डॉ दिलीप जायसवाल: मंत्री और पार्टी अध्यक्ष बनकर भी एमजीएम अस्पताल की निःशुल्क चिकित्सा सेवा जारी
डॉ दिलीप जायसवाल, जो सीमांचल के पूर्णिया, किशनगंज और अररिया के त्रिस्तरीय निकाय पंचायत क्षेत्रों से तीसरी बार निर्वाचित विधान पार्षद हैं, अपनी बहुपरकारी भूमिकाओं के बावजूद गरीबों की निःशुल्क चिकित्सा व्यवस्था में कोई कमी नहीं कर रहे हैं। उन्हें बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री और बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कुछ लोगों ने उनके अस्पताल के मानवता सेवा कार्यों के प्रभावित होने की आशंका जताई थी। हालांकि, डॉ जायसवाल ने इन चिंताओं को दूर करते हुए अपने अस्पताल, माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, की सेवाओं को नियमित बनाए रखा। वे अपनी व्यस्तता के बावजूद नर्सिंग स्टूडेंट्स की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं, मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान कर रहे हैं, और राजनीतिक विमर्श के साथ-साथ भूमि विवादों पर विभागीय अधिकारियों को निर्देश भी दे रहे हैं।

सीमांचल (विशाल/पिंटू/विकास)
- "एमजीएम अस्पताल में डॉ दिलीप जायसवाल की मानवता सेवा"
- "डॉ दिलीप जायसवाल: मंत्री और भाजपा अध्यक्ष की व्यस्तता में भी अस्पताल की देखरेख"
- "किशनगंज में डॉ दिलीप जायसवाल का निःशुल्क चिकित्सा सेवा में निरंतर योगदान"
सीमांचल के पूर्णिया किशनगंज और अररिया के त्रिस्तरीय निकाय पंचायत क्षेत्र से तीसरे टर्म में भी निर्वाचित विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल पूरे सीमांचल क्षेत्र में मानवता के सेवक के रूप में लंबे अरसे से ख्यात रहे हैं और अपने डायरेक्टरशिप वाले किशनगंज स्थित लोकप्रिय माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में गरीब गुरबों की निःशुल्क चिकित्सा व्यवस्था एवं मुफ्त दवा की सुविधा उपलब्ध कराने वाले गरीब परवर के रूप में भी वर्षों से संपूर्ण सीमांचल के क्षेत्रों में हर दिल अजीज नेता बने रहे हैं।
लेकिन , जब से इन्हें बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल हुआ और फिर उसके कुछ ही समय के बाद जब इन्हें बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर भी आसीन करा दिया गया तो बिहार की राजनीति के क्षेत्र में चर्चा शुरू हो गई कि इतने सारे उत्तरदायित्वों का पालन सुचारू या उचित रूप में इनसे हो पाना मुश्किल होगा। आशंका जताई जाने लगी कि उच्च रसूखों वाले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पद और कैबिनेट मंत्री के हौचपौच में इनकी अस्पताल वाली मानवता की सेवा वाले कार्य का बंटाधार हो जायेगा।
लेकिन , ऐसी तमाम आशंकाओं को धूलधूसरित करते हुए विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल ने पूर्व की भांति ही एक ओर जहां अपने अस्पताल के जरिए अपनी मानवता सेवा को लगातार बरकरार रखा वहीं दूसरी ओर उन्होंने मंत्री पद और पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष के पद के अनुसार अपने सारे क्रिया कलाप का संचालन भी पूर्व की भांति ही निष्ठा पूर्वक जारी रखा।
किशनगंज जिला मुख्यालय स्थित अपने निदेशन वाली माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल सह यूनिवर्सिटी के सारे कार्यों को सुचारू रूप से निष्पादित कराते हुए बिहार विधान पार्षद डॉ दिलीप जायसवाल को इस संवाददाता की टीम ने देखा कि अति व्यस्तता के बाबजूद वे किस प्रकार नर्सिंग स्टूडेंटों की परेशानियों का भी हल कर रहे हैं तो अस्पताल में चिकित्सार्थ भर्ती मरीजों को बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध करा रहे हैं और इन सबके अलावा इनके पास आने वाले समर्थकों से लेकर शुभेक्षुओ तक से मिलना जुलना भी कर रहे हैं।
जमीन जायदादों से संबंधित विवादों के जो भी मामले जनता के द्वारा उनके सामने आवेदित हो रहे हैं उन पर संबंधित विभागीय अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश भी दे रहे हैं। जबकि दूसरी ओर सीमांचल में स्थापित सभी राजनीतिक दलों के विधायकों के साथ भी क्षेत्रों की समस्याओं के निराकरण हेतु लगातार विमर्श कर रहे हैं और किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं कर रहे हैं।
डॉ दिलीप जायसवाल, जो सीमांचल के पूर्णिया, किशनगंज और अररिया के त्रिस्तरीय निकाय पंचायत क्षेत्रों से तीसरी बार निर्वाचित विधान पार्षद हैं, अपनी बहुपरकारी भूमिकाओं के बावजूद गरीबों की निःशुल्क चिकित्सा व्यवस्था में कोई कमी नहीं कर रहे हैं। #BJPPresident @DrDilipJaiswal4 pic.twitter.com/w8HzRtdDrl
— Faisal Sultan (@faisalsultan) August 9, 2024
वृहस्पतिवार को किशनगंज स्थित अपने एमजीएम मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल परिसर में उन्होंने वहां पर आयोजित एनडीए की बैठक के दौरान ही पहुंचे पूर्णिया के रूपौली विधानसभा क्षेत्र से हाल ही में निर्वाचित निर्दलीय विधायक शंकर सिंह का सबों के सामने ही जोरदार स्वागत और अभिनंदन किया और उपस्थित जनप्रतिनिधियों को जनता के साथ नेता के जमीनी संपर्क की महत्ता बताया।
उन्होंने रूपौली विधायक शंकर सिंह की जीत को ऐतिहासिक विजय की संज्ञा से नवाजते हुए कहा कि इनकी पराजय हेतु बिहार सरकार के हम जैसे असंख्य मंत्रीगण पूरी जोर आजमाइश किए थे लेकिन अपनी जनता पर जमीनी पकड़ रखने के कारण शंकर सिंह की जीत सुनिश्चित हो गई। उन्होंने समस्त जनप्रतिनिधियों को सलाह दी कि वे अपनी अपनी जनता से जमीनी संपर्क कायम रखें।