बिहार के राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल का बड़ा कदम, जनता में जगा नया विश्वास
बिहार के राजस्व और भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने पदभार ग्रहण करते ही विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने की मुहिम छेड़ी। जनता ने बड़ी संख्या में विभाग और उसके अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज करानी शुरू कर दीं। मंत्री जायसवाल ने शिकायतों की जांच के आदेश दिए और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की धमकी दी। लोगों में विश्वास जगा है कि अब विभाग की हालत सुधरेगी। हालांकि, भ्रष्टाचार की गंगोत्री बहाने वाले अधिकारियों को स्थानीय सांसद और विधायक का समर्थन प्राप्त है, जिससे सुधार कार्य में बाधाएं आ सकती हैं। पूर्व विधायक तौसीफ आलम ने खुलासा किया कि अधिकारियों द्वारा कमाई गई राशि का बड़ा हिस्सा नेताओं तक पहुंचता है।

सीमांचल (अशोक/विशाल)
- विधायकों की करतूतों से सी ओ की बढ़ती मनमानी को ठिकाने लगाने पर तुले पूर्व विधायक,पूर्व विधान सभा प्रत्याशी,जिला पार्षद से लेकर अधिवक्ता समाजसेवी
- बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल के पास लगा शिकायतों का अंबार
- कैसे दुरूस्त होगा विभाग जब एमएलए एमपी का ही हो भ्रष्ट सी ओ के सिर पर हाथ
बिहार सरकार में बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री पद का कार्यभार ग्रहण करते ही मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल ने अपने बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार को जड़ मूल से उखाड़ फेंकने का बिगुल ज्योंहि फूंकना शुरू किया त्यों ही उक्त विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से तंग और तबाह हो रही राज्य भर की जनता की ओर से मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल के पास उक्त विभाग और उसके अधिकारियों कर्मचारियों तक की काली करतूतें भ्रष्टाचार की गाथाओं के साथ प्रस्तुत करने की होड़ सी मच गई है।
मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल जहां भी जाते हैं वहां पर ऐसे शिकायतकर्ताओं की लंबी कतारें लग जाती है।
जिन्हें देख कर अब मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल एक ओर प्राप्त शिकायतों की जांच कराने का आदेश देना शुरू कर दिए हैं तो दूसरी ओर अखबारों में रोज अधिकारियों को हड़काने वाले बयान भी दे रहे हैं।
आम आवाम में भारी भरोसा जगा है कि बिहार में पूरी तरह से वीभत्स बना राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का चेहरा साफ होने की घड़ी आ गई है।
लेकिन , मंत्री और सरकार उस परिस्थिति में इस विभाग को कैसे सुधार पाएंगे जब इस विभाग में अंधाधुंध भ्रष्टाचार की गंगोत्री बहाने वाले ब्लॉक अंचल के सी ओ (अंचलाधिकारी) के सिर पर इलाके के एम पी और एम एल ए का हाथ हो और सी ओ की लूट की रकम में से भारी भरकम राशि उनकी झोलियों में भी जा रही हो।
इस बात का खुल्लम खुल्ला खुलासा सीमांचल में किशनगंज जिले के बहादुरगंज विधान सभा क्षेत्र के पूर्व विधायक तौसीफ आलम के द्वारा पिछले दिनों किए जाने के बाद , अब , पूर्णिया जिले के अमौर विधान सभा क्षेत्र के उभरते हुए समाजसेवी जिला पार्षद सह अधिवक्ता शहाबुज्जमा ने भी अमौर अंचल के सी ओ के विरूद्ध एक शिकायत पत्र बीते सोमवार को मंत्री डॉ दिलीप जायसवाल को समर्पित किया है और लगे हाथ प्रेस मीडिया को बताया है कि अमौर विधान सभा क्षेत्र के एमआईएम विधायक अख्तरूल ईमान की शह पर अमौर अंचल के सी ओ न सिर्फ लूट खसोट मचाए हुए हैं वल्कि विरोध करने वालों को तरह तरह से प्रताड़ित करने का काम करते हुए उन्हें घसीटवा कर पुलिस थाना भी भिजवाते हैं और पूरी तरह से बेइज्जत कराकर ही दम लेते हैं।
अमौर के जिला पार्षद सह अधिवक्ता शहाबुज्जमा का स्पष्ट आरोप है कि उनके अमौर क्षेत्र के विधायक अख्तरूल ईमान का हाथ अमौर के सी ओ के सिर पर है और उसके एवज में सी ओ के द्वारा कमाई जाने वाली रकम का बड़ा प्रतिशत बतौर कमीशन विधायक को दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि अमौर विधान सभा क्षेत्र की जनता ने एमआईएम प्रत्याशी के रूप में मुसलमानों का सबसे बड़ा हिमायती समझकर अख्तरूल ईमान को वोट देकर जितवा कर बड़ी भूल की थी और अब उसके पश्चात्ताप में अमौर की जनता घूट घूट कर मर रही है ,पछतावा कर रही है।
जनता के द्वारा चुनावों के दौरान भावनाओं में बहकर गलत जन प्रतिनिधि का चुनाव कर लिए जाने से क्षेत्र की हो रही बर्बादी को स्वीकारते हुए अररिया जिले के जोकीहाट विधान सभा क्षेत्र से पूर्व में जदयू के प्रत्याशी रहे चर्चित मुखिया मुर्शीद आलम के अनुसार , जोकीहाट विधान सभा क्षेत्र की जनता भी बदलाव के प्रति गंभीर होती जा रही है।उन्होंने स्पष्ट रूप से कह दिया कि सीमांचल गांधी जनाब तस्लीमुद्दीन का स्वर्गवास हो जाने के बाद से क्षेत्र की स्थिति ज्यों की त्यों यथावत बनी हुई है।
मरहूम सीमांचल गांधी जनाब तस्लीमुद्दीन साहब का नाम भुनाकर उनके दोनों बेटे कभी सांसद तो कभी विधायक तो कभी मंत्री बनते रहे।
तुर्रा यह कि आपदा प्रबंधन मंत्री रहते हुए भी स्वर्गीय सीमांचल गांधी जनाब तस्लीमुद्दीन साहब के छोटे पुत्र शाहनवाज आलम ने 2022 के भयावह सुखाड़ में भी अररिया जिले को सुखाड़ग्रस्त क्षेत्र घोषित नहीं करा सके थे जबकि उस दौरान बिहार सरकार ने राज्य के 16 जिलों को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर सरकारी राशि से किसानों की सहायता की थी लेकिन न तो अररिया जिले को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करा पाया और न तो एक पैसा की सरकारी सहायता अररिया जिले के किसानों को सुखाड़ के दौरान सरकार से दिलवाया और न ही 2023 की बाढ़ के दौरान ही अररिया जिले के उक्त पैराशूट विधायक सह मंत्री ने बाढ़ सहायता की राशि दिलवाया।
आने वाले अगले विधान सभा चुनाव में कूदने और विधायक बनने की पूरी तैयारी में जुटे मुर्शीद आलम मुखिया ने स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन साहब के विधायक पुत्र शाहनवाज आलम को पैराशूट विधायक बताते हुए कहते हैं कि शाहनवाज ने क्षेत्र की कोई सेवा करके विधायक पद हासिल नहीं किया है वल्कि बाप भाई के नामों को भुनाकर चुनाव में अचानक से पैराशूट की भांति मैदान में उतर कर विधायक पद हासिल किया लेकिन क्षेत्र के लिए कुछ भी नहीं कर पाया यानि पूरी तरह से निष्क्रिय साबित हुआ है।