जनता का आशीर्वाद मिला तो पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र की जनता को समस्याओं से निजात दिलाने को कृत संकल्पित होंगे राजकुमार चौधरी

कहा--पूर्व के तमाम सत्तासीनों में खरीदफरोख्त की राजनीति के कारण जनप्रतिनिधियों में रहा था इच्छा शक्ति का घोर अभाव

जनता का आशीर्वाद मिला तो पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र की जनता को समस्याओं से निजात दिलाने को कृत संकल्पित होंगे राजकुमार चौधरी

सीमांचल/पूर्णिया(विशाल/पिन्टू/विकास)।

पूर्णिया नगर निगम के मेयर पद के भावी उम्मीदवार एवं पूर्णिया के गांवों से शहरी क्षेत्र तक के गरीब गुरवे जनता को समय समय पर हर सम्भव मदद पहुंचाते रहने वाले लोकप्रिय समाजसेवी सह जानेमाने व्यवसायी राजकुमार चौधरी ने नगर निगम की अबतक की तमाम व्यवस्थाओं को कागजी बताते हुए स्पष्ट तौर पर सवाल खड़ा किया है कि आखिर क्या कारण है कि नगर पालिका से नगर परिषद में और नगर परिषद से नगर निगम में तब्दील हो कर स्वयं में करोड़ों की सरकारी विकास की राशि को समेटने वाले पूर्णिया नगर निगम के क्षेत्र में आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है और निगम के क्षेत्र में अब भी 20 प्रतिशत से अधिक घर झुग्गी झोपड़ी के रूप में विराजमान हैं।

समाजसेवी राजकुमार चौधरी ने कहा है कि पूर्णिया नगर निगम के क्षेत्र का कोई भी ऐसा मुहल्ला नहीं है , जहां , जल जमाव की समस्या नहीं है।

उन्होंने कहा कि हास्यास्पद स्थिति की गवाही तो खुलेआम शहर के बिजली पोलों पर लटकी बिखरी बेतरतीब तारों के जाल दे रही है और हरेक डेग पर जमा रहने वाले कूड़ों करकटों के अम्बार दे रहे हैं।

उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि शहरी क्षेत्र में आज भी जहां तहां नालों का गंदा पानी सड़कों पर बहता दिखाई दे रहा है और किसी भी चौक चौराहे पर अबतक सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था नहीं की जा सकी है।

समाजसेवी राजकुमार चौधरी ने कहा कि वह इसीलिए पूर्णिया नगर निगम की बागडोर सम्भालने के लिए उत्सुक हो उठे हैं , ताकि , जनता अगर उन्हें मौंका देगी तो वह पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र के वर्तमान स्वरूप को बदलकर अबतक के रहे तमाम शासकों को बता दें कि शासन व्यवस्था कैसे जनहित में संचालित किये जा सकते हैं।

उन्होंने कहा है कि निगम क्षेत्रों की तमाम सड़कें खुले तौर पर अतिक्रमणकारियों की गिरफ्त में हैं और सबसे बड़ी समस्या तो शहरी क्षेत्रों में होने वाली भीषण जलजमाव की रहती आ रही है , जिससे जनता को निजात दिलाने की कोई सार्थक पहल आजतक शायद हो ही नहीं पायी है।

उन्होंने कहा कि अगर जनता ने उन्हें मौंका देने का अवसर प्रदान किया तो वह सर्वप्रथम शहरी क्षेत्रों की जलजमाव की समस्या से जनता को निजात दिलाने का कारगर उपाय करने का काम करेंगे।

समाज सेवी राजकुमार चौधरी ने कहा कि यह घोर आश्चर्य की बात है कि निगम क्षेत्र के चारो तरफ नदियों का जाल बिछा रहने के बाबजूद भी अबतक की निगम सत्ता ने जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं किया।

समाजसेवी राजकुमार चौधरी ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि इसका अर्थ स्पष्ट है कि निगम के सत्तासीनों में उक्त मद को लेकर सदैव इच्छा शक्ति का अभाव रहा था और जनप्रतिनिधियों की इच्छा शक्ति के अभाव का खामियाजा निगम क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ता था।

उन्होंने कहा कि यही वजह है कि वह तब निगम के मेयर पद के लिए चुनाव में उतरने के लिए उत्सुक हुए हैं जब सीधे जनता के द्वारा मेयर चुनने की नई व्यवस्था लायी गयी है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले की खरीदफरोख्त वाले व्यवस्था के जरिये जो भी जनप्रतिनिधि सत्तासीन हुए थे , उन सबों में जनहित के कार्य करने की इच्छा शक्ति का कृत्रिम रूप से अभाव सदैव बना रहा था और जनता समस्याओं की गर्त में लगातार डूबती उपराती रहती आ रही थी।

उन्होंने अपनी सेवा भावना की ओर जनता को आकर्षित करते हुए कहा कि निगम के क्षेत्रों में आज कहीं पर भी मानक के अनुरूप न मांस मछली की दुकानें हैं और न ही कहीं पर संचालित अस्पताल , रेस्टुरेंट , होटल , व अन्य दुकान हैं जो मानक के अनुरूप संचालित हैं।

समाजसेवी राजकुमार चौधरी ने अपने उपरोक्त मुद्दे को आमजनता के बीच दर्शाते हुए जनता से उम्मीद जताई है कि वह अगर उनकी सेवा भावना की परीक्षा लेने के लिए अवसर प्रदान करने का भरोसा दिलाएगी तो निःसंदेह वह मेयर पद के लिए आने वाले चुनाव में कूदने को तैयार हो जाएंगे।

इस बीच जदयू के प्रदेश नेता व पूर्णिया के चर्चित समाजसेवी जितेन्द्र यादव के पिता और पूर्णिया नगर निगम की पूर्व मेयर विभा कुमारी के ससुर स्व० नागेश्वर राय की आत्मा की शांति के लिए आयोजित प्रार्थना सभा और शांति भोज के अवसर पर उमड़ी नगर निगम क्षेत्र की जनता की भीड़ से आने वाले नगर निगम के चुनाव की सरगर्मी में एक उफान सा माहौल पैदा हो गया है।

आने वाले मेयर चुनाव में भाग्य आजमाने की ललक में पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र के जो भी बड़ी हस्तियां सुगबुगा रहे हैं , उनमें से अधिकांश हस्तियां जदयू नेता जितेन्द्र यादव के स्वर्गवासी पिता की आत्मा की शांति के लिए आयोजित उक्त प्रार्थना सह शान्ति भोज में सम्मिलित हुए।

उक्त अवसर पर शामिल ऐसे हस्तियों ने मुंह में राम बगल में छूरी वाली कहाबत की तर्ज पर पूर्णिया नगर निगम की पूर्व मेयर और आने वाले मेयर के चुनाव की भावी उम्मीदवार सह जदयू नेता जितेन्द्र यादव की पत्नी की जयकारे लगाया।

लेकिन , अपने अपने दिलों में मेयर के चुनाव के दौरान इनसे दो दो हाथ कर लेने की इच्छा को वहां पर प्रकट नहीं किये , बल्कि मन में ही संजोये रहे।

कहने के तात्पर्य स्पष्ट हैं कि आनेवाले मेयर चुनाव में पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र के लगभग दो दर्जन के करीब ऊंचे घरानों के बड़े लोगों में मेयर चुनाव लड़ने के हिलोरे जो उफान पर हैं , उससे आनेवाला मेयर चुनाव पूर्णिया में काफी दिलचस्प हो जा सकता है।

जदयू नेता जितेन्द्र यादव की पत्नी विभा कुमारी पूर्व में पूर्णिया नगर निगम की मेयर रही हैं और हाल तक डिप्टी मेयर के पद पर भी सुशोभित रही हैं।जिस दरम्यान पूर्णिया के चर्चित हस्ती व जदयू के ही एक धरे के चर्चित नेता प्रताप सिंह की पत्नी सबिता सिंह मेयर पद पर सुशोभित रहीं ।

पूर्व में वार्ड पार्षदों के जरिये ही मेयर पद के लिए चुनाव की जो व्यवस्था रही थीं , उसी के अंतर्गत ये  मेयर और डिप्टी मेयर के पदों पर सुशोभित होती आयी थीं।

लेकिन इस बार नयी व्यवस्था के अंतर्गत अब सीधे जनता के द्वारा ही मेयर और डिप्टी मेयर के पदों के लिए चुनाव की व्यवस्था होने से इनमें जनता को अपनी ओर आकर्षित करने की होड़ मची है।

नयी चुनावी व्यवस्था के अंतर्गत मेयर पद को हांसिल करने की ललक नगर निगम क्षेत्र के लगभग दो दर्जन बड़े हस्तियों में जगी है।

जिनमें से आधे दर्जन मुखर कहे जाने वाले निवर्तमान वार्ड पार्षदगण भी हैं तो एक दर्जन के लगभग राजनीतिक दलों के वैसे पुराने सक्रिय नेतागण भी हैं जो राजनीति के क्षेत्र में अपार सक्रियता के बाबजूद विभिन्न मजबूरियों के कारण अबतक विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार नहीं बन सकें हैं और उम्र की आखरी पड़ाव पर जा पहुंचे हैं।

आधे दर्जन के अनुपात में क्षेत्र के चर्चित अधिवक्ताओं की टोली भी इस बार के मेयर के चुनाव में भाग्य आजमाने की सुगबुगाहट में हैं तो दूसरी ओर व्यवसाय के साथ साथ राजनीति के खिलाड़ी के रूप में भी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करते आ रहे आधे दर्जन भर व्यवसायी भी इस बार के आने वाले मेयर पद के चुनाव में कूदने की तैयारी में हैं।

मेयर पद के चुनाव को लेकर पूर्णिया में बढ़ती जा रही इस तरह की सरगर्मी के बीच जिस दिन से नई खबर स्वर्गीय सी.पी.एम. विधायक कॉमरेड अजित सरकार की डॉक्टर पुत्री डॉ रीमा सरकार के भी मेयर पद के लिए चुनाव में कूदने की फैली है , उस दिन से पूर्णिया के मेयर के आगामी चुनाव की सरगर्मी धधकती हुई नजर आने लगी है।

 चर्चा के अनुसार , पूर्णिया विधानसभा क्षेत्र पर सी.पी.एम. के विधायक कॉमरेड अजित सरकार का वर्चस्व लगातार जारी रहा था लेकिन उनकी हत्या कर दी गई थी।

उसके बाद एक टर्म उनकी पत्नी सी.पी.एम. की विधायक बनी थीं लेकिन पति की तरह कंटीन्यू नहीं कर पायी थीं।

उसके बाद से उक्त सम्पूर्ण फैमिली ने राजनीति के क्षेत्र से दरकीनारी कर ली थी।

लेकिन , अचानक अब मेयर पद के लिए होने जा रहे चुनाव में कूदने की खबर देकर स्वर्गीय सी.पी.एम. विधायक कॉमरेड अजित सरकार की डॉक्टर पुत्री डॉ रीमा सरकार ने सम्पूर्ण पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र की जनता और मेयर चुनाव में कूदने की तैयारी में लगे हस्तियों को चौंका दिया है।

मेयर के लिए आनेवाले निकट समय में होने वाले चुनाव के मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे भावी उम्मीदवारों में फिलवक्त जिन जिन नामों की चर्चा शुरू हो गई हैं , उनमें पूर्व मेयर विभा कुमारी , निवर्तमान मेयर सबिता सिंह , वार्ड पार्षद सरिता कुमारी , अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक , लोजपा के राष्ट्रीय नेता शंकर झा बाबा के सुपुत्र बिक्रम झा ,  बीजेपी नेता अनन्त भारती, व्यवसायी सह राजद नेता राजकुमार चौधरी , दिवंगत सी.पी.एम. विधायक स्वर्गीय अजित सरकार की पुत्री डॉ रीमा सरकार , व्यवसायी संगठन के नेता निरंजन कुशवाहा , बाम फ्रंट के नेता प्रोफेसर आलोक कुमार यादव  , जन अधिकार पार्टी के नेता राजेश यादव के नामों को अबतक महत्वपूर्ण रूप से चर्चा में शामिल किया जा रहा है।

चर्चा के अनुसार , राजकुमार चौधरी और बिक्रम झा की उम्मीदवारी की चर्चा से हालांकि अन्य सभी उम्मीदवारों की घिग्घी बंधती भी नजर आ रही है लेकिन , अपने अपने तरीके से चुनावी मैदान में डटकर लोहा लेने को तैयार हो आगे की चुनावी रणनीति की तैयारी में लगे उपरोक्त महारथियों के हौंसले बुलंद नजर आ रहे हैं।