महावीर कैंसर संस्थान में डॉक्टरों ने क्रिटिकल सर्जरी कर मरीज को दिया नया जीवन

पटना के महावीर कैंसर संस्थान में डॉक्टरों ने एक क्रिटिकल सर्जरी को सफलतापूर्वक करके मरीज को नया जीवन दिया है।

महावीर कैंसर संस्थान में डॉक्टरों ने  क्रिटिकल सर्जरी कर  मरीज को दिया नया जीवन

महावीर कैंसर संस्थान में डॉक्टरों ने   क्रिटिकल सर्जरी कर मरीज को दिया नया जीवन

परवेज़ आलम ( फुलवारी शरीफ )

पटना के महावीर कैंसर संस्थान में डॉक्टरों ने एक क्रिटिकल सर्जरी को सफलतापूर्वक करके मरीज को नया जीवन दिया है। कोरोना महामारी के बीच कैंसर ग्रस्त बच्चे के हड्डी के कैंसर का नई अत्याधुनिक तकनीक से महावीर कैंसर संस्थान सफलतापूर्वक इलाज करने वाला बिहार का पहला संस्थान हो गया है। हड्डी में 80 प्रतिशत तक कैंसर फैल चुका था। संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एलबी सिंह ने कहा कि बिहार में इस तरह की पहली सर्जरी हुई है। प्रख्यात सर्जन डॉ. विवेक वर्मा की टीम ने संस्थान में बच्चे की हड्डी की सफल सर्जरी करके इतिहास रचा है। डॉ. विवेक वर्मा दिल्ली के प्रसिद्ध हड्डी के कैंसर सर्जन हैं। वे महीने में दो बार संस्थान आते हैं। इस बीच में हड्डी के कैंसर मरीजों की जरूरी जांच कर मरीजों को डॉ. वर्मा से आपरेशन के लिए तैयार रखा जाता है। उन्होंने बताया कि कटिहार जिला के ग्राम मिरजादपुर निवासी मो. शदीक के 9 वर्ष के पुत्र को जांघ के हड्डी में कैंसर हो गया था, जिसे आस्टियोसारकोमा आफ थाई बोन कहते हैं। हड्डी में 80 प्रतिशत तक कैंसर फैल चुका था। इस परिस्थिति में पैर को काटना पड़ता है एवं कृत्रिम पैर लगाना पड़ता है, जो कि काफी महंगा इलाज है एवं लोग पैर कटवाने से हिचकते हैं। चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि इस मरीज को पहले डॉ. मनीषा सिंह, निदेशक (मेडिकल) एवं विभागाध्यक्ष, मेडिकल आॅन्कोलॉजी के कुशल नेतृत्व में कीमोथेरेपी दिया गया, फिर उसके बाद कैंसर का सर्जरी किया गया। हड्डी के विख्यात कैंसर सर्जन डॉ. विवेक वर्मा के नेतृत्व में नये तकनीक से हड्डी के कैंसर वाले भाग को काटकर शरीर से निकाल लिया गया। उसके बाद उस हिस्से को रेडियेशन के लिए रेडियोथिरैपी विभाग में भेजा गया। डॉ. विनीता त्रिवेदी, विभागाध्यक्ष, रेडियोथेरेपी के नेतृत्व में विभाग के चिकित्सकों ने बहुत अधिक रेडियेशन का डोज देकर (50 जी. वाई) कैंसर वाले हिस्से को जला दिया गया। उसके बाद कैंसर मुक्त हड्डी को पुन: शरीर में लगा दिया गया। इस आॅपरेशन में पांच घंटा से अधिक का समय लगा। मरीज एकदम ठीक है एवं निश्चेतना से बाहर आ गया है।   देश के कुछ ही अस्पताल में इस तरह के तकनीक उपलब्ध हैं। इस सर्जरी में सघन योजना बनानी पड़ती है एवं यह विधि उसी हड्डी में संभव है, जहां हड्डी के दोनों हिस्से में कैंसर नहीं है एवं अति आधुनिक कैंसर के सर्जनउपलब्ध हों, साथ-साथ रेडियोथेरेपी के लिए आधुनिक मशीनें उपलब्ध हो तथा कुशल चिकित्सकों की टीम उपलब्ध हो। इस सफल सर्जरी के लिए आचार्य किशोर कुणाल, डॉ. विश्वजीत सन्याल, डॉ. मनीषा सिंह एवं अस्पताल के और भी वरीय चिकित्सकों ने कैंसर हड्डी सर्जन एवं रेडियोथेरेपी की टीम को धन्यवाद दिया है।