पूर्णिया पुलिस परिवार परामर्श केंद्र के सदस्यों ने फिर सुलझाया उजड़ा घर परिवार

पूर्णिया पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में पारिवारिक विवादों की सुनवाई शुक्रवार 7 जनवरी को गम्भीरता पूर्वक निपटाते हुए 30 मामलों की सुनवाई की गई , जिसमें से 12 मामलों को निष्पादित किया गया ।

पूर्णिया पुलिस परिवार परामर्श केंद्र के सदस्यों ने फिर सुलझाया उजड़ा घर परिवार

केन्द्र के सदस्य दिलीप कुमार दीपक ने बताया कि शुक्रवार को 10 मामले निष्पादित किये गए

सीमांचल/पूर्णिया(पिन्टू/विकास)

पूर्णिया पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में पारिवारिक विवादों की सुनवाई शुक्रवार 7 जनवरी को गम्भीरता पूर्वक निपटाते हुए 30  मामलों की सुनवाई की गई , जिसमें से 12 मामलों को निष्पादित किया गया ।

केन्द्र के वरिष्ठ सदस्य दिलीप कुमार दीपक के अनुसार , 10 मामले में  पति पत्नी को समझा-बुझाकर उनका घर बसा दिया गया और 2 मामलों में ज़िद पर अडे रहने के कारण पति पत्नी को थाना अथवा न्यायालय जाने की सलाह दी गई।
उन्होंने बताया कि एक मामला बायसी थाना क्षेत्र के एक बहू एवं एक बेटी का आया गोलटा पलटा शादी का था।  शादी  कटिहार जिले के बलरामपुर थाने के युवक के साथ हुई थी  इसमें एक साला की शिकायत थी कि उसकी बहन को उसका जीजा और उसके घर वाले काफी प्रताड़ित करते हैं वही उसकी  बहन को मैं इज्जत के साथ रखता हूं इतना कहना था साले की पत्नी द्वारा कहां गया किया गलत कहता है यह भी मेरे साथ मारपीट करता है ।
समझाने बुझाने पर बात बन गई इस शर्त पर मेल मिलाप हुआ कि पहले जीजा मेरे यहां अभी और मेरी बहन को इज्जत के साथ ले जाए तभी मैं उसकी बहन को ससुराल जाकर इज्जत के साथ ले आऊंगा दोनों पक्षों एवं दोनों पक्षों के माता पिता ने इस समझौता पत्र पर अपना अपना हस्ताक्षर बना दिया।

एक मामला मरंगा थाना क्षेत्र के बहादुरपुर बस्ती का  आया जिसमें वादी द्वारा यह शिकायत की गई कि कटिहार जिला के काली स्थान की रहने वाली उसकी बीवी से उसकी शादी 2 वर्ष पहले हुई थी वह जिस समय गर्भवती हुई थी उसी समय उसके माता-पिता आए और जबरदस्ती उसे लेकर चले गए ।

प्रतिवादी आरोप का खंडन करती है और कहती है कि उसे अपेंडिस नामक बीमारी हो गई थी पति ने छोड़ दिया तो मेरे मां-बाप ने इलाज कराया जिस इलाज में दो लाख रुपैया खर्चा हुआ , लेकिन एक पैसा भी पति के द्वारा नहीं दिया गया पत्नी द्वारा यह भी कहा गया कि गंभीर से गंभीर रोगों का इलाज पूर्णिया में होता है किंतु पति अपनी जिद पर अड़े रहे कि वह अपने जिले में ही इलाज कराएंगे इसके पीछे उनकी मंशा ठीक नहीं थी वह 2लाख या जो मैंने इलाज पर खर्च हुआ वह दे दे तभी मैं जाऊंगी अन्यथा नहीं जाऊंगी।केंद्र के द्वारा काफी समझाने का प्रयास केंद्र के सदस्यों द्वारा किया गया किंतु वे  तैयार नहीं थे जिस कारण से दो दिल टूट गया ।

मामला को सुलझाने में पुलिस परिवार परामर्श केंद्र संयोजिका  महिला थाना अध्यक्ष किरण बाला दिलीप कुमार दीपक स्वाति  वैश्य यंत्री  जीनत रहमान रविंद्र शाह प्रमोद जायसवाल एवं नारायण कुमार गुप्ता ने अहम भूमिका निभाई।