बच्चे ऑनलाइन शिक्षा कैसे प्राप्त कर पाएंगे?

आज शिक्षा का अस्तित्व एकदम खत्म होने के कगार पर है!

बच्चे ऑनलाइन शिक्षा कैसे प्राप्त कर पाएंगे?

बच्चे ऑनलाइन शिक्षा कैसे प्राप्त कर पाएंगे?

आज शिक्षा का अस्तित्व एकदम खत्म होने के
 कगार पर है! इंस्टिट्यूट, होम ट्यूशन, प्राइवेट स्कूल इनके बंद होने की वजह से बच्चों के साथ प्राइवेट कोचिंग चलाने वाले टीचर भी परेशान है! उनके साथ बहुत सारा प्रॉब्लम क्रिएट हो रहा है! पिछले 3 साल से महामारी की वजह से पूरे देश में शिक्षा पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है! बच्चे भी अब स्कूल से नाता तोड़ चुके हैं! इस महामारी से पूरे देश में बेरोजगारी पांव पसार चुकी है, कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने वाले हजारों शिक्षक आज आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं!
शिक्षा का तंत्र करोना की। तीसरी मार से पस्त है!
जिस तरह से करोना की तीसरी लहर ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया है इसमें हम लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। चाहे वह शिक्षा का मामला हो या चुनाव का। सभी चीजों पर एक जैसा कानून लागू करें। मेरे नजरिए से जिस तरह से शिक्षा पर पाबंदी लगाई गई है ठीक उसी तरह से चुनाव पर भी पाबंदी लगनी चाहिए । चुनाव हो या शिक्षा करोना हर जगह है ।जहाँ तक सवाल है सावधानी बरत कर चुनाव होने की तो शिक्षा भी सावधानी के साथ ग्रहण किया जा सकता है।ऑनलाइन शिक्षा से सभी बच्चे नही पढ़ पाते है क्यो की सभी के पास स्मार्ट फोन नही होता।किसी के पास होता भी है तो रीचार्ज इतना महंगा होने की वजह से रिचार्ज नही करा पाते।अब सवाल यह है की जो घर बहुत मुश्किल से चला पाते वह अपने बच्चो को ऑनलाइन शिक्षा कहा से दे पाएंगे?
ऑनलाइन शिक्षा भी उन मुट्ठी भर बच्चों तक ऐसे राज्यों में ही पहुंच पा रही है जहां बच्चों के पास स्मार्ट मोबाइल फोन के साथ इंटरनेट का ब्रॉडबैंड नेटवर्क मौजूद है। भारत के ज्यादातर गांवों में तो बॉडबैंड है ही नहीं, अनेक गांवों में बिजली भी हरेक घर को नसीब नहीं है।
ऐसे में बच्चे ऑनलाइन शिक्षा कैसे प्राप्त कर पाएंगे? जाहिर है कि वे बच्चे सिर्फ स्कूल में ही शिक्षा पा सकते हैं। यूजीसी के अनुसार भारत में 950 विश्वविद्यालय हैं जिनमें निजी विश्वविद्यालयों की संख्या 361 है।
आज बच्चे शिक्षा से दूर होते जा रहे है,इस से अभिभावकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नुजहत जहाँ
Nujhatjahan79@gmail.com