मुख्यमंत्री नीतीश पर निशाना, प्रगति यात्रा में चुनावी घोषणाओं पर सांसद जावेद के सवाल
किशनगंज और अररिया जिलों की प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कांग्रेस सांसद डॉ. जावेद और एआईएमआईएम विधायक अख्तरूल ईमान ने तीखे आरोप लगाए। उन्होंने इसे आगामी चुनावी रणनीति करार दिया। डॉ. जावेद ने सीमांचल विकास आयोग की स्थापना, सुरजापुरी मुस्लिम समुदाय को ओबीसी दर्जा दिलाने, और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की किशनगंज शाखा के विकास में सीएम की उदासीनता पर सवाल उठाए। विधायक अख्तरूल ईमान ने नीतीश कुमार पर सीमांचल की बहुप्रतीक्षित मांगों को अनदेखा करने और भाजपा के दबाव में रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि घोषणाओं के बावजूद जनता में सीएम और उनकी पार्टी के प्रति आक्रोश बरकरार है। नेताओं का दावा है कि जब तक सीमांचल की मांगें पूरी नहीं होतीं, जनता जदयू को समर्थन नहीं देगी।

सीमांचल (अशोक / विशाल)
प्रगति संवाद यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सीमांचल के किशनगंज और अररिया जिले का दौरा किए और बहुप्रतीक्षित चिरलंबित मांगों को पूर्व की भांति ही नजरंदाज करते हुए वापिस चलते बनें।
किशनगंज के कांग्रेस सांसद डॉ जावेद आजाद के अनुसार , बिहार में विगत 18 वर्षों से सत्ता के नेतृत्व का दायित्व संभाल रहे नीतीश कुमार ऐतिहासिक रूप में 9 बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करके देश की राजनीति को झंकझोड़ते रहे।असंख्य बार सीमांचल का दौरा किए लेकिन किशनगंज जिले में ठाकुरगंज और बहादुरगंज को अनुमंडल बनाने की जनता की मांग को नजरंदाज करते रह गए।
कांग्रेस सांसद डॉ जावेद आजाद के अनुसार , बिहार सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने सड़क पुल पुलियों का जाल किशनगंज जिले में बिछा दिया तो धन्यवाद का पात्र बन गए , लेकिन , किशनगंज जिले में स्थापित अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (ए एम यू) की शाखा को विकसित करने में उत्पन्न की गई अड़चनों को दूर करने में कोई दिलचस्पी नहीं लिए।जिससे किशनगंज संसदीय क्षेत्र की जनता उनके प्रति उदासीन बनी हुई है।
सांसद डॉ जावेद के अनुसार , किशनगंज संसदीय क्षेत्र की बहुसंख्यक आबादी सुरजापुरी मुस्लिम बिरादरी को केन्द्र सरकार द्वारा ओ बी सी का दर्जा दिलवाने के लिए भी मुख्यमंत्री द्वारा अनुशंसा भेजने में दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है।
सीमांचल के किशनगंज अररिया जिलों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा पर उंगलियां उठाते हुए किशनगंज संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले पूर्णिया जिले के अमौर विधान सभा क्षेत्र के ए आई एम आई एम के विधायक सह बिहार प्रदेश एमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान ने कहा कि एक बार फिर से बिहार सरकार के मुख्यमंत्री ने सीमांचल वासियों को चकमा देने का प्रयास कर दिखाया है और सीमांचल वासियों के लिए सीमांचल विकास आयोग का गठन करने के नाम पर चुप्पी साध ली है।
एमआईएम विधायक अख्तरूल ईमान ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की किशनगंज शाखा के विकास मद की राशि को केंद्रीय सरकार से दिलवाने के मामले में मुख्यमंत्री वर्षों से अपनी चुप्पी बरकरार रखे हुए हैं और इस मामले में केन्द्र की बीजेपी सरकार के समक्ष अपना मुंह खोलने से कतराते आ रहे हैं।
एमआईएम विधायक अख्तरूल ईमान ने कहा कि किशनगंज जिले की जनता इस बार भी मुख्यमंत्री की चुप्पियों का गवाह बन गई है कि इस क्षेत्र के दौरे पर आए मुख्यमंत्री भले ही किशनगंज से अररिया तक में करोड़ों की विकास योजनाओं की घोषणा कर गए।लेकिन सुरजापुरी मुस्लिम बिरादरी को ओ बी सी दर्जे में शामिल कराने की दिशा में प्रयास करने का कोई संकेत तक नहीं दिये।
लिहाजा , सीमांचल के उपरोक्त दोनों जिले में मुख्यमंत्री की तमाम घोषणाओं के बाबजूद मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री की पार्टी के प्रति कोई जनाकर्षण जनता में पैदा नहीं हो पाया और यह तब तक संभव नहीं है , जब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गलबहियां एनडीए बीजेपी गठबंधन के साथ बरकरार है।
एमआईएम विधायक अख्तरूल ईमान ने कहा कि किशनगंज जिला वासियों के मन मस्तिष्क में सीमांचल विकास आयोग की स्थापना की मांग घर की हुई है। और लावारिश हालत में पड़े अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की किशनगंज शाखा को विकसित करने की मांग कौंध रही है।
विधायक अख्तरूल ईमान के अनुसार , जग जाहिर हो गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किशनगंज और अररिया जिलों में की गई विकास योजनाओं की सारी घोषणाएं अगले बिहार विधान सभा के चुनाव में अपनी पार्टी जदयू की खोयी हुई पुरानी सीटों की वापसी की जुगत में की गई है।लेकिन , जनता उन्हें तब तक गले लगाने को तैयार नहीं होगी जब तक इस क्षेत्र के लिए बिहार की नीतीश सरकार सीमांचल विकास आयोग का गठन नहीं करेगी।
कांग्रेस सांसद डॉ जावेद आजाद और एमआईएम विधायक अख्तरूल ईमान के अनुसार , किशनगंज वासियों में सीमांचल विकास आयोग की स्थापना की मांग सहित ए एम यू की किशनगंज शाखा को विकसित करने की मांग का जो जज्बा पैदा है , उसकी पूर्ति हुए विना नीतीश कुमार की वापसी को अपने यहां स्वीकारने को किशनगंज वासी बिल्कुल तैयार नहीं हैं। दूसरी ओर से इस क्षेत्र की बहुसंख्यक सूर्जापुरी मुस्लिम बिरादरी को ओ बी सी के दर्जे में शामिल कराने के लिए बिहार सरकार पर केन्द्र सरकार को अनुशंसा भेजने का दबाब अलग है।
किशनगंज के कांग्रेस सांसद डॉ जावेद आजाद के अनुसार , मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 18 वर्षीय अनवरत शासनकाल में खुद उन्होंने बिहार सरकार से केन्द्र सरकार के पास अनुशंसा भेजने की मांग करते हुए लगातार गिड़गिड़ाया , पत्र व्यवहार किया। लेकिन , सारी फरियादें नक्कारखाने में तूती की आवाजें साबित हुईं। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि बीते 21 और 22 जनवरी की प्रगति यात्रा के दौरान किशनगंज और अररिया पधारे मुख्यमंत्री की पार्टी जदयू के लोकल नेताओं ने जनता की मांगों से संबंधित मामलों पर मुख्यमंत्री के संज्ञान के लिए जनता से आवेदनों का संकलन किया।
जबकि किशनगंज जिले की जनता में चर्चा है कि जिनके 18 वर्षीय शासनकाल में सुरजापुरी मुस्लिम बिरादरी को ओ बी सी में शामिल कराने की एक अनुशंसा तक मयस्सर नहीं हुई उनकी पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं द्वारा जनता से मांगों से संबंधित आवेदनों के संकलन का क्या फायदा होगा। उन्होंने दावा किया कि आने वाले अगले बिहार विधान सभा आम चुनाव में भी सारा खामियाजा सिर्फ जदयू को ही भुगतना पड़ेगा।