहर फेंकने का काम करेंगे , जिस तरह से उन्होंने अचानक राजनीतिक प्रलय मचाते हुए अपनी सरकार से भाजपाइयों को निकाल बाहर किया।
खबर है कि इस क्रम में नीतीश कुमार के अभियान बहुत जल्द शुरू होने वाले हैं।
अंदरखाने से मिली खास रिपोर्ट के मुताबिक , नीतीश कुमार के राजनैतिक विरोधियों की शह पर आर सी पी सिंह ने बिहार के तमाम जिलों सहित पार्टी की प्रदेश इकाई तक में अपने पीछे घूमने वाले खासमखास चमचे बेलचों को पार्टी के बड़े पदों पर आसीन कराकर नीतीश कुमार के समानांतर में जदयू का ऐसा अजीबोगरीब संगठन राज्यभर के जिलों में स्थापित किया जो आर सी पी सिंह के इशारे पर एक झटके में ही आने वाले समय में नीतीश कुमार के समानांतर की राजनीतिक आगाज कर जाते।
अंदरखाने से मिली खास रिपोर्ट के मुताबिक , इस सुनियोजित राजनीतिक रणनीति के तहत आर सी पी सिंह ने नीतीश कुमार की प्रारम्भिक पार्टी समता पार्टी से जुड़े हुए लोगों और नेताओं कार्यकर्ताओं को हाशिए पर धकेल कर गुमनामी के अंधेरे में डाल दिया था और वैसे तत्वों को ही अपने में सटा लिया था जो उन्हीं के इशारे पर जिलों में जदयू की तख्तापलट से नाममात्र भी बाज नहीं आते।
इस क्रम में नीतीश कुमार आश्चर्यचकित हैं कि सीमांचल से कोशी तक के जिलों में आर सी पी सिंह के सौजन्य से जदयू की कमान चुन चुन कर पप्पू यादव से जुड़े रहे नेताओं कार्यकर्ताओं के हाथों में आर सी पी सिंह ने कैसे सौंप रखी थी।
खबर है कि अब नीतीश कुमार ने आर सी पी सिंह के वैसे भक्तों को आने वाले लोकसभा चुनाव से लेकर 2025 के विधान सभा चुनाव तक अपनी पार्टी जदयू से दूर रखने का प्रयास शुरू किया है।
यहां पर एक खास बात बता दें कि पूर्णिया जिले की जिस एक महिला मंत्री को लेकर हो हंगामें कराए जा रहे हैं वह मंत्री अपने स्वर्गवासी पति के जीवनकाल से ही नीतीश कुमार की पुरानी पार्टी समता पार्टी से जुड़ी रही है और चर्चा है कि नीतीश कुमार के राजनीतिक अभियानों को कोशी क्षेत्र से लेकर सीमांचल क्षेत्र तक में सींचने संवारने में उनके बहुत बड़े योगदान रहे हैं।
ऐसी स्थिति में समझा जा सकता है कि महिला मंत्री के विरूद्ध हल्ला मचाने का साजिश नीतीश कुमार को सीमांचल में कमजोर करने की कोशिश के तहत किया गया है।



