सीमांचल के किशनगंज में एम आई एम ने शुरू की कांग्रेस विरोधी मुहिम तो कटिहार में भाजपाईयों ने कांग्रेस को बनाया निशाना

अगले लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी के मद्देनजर सीमांचल पूर्णिया प्रमंडल में राजनीतिक दलों की शुरू हुई सुगबुगाहट के बीच अभी से ही कांग्रेस को निशाने पर लेकर सीमांचल से कांग्रेस को ठिकाने लगाने की राजनीति शुरू हो गई है।

सीमांचल के किशनगंज में एम आई एम ने शुरू की कांग्रेस विरोधी मुहिम तो कटिहार में भाजपाईयों ने कांग्रेस को बनाया निशाना

-कांग्रेस विधायक इजहारूल हुसैन और शकील खान चढ़े विरोधी दलों के निशाने पर

-एम आई एम और भाजपा चाहती है कि आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उड़ा दी जाय सीमांचल में कांग्रेस की धज्जियां

- वैसे स्वयं एम आई एम भी अमौर और जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र में विरोधियों के स्वर से हो रही है आजीज़

सीमांचल (अशोक / विशाल)

इस क्रम में सीमांचल पूर्णिया प्रमंडल के चारो जिले पूर्णिया , किशनगंज , कटिहार और अररिया की एक एक सीट पर काबिज कांग्रेस विधायकों को  सबसे पहले निशाने पर लिया जा रहा है , ताकि, उन विधायकों को कमजोर करके उनके अस्तित्व को इस कदर खतरे में डाल दिया जाय कि अगले लोकसभा चुनाव में इस क्षेत्र में कोई कांग्रेस का नाम लेने वाला भी सामने नहीं आ सके।
 इस तरह के प्रयास में लगे राजनीतिक दलों में एम आई एम की सक्रियता किशनगंज में दिखाई दे रही है तो ताजातरीन उदाहरण के मुताबिक ,  दूसरी ओर , दूसरा निशाना कटिहार के इकलौते कांग्रेस विधायक शकील खान पर आर एस एस और बीजेपी के द्वारा साधा जा रहा है।

इस संदर्भ में ताजा तरीन घटनाक्रम के अनुसार बताया जाता है कि दोनों ही जगहों पर बड़ी ही सुनियोजित तरीके से एम आई एम और आर एस एस व बीजेपी के द्वारा जनता में प्रचार किया जा रहा है कि कांग्रेस के ये विधायक व्यक्तिगत और जातिगत लाभ की प्राप्ति में लगे हुए हैं।
किशनगंज के कांग्रेस विधायक इजहारूल हुसैन को बदनाम करने के लिए एम आई एम वालों ने उक्त विधायक की अनुशंसा पर निर्मित एक सड़क को मुद्दा बनाकर खूब हाय तौबा मचाया , तरह तरह के आरोप मढ़ते हुए अखबारवाजी कराया।

ठीक उसी तरह से कटिहार के इकलौते कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान की प्रतिष्ठा का हनन करने और उनके क्षेत्र के कांग्रेस समर्थकों को उनसे दिग्भ्रमित कराने के लिए आर एस एस और बीजेपी के इशारे पर सोसल मीडिया में कुप्रचार शुरू कराया। सोसल मीडिया पर प्रचार कराया गया कि कांग्रेस विधायक शकील खान ने किसी जाति धर्म पर टिप्पणी की है।

कांग्रेस को बदनाम करने वाले तत्वों के खिलाफ विधायक शकील अहमद खान के समर्थकों की टोली बचाव में उतर गई है और कहा है कि ऐसा कोई इतिहास शकील खान का नहीं रहा है । कांग्रेस विधायक शकील खान हमेशा से ही सभी धर्म जाति के सभी वर्गों के अमीर गरीब को एक बराबर देखते आए हैं और कुछ व्यक्तिवादी तत्वों के द्वारा आर एस एस और बीजेपी के इशारे पर सोसल मीडिया पर शकील खान की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की राजनीति की जा रही है।

बचाव पक्ष की कांग्रेस टीम ने शकील खान की अबतक की राजनीतिक छवि को दर्शाते हुए कहा है कि शकील खान का राजनैतिक इतिहास गवाह है कि उनके द्वारा विधायक रहते हुए मन्दिर की घेराबंदी कराईं गई तो कब्रिस्तान की जमीन की भी घेराबन्दी कराई गई और मदरसे की घेराबंदी कराईं गई तो संस्कृत उच्च विद्यालय की भी घेरेबन्दी कराई गई , छठ पूजा घाटों के निर्माण कराए गए तो अन्य विद्यालयों की घेराबंदी कराईं गई।

उधर , सीमांचल के किशनगंज के कांग्रेस विधायक इजहारुल हुसैन के विरूद्ध कुप्रचार किए गए हैं कि उन्होंने अपने निजी भू खंड को कीमती बनाने के लिए उक्त अनुपयोगी सड़क का निर्माण कराया।

जबकि उनके समर्थकों ने इस सम्बन्ध में चीख चीख कर बताया है कि वह सड़क वहां पर अवस्थित दो दो कब्रिस्तानों को लेकर बनवाया गया है , जिसमें सड़क के अभाव के कारण मैयत को दफनाने के लिए कब्रों पर चलते हुए जनाजा लेकर जाने वाले को क़ब्रिस्तान जाना पड़ता था।
बहरहाल , हम यहां पर बताते हैं कि दोनों जगहों पर कांग्रेस के विधायकों को निशाने पर लिए जाने का एकमात्र कारण सीमांचल में पूर्व से स्थापित कांग्रेस की पुरानी जड़ को सुनियोजित तरीके से अभी से ही खोदने की कोशिश करना है।

किशनगंज जिले में एम आई एम प्रारम्भ से ही कहती आ रही है कि वह कांग्रेस का सफाया करने की चाहत रखती है।
वहीं , कांग्रेस मुक्त भारत का सपना संजोए आर एस एस और बीजेपी के भी लक्ष्य पर कांग्रेस ही है तो जाहिर सी बात है कि कांग्रेस के मजबूत खूंटे बने विधायक शकील खान को ही हिलाने में आर एस एस और बीजेपी कटिहार में लग गई है तो वैसे ही कांग्रेस के मजबूत खूंटे बने किशनगंज के कांग्रेस विधायक इजहारुल हुसैन को भी हिला देने के लिए किशनगंज में एम आई एम लग गई है।

हालांकि , इस मद में किशनगंज के कांग्रेस विधायक ने कुप्रचार में लगे तत्वों की अक्ल को ठिकाने लगाने के लिए अपनी ओर से एक मानहानि का मामला दर्ज कराने की तैयारी शुरू की है। 
लेकिन , किशनगंज में एम आई एम की ओर से जो कांग्रेस विरोधी मुहिम चलाई जा रही है , उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि सीमांचल में फिलबक्त जहां जहां की विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के विधायकगण काबिज हैं , वहां वहां पर एम आई एम और भाजपा के द्वारा कांग्रेस विरोधी मुहिम तब तक जारी रखी जाने वाली हैं जब तक कि आने वाले अगले लोकसभा चुनाव की घंटी बज नहीं जाती है।

हालांकि , इस तरह के प्रकरणों से स्वयं एम आई एम भी किशनगंज के संसदीय क्षेत्र अंतर्गत पूर्णिया जिले के अमौर विधानसभा क्षेत्र में विरोधी दलों के निशाने पर चढ़ती जा रही है तो दूसरी ओर एम आई एम ही अररिया जिले के जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र में अपने विरोधी दलों के विरोध के स्वर से आजिज़ हो रही है।

पूर्णिया जिले के अमौर विधानसभा क्षेत्र के एम आई एम विधायक सह बिहार प्रदेश एम आई एम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान के विरूद्ध कांग्रेस वालों ने मोर्चा खोलते हुए आरोप लगाया है कि वह पूर्व कांग्रेस विधायक जलील मस्तान के जमाने की ही स्वीकृत पुल पुलियों और सड़कों की योजनाओं पर अपने नाम की शिलापटें लगाते जा रहे हैं और पूर्व से निर्मित कई ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों को व्यवस्थित और चालू नहीं कराकर अपनी नयी योजनाओं के अंतर्गत नए स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण के लिए शिलान्यासों की झड़ी लगाते जा रहे हैं।

उधर , सीमांचल गांधी के नाम से सीमांचल ही नहीं बल्कि संपूर्ण बिहार में लोकप्रिय नेता रहे मरहूम तस्लीमुद्दीन साहब के एम आई एम विधायक पुत्र शाहनवाज आलम के विरूद्ध उनके निर्वाचन क्षेत्र के विरोधियों ने बकरा नदी पर पांच करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले  पुल को लेकर भारी राजनैतिक विरोध किया है और विधायक को घेरने की कोशिशें की। विरोधी खेमों के दो गुटों में से एक गुट पुल का निर्माण कुर्सेल में कराना चाहते हैं तो दूसरे गुट पछियारी पिपरा पंचायत में कराना चाहते हैं।

बहरहाल , कहा जा सकता है कि आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी के सन्दर्भ में ही राजनीतिक दलों ने हरेक पार्टी को अपने अपने तरीके से निशाने पर लेना शुरू कर दिया है , लेकिन , एम आई एम और भाजपा के निशाने पर फीलबक्त हरेक जगह कांग्रेस मात्र ही नजर आ रही है।