जिस नेता जनप्रतिनिधि से जनता ऊबी हुई रहती है पार्टियां उन्हें ही टिकट देकर बतौर उम्मीदवार जनता के बीच क्यों भेजती है

अररिया संसदीय क्षेत्र के निर्दल प्रत्याशी डॉ अखिलेश का पार्टियों से सवाल

जिस नेता जनप्रतिनिधि से जनता ऊबी हुई रहती है पार्टियां उन्हें ही टिकट देकर बतौर उम्मीदवार जनता के बीच क्यों भेजती है

सीमांचल  (विशाल/पिंटू/विकास)

अररिया संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे सबसे ज्यादा शिक्षित उम्मीदवार प्रोफेसर डॉ अखिलेश कुमार ने वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था को कोसते हुए कहा है कि वह कोलेजियम सिस्टम को मजबूत करने का काम सबसे पहले करेंगे और जनता की तरक्की के उपाय को प्राथमिकता के आधार पर लागू कराने के लिए संघर्ष करेंगे।

अररिया संसदीय क्षेत्र के निर्दलीय प्रत्याशी प्रोफेसर अखिलेश कुमार ने इस संवाददाता से बातचीत में कहा कि इस से बड़े आश्चर्य की बात और क्या हो सकती है कि हमारे क्षेत्र की जनता जिस नेता और जनप्रतिनिधि से पूरी तरह ऊबी हुई है , राजनीतिक पार्टियां उसी नेता और जनप्रतिनिधि को टिकट देकर बतौर उम्मीदवार दोबारा तेबारा जनता के बीच भेज देती है और पार्टी आधारित चुनाव की प्रक्रिया के अंतर्गत जनता को भी वैसे ही उम्मीदवारों को वोट देने के लिए मजबूर हो जाना पड़ता है।

अररिया के निर्दलीय प्रत्याशी प्रोफेसर अखिलेश कुमार ने राजनीतिक दलों से सवाल किया कि इस अररिया संसदीय क्षेत्र में बड़ी जनसंख्या के आधार पर मुस्लिम वर्ग के सांसद स्थापित रहे हैं और दूसरी ओर से अल्प जातीय संख्या के बाबजूद भी अति पिछड़े वर्ग की राजनीति के तहत अति पिछड़े समाज के व्यक्ति भी अररिया संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए। लेकिन , बड़ी आबादी वाले यादव वर्ग का सांसद इस अररिया संसदीय क्षेत्र में क्यों नहीं स्थापित हो पाया है , इस बात का ज़बाब उन्हें इसी अररिया संसदीय क्षेत्र की जनता से मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस सीमांचल में भूख बेरोजगारी के कारण जारी पलायन को रोकने की दिशा में आज तक किसी नेता ने कोई ठोस सुगबुगाहट नहीं दिखाया और इस मुद्दे पर भी झूठ की राजनीति की।

उन्होंने हाथ जोड़कर अररिया वासियों से इसी चुनाव के दौरान अपनी भूलें सुधारने की कोशिश करने की अपील करते हुए अपने लिए वोट की मांग किया।