अब बीजेपी मुक्त बिहार की कल्पना करने लगे हैं एम आई एम के अख्तरूल ईमान

बिहार में सरगर्म हुई सियासत को लेकर बदले बदले नजर ए आई एम आई एम बिहार के इकलौते विधायक अख्तरूल ईमान के सुर, बीजेपी की खुली खिलाफत करते हुए कहा कि सौहार्द बिगाड़ने की घृणित राजनीति करने वाली बीजेपी से बिहार को मुक्त कराने की सख्त जरूरत

अब बीजेपी मुक्त बिहार की कल्पना करने लगे हैं एम आई एम के अख्तरूल ईमान

पहले की तरह महागठबंधन दल राजद कांग्रेस के खिलाफ कोई तंज भी नहीं कस रहे ईमान

सीमांचल ( अशोक / विशाल )

राजनीति में नेताओं के द्वारा परिस्थितियों के आलोक में प्रारम्भ से ही भाषण वक्तव्यों में करबटें बदलने की जो अनोखी परिपाटी चली आ रही है उसको निभाने का छोटा प्रयास करते हुए बिहार प्रदेश एम आई एम के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्णिया जिले के अमौर विधानसभा क्षेत्र के एम आई एम विधायक अख्तरूल ईमान ने मंगलवार को पटना में होने वाली जदयू , हम और राजद के विधायकों सांसदों विधान पार्षदों व प्रभावशाली नेताओं की अप्रत्याशित बैठक पर विना कोई कटाक्ष किए और पहली बार अपने मुंह से राजद कांग्रेस के विरूद्ध विना कोई तंज कसे सीधे बीजेपी की संविधान विरोधी और जन विरोधी राजनीति का विरोध किया है और खुले शब्दों में उपरोक्त तीनों दलों की पटना में होने वाली मंगलवार की बैठक को लेकर कहा कि अगर इन सबों के प्रयास से बीजेपी मुक्त राजनीतिक वातावरण और सरकार की स्थापना होती है तो वह जनहित में बड़ी राजनीतिक उपलब्धि होगी।

एम आई एम के बिहार में इकलौते विधायक अख्तरूल ईमान ने कहा कि बीजेपी की जहरीली राजनीति का खात्मा हर हाल में होनी चाहिए । इस क्रम में उन्होंने कहा कि बिहार में जब से भाजपा के गठबन्धन से सरकार स्थापित हुई है तबसे ही जदयू और बीजेपी के बीच सौतन वाली लड़ाई जारी रही है।

उन्होंने इस सम्बन्ध में राजद की होने वाली मंगलवार की बैठक को राजद का आपसी मसला बताया और कहा कि सरकार बनाने की मुहिम के सन्दर्भ में राजद की और से उनसे कोई समर्थन नहीं मांगा गया है और आगे अगर उनसे कोई समर्थन सहयोग मांगा जाएगा तो उनके पार्टी के आलाकमान इसके लिए फैसला करेंगे।

अख्तरूल ईमान अभी अभी गर्म हुई बिहार की सियासत के मद्देनजर महागठबंधन दलों के प्रति पहली बार पूरी तरह से नॉर्मल नजर आ रहे हैं जबकि यही अख्तरूल ईमान के पास जब पूरे पांच विधायकों की ताकत बरकरार थी तो ये हर वक्त  अपने बयानों और भाषणों में कांग्रेस और राजद को ही निशाने पर लेते हुए उन दोनों पार्टियों की खिलाफत में जो भी बन पड़ता था उगलने में कोई संकोच नहीं करते थे और बीजेपी की कोई खिलाफत कहीं भी करते ही नहीं थे , जिससे बिहार की कई पार्टियां  एम आई एम को बीजेपी की बी पार्टी की संज्ञा से नबाजती रही थी।

लेकिन कहा जाता है कि जबसे बिहार में इनके चार विधायकों ने इनसे दुलत्ती झाड़कर राजद को गले लगाया और ये बिहार में अपनी पार्टी एम आई एम के एकमात्र इकलौते विधायक के रूप में  रहने को मजबूर हुए तबसे इन्होंने बिहार की असली राजनीति की नब्ज को पहचानते हुए अपनी वाणी को सुधार लिया है और अभी तो खुलेआम कह रहे हैं कि बिहार को बीजेपी की जहरीली राजनीति से छुटकारा दिलाने की कोशिश करने वाले दल बिल्कुल सराहनीय काम कर रहे हैं।

आचार्य विनोबा भावे ने कहा था कि होश तब आता है जब दिमाग ठंडा होता है।

विनोबा भावे के द्वारा कही गई वह बात आज एम आई एम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्णिया जिला के एम आई एम के विधायक अख्तरूल ईमान पर सटीक बैठती है। अभी वह अकेले पड़ गए हैं और उसी सीमांचल में अपनी पार्टी के पूर्व जनाधार को बचाए रखने की चिंता में अपनी भाषा बोली में बदलाव लाने की मजबूरी पाले हुए हैं तो उसी के तहत अब सीधे भाजपा मुक्त बिहार की कल्पना करने लगे हैं।

उसी कल्पना के तहत उन्होंने दुख व्यक्त किया कि जिन लोगों ने 7 अगस्त को प्रतिरोध मार्च आयोजित किया था उन्होंने उनसे संपर्क तक नहीं किया और साफ शब्दों में कहा कि जैसे प्रयास अभी बीजेपी की घृणित और सौहार्द बिगाड़ने वाली राजनीति के खिलाफ किए जा रहे हैं वैसे प्रयास इस बिहार में कई बार पहले भी हुए हैं लेकिन कुर्सी से चिपके रहने के मोंह में कुछ नेता की हरकतों से ही पिछले सारे प्रयासों पर पानी फिरता रहा। जाहिर सी बात है कि यह शब्द उन्होंने सीधे नीतीश कुमार को लेकर अपने मुंह से निकाला

एम आई एम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्णिया जिले के एम आई एम विधायक अख्तरूल ईमान ने कहा कि हो रहे अच्छे प्रयासों का वास्तविक परिणाम क्या निकलता है यह देखना होगा कि आगे आगे होता क्या है।