मंगलवार को राजधानी पटना की राजनीतिक पटल से क्या गुल खिलने वाले हैं : नतीजा देखने को जनता की निगाहें मंगलवार और पटना पर टिकी

अप्रत्याशित रूप से नीतीश , जीतन और तेजस्वी ने अपनी अपनी पार्टी के सांसदों विधायकों विधान पार्षदों और प्रभावशाली नेताओं को मंगलवार को राजधानी पटना बुलाया, अलग अलग टाईम में ये तीनों अलग अलग जगहों पर करेंगे पटना में मीटिंग

मंगलवार को राजधानी पटना की राजनीतिक पटल से क्या गुल खिलने वाले हैं : नतीजा देखने को जनता की निगाहें मंगलवार और पटना पर टिकी

सीमांचल (अशोक/विशाल)

हर  हर  शंभू  शंभू  ,  शिवा  महादेवा  शंभू  शंभू  ,  नामक धमाल मचाती सोसल मीडिया की  भक्ति गीत और उसकी धून पर बोल बम के नारों की गूंज के बीच मुहर्रमी अखाड़ियो के बीच से गूंजते हसन-हुसैन के नारों से भाव विहवल सीमांचल में एक ओर  हिन्दू समाज में श्रावणी मास की आखरी सोमबारी की जुदाई  का दंश दिखा  तो दूसरी ओर  मुस्लिम भाइयों में भी अपने प्यारे ईमाम की शहादत के दिवस की विदाई झेलने की नौबत सामने खड़ी दिखी और तब यहां पर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि दोनों ही समुदाय के आस्था और गमी के त्यौहारों को सीमांचल में सौहार्दपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने में सीमांचल की पुलिस प्रशासन और  प्रशासन ने को कामयाबी हासिल किया , वह काबिले तारीफ है।

तुर्रा यह कि इसी बीच राजनीति में धमाल मचाने वाली एक अप्रत्याशित  घटना क्रम में बिहार की सत्तारूढ़ दल जदयू को एक ओर अपनी पार्टी के राष्ट्रीय नेता आर सी पी सिंह से हाथ धोना पड़ा तो दूसरी ओर उसी पल महंगाई बेरोजगारी के विरोध में महागठबंधन की राजद कांग्रेस बामपंथी दलों के द्वारा आयोजित राज्यव्यापी विशाल धरना प्रदर्शन का दंश सरकारों को  तगड़े रूप में झेलना पड़ा और उसके बाद की राजनीति की जो फिजां बिहार में अप्रत्याशित रूप में उभरती हुई दीख रही है उसके तहत बिहार के समस्त पक्ष विपक्ष के राजनीतिक कार्यकर्ताओं , नेताओं और जनता की एक मुश्त नजरें बिहार की राजनीति के अप्रत्याशित सिलसिले में बिहार की राजधानी पटना की ओर जा टिकी है कि आखिर इस विदा होते पतझड़ सावन की आखिरी बेला में मंगलवार के दिन पटना में क्या होने वाला है।

इस मंगलवार को आने वाली किसी गम्भीर राजनीतिक खबर की प्रत्याशा में जनता की निगाहें पटना की ओर जा टिकीं हैं।

मामला पटना में अप्रत्याशित रूप से मंगलवार को ही अलग अलग होने वाली जदयू , राजद और जीतन राम मांझी की पार्टी के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों एम पी , एम एल ए , एम एल सी की बैठक को लेकर उबाल खा रहा है क्योंकि बिहार की इन अहम राजनीतिक पार्टियों की अप्रत्याशित बैठक अप्रत्याशित रूप से मंगलवार को ही आहूत है।

इस क्रम में ही एक अप्रत्याशित खबर यह भी रही कि जदयू के सुप्रीमों सह बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपनी पार्टी के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की बैठक पटना में आयोजित करने की सूचना अपने दल के सभी निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को देने के क्रम में ही बीते रविवार को हॉट लाइन पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से भी बात की।

जिसकी खबर फैलते ही बिहार की राजनीति में अप्रत्याशित घटनाक्रम की सम्भावना बताई जाने लगी है और मंगलवार व मंगलवार के पटना की ओर बिहार भर की जनता के साथ साथ सीमांचल वासियों की निगाहें जा टिकी हैं।

स्मरणीय है कि रविवार को एक खबर आई कि बिहार की राजधानी पटना में आयोजित महागठबंधन दल की महंगाई बेरोजगारी विरोधी प्रतिरोध मार्च से बिहार में नई पहचान कायम करते हुए महागठबंधन नई ताकत के साथ उभरा है ।

तो उसी क्ष्ण खबर आई कि नीतीश कुमार ने जदयू के तमाम सांसदों , विधायकों , विधान पार्षदों को अचानक मीटिंग के लिए पटना में मंगलवार को बुलाया है।

इसके तुरत बाद ही खबर आयी कि जीतन राम मांझी ने भी अपनी पार्टी के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों को पटना में मीटिंग के लिए मंगलवार को ही बुलाया  है।

और इन सब के बाद अचानक तेजस्वी यादव ने भी राजद के तमाम सांसदों और विधायकों व विधान पार्षद को मंगलवार को ही मीटिंग के लिए पटना में बुलाया है।

 

लिहाजा , बिहार वासियों के साथ साथ सीमांचल वासियों के बीच इन अप्रत्याशित राजनीतिक बैठकों को लेकर कौतूहल पैदा हो गया है कि आखिर इस मंगलवार को राजधानी पटना की राजनीतिक पटल से क्या कुछ गुल खिलने वाले हैं।