राज्य चुनाव आयोग से जारी हालिया चिट्ठी से नगर निकाय चुनाव में कूदने वाले भावी प्रत्याशियों से ज्यादा सोशल मीडिया हलकान

लाखों रुपए का बारा न्यारा कर चुनावी तैयारियां जारी रखने वाले भावी प्रत्याशियों ने विकल्प का भी जुगाड़ मजाक उड़ाते तत्वों के सिर झुके

राज्य चुनाव आयोग से जारी हालिया चिट्ठी से नगर निकाय चुनाव में कूदने वाले भावी प्रत्याशियों से ज्यादा सोशल मीडिया हलकान

सीमांचल (विशाल/पिंटू/विकास)

नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना से राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए सीटों के आरक्षण से संबंधित 34 पृष्ठिय चिट्ठी के बायरल होते ही सीमांचल पूर्णिया प्रमंडल के मुख्यालय पूर्णिया में भावी नगर निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है और दूसरी ओर राजनीतिक स्पर्धा में कुछ तत्वों के द्वारा पूर्णिया नगर निगम के मेयर पद को किसी भी वर्ग के नाम पर आरक्षित कराने की साजिशें जोर शोर से प्रारम्भ कर दी गई है।

राज्य निर्वाचन आयोग से मिली  खबर के आलोक में हर वह शख्सियत उधेड़बुन में जा फंसा है जिनके द्वारा चुनाव की जमीन को सिंचित करने में हजारों लाखों रुपए का बारान्यारा कर दिये जाने के बाद अब उन्हें पता चल रहा है कि उनके द्वारा सिंचित चुनावी भूमि से वह चुनाव लडने के काबिल नहीं रह पाये।

वार्ड आयुक्त पदों से इस बार के नगर निकाय चुनाव में भाग्य आजमाने के लिए विगत सात महीने से जो दीवानगी भावी प्रत्याशियों के रूप में नगर निकाय के भावी कर्णधारों ने दिल खोलकर दिखाया और अपना बहुत कुछ गंवाया है , अब उनके पैरों तले की जमीन आरक्षण की बाबत सरसराकर खिसक गई है और उन्हें विकल्प के रूप में अब कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है।

नगर निगम के मेयर पद के संदर्भ में उक्त चिठ्ठी से किसी आरक्षण के संदर्भ में खुलासा नहीं हो पाया  है तो मेयर पद के भावी प्रत्याशी के रूप में जी जान लगाते जा रहे हस्तियों ने अपने अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी तैयारियों के लिए जारी सिलसिले को बरकरार रखते हुए अभियान को बदस्तूर तेज कर दिया है ।

जबकि दूसरी ओर से उदासीन हुए वार्ड आयुक्त के भावी प्रत्याशी गण अब अपनी अपनी पसंद के भावी मेयर प्रत्याशी की मदद में उतरने का मन बनाने में लग गए हैं।

सबसे बड़ी बात तो यह अब देखने सुनने को मिल रही है कि अगर पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र को महिला के लिए आरक्षित करने की सूचना प्रकाश में आएगी तो उसके बाबजूद भी पिछले सात महीने से चुनाव मैदान में कूदने की तैयारी में लगे हस्ती गण उदासीन नहीं होंगे और अपने नेतृत्व में अपनी पारिवारिक महिला सदस्यों को चुनाव लड़ाकर विजयश्री का माला पहनने की तिकड़म भिड़ाने से बाज नहीं आएंगे।

चुनाव लड़ने के ऐसे हौंसले की खबर से पूर्णिया नगर निगम क्षेत्र में चुनावी राजनीति और चुनावी रणनीति बिल्कुल सरगर्म हो गई है।

हरेक खेमों की सक्रियता भी बढ़ने लगी है और राज्य चुनाव आयोग के द्वारा अभी अभी जारी की गई चिट्ठी के आलोक में नये सिरे से तैयारियां भी शुरू कर दी गई है।

लेकिन , हलकान दिखती सोसल मीडिया की इस बाबत सांसें फूलती नजर आ रही है।

ऐसा इसलिए कि ऐसे तमाम मीडिया तंत्रों ने अपनी अपनी पसंद के भावी प्रत्याशियों के प्लेटफार्मों पर अपना अपना बसेरा कायम कर लिया है , जिसके तहत इसी बहाने एक भावी प्रत्याशी को दूसरे भावी प्रत्याशी से लंघी मरवाने की रणनीतियां अपनाकर चुनावभर के लिए सब कुछ का जुगाड़ कर लेना है।