राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह बने बिहार कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष

बिहार कांग्रेस के नये नेतृत्वकर्ता से लोकसभा में बिहार कांग्रेस की प्रतिष्ठा बचाने वाले सीमांचल में नये उत्साह का होगा संचार, बिहार के कांग्रेस महकमें में जगी उम्मीद

राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह बने बिहार कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष

सीमांचल (अशोक कुमार)

बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश कमिटी में प्रदेश अध्यक्ष पद पर आसीन मदन मोहन झा का बदलाव कर नये प्रदेश अध्यक्ष के रूप में राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह की नियुक्ति की खबर ज्यों ही जंगल में लगी आग की तरह कांग्रेस प्रभावी क्षेत्र सीमांचल के क्षेत्रों में फैली , सम्पूर्ण सीमांचल पूर्णिया प्रमंडल के जिले पूर्णिया किशनगंज कटिहार और अररिया के कांग्रेस महकमें में उम्मीद की जाने लगी है कि इसी बदलाव के फलस्वरूप सम्भवतः सीमांचल के कुछ  जिलों के भी पुराने मृत प्रायः कांग्रेस नेतृत्व में भी बदलाव करके कांग्रेस को सीमांचल में ऊर्जावान बनाया जायेगा।

अखिलेश प्रसाद सिंह मूलरूप से बिहार के अरवल जिले के निवासी हैं। वे बिहार में लालू सरकार में और केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे हैं। अखिलेश सिंह लालू यादव के एक समय काफी करीबी रहे हैं। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में कई दलों को जोड़ने में अखिलेश सिंह की बड़ी भूमिका रही थी। कांग्रेस पार्टी ने बिहार से वर्ष 2018 में अखिलेश सिंह को राज्यसभा भेजा था।

उम्मीद की यह बयार फिलवक्त सबसे ज्यादा उन जिलों में बहती नजर आने लगी है। जहां के पार्टी नेतृत्वकर्ता की लापरवाही से कांग्रेस पार्टी का संगठन से लेकर कांग्रेस पार्टी का कार्यालय तक लंबे समय से जर्जर्ता की ओर अग्रसर है।

बहरहाल , बिहार भर के साथ साथ सीमांचल में भी जारी नगर निकाय चुनाव की गहमा गहमी के बीच ही बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के चेहरे में पार्टी के केंद्रीय आलाकमान के निर्देश पर पार्टी की राष्ट्रीय कमिटी के जेनरल सेक्रेट्री के. सी. वेणुगोपाल की दस्तखत से किए गए बदलाव की चिट्ठी को सीमांचल क्षेत्र में जिस तरह से अंधाधुंध बायरल किया जा रहा है , उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीमांचल का कांग्रेस महकमा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद की कुर्सी से मदनमोहन झा की बेदखली से जरा भी निराश नहीं  है और सम्भवतः उनके हटाए जाने की खबर को सुनने के लिए आंखें बिछाए बैठे थे।

बहुत हद तक इसकी वजह भी शायद यही रही होगी कि उम्मीद बंधी थी कि जब प्रदेश अध्यक्ष बदलेगा तो सीमांचल के क्षेत्रों में भी बदलाव का रास्ता प्रशस्त होगा ।

अब सीमांचल के कांग्रेस महकमें का वह उम्मीद सार्थक हो पाता है कि नहीं , यह नवमनोनीत बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह की आगामी राजनीतिक कार्यशैली पर निर्भर करता है।

वैसे , यहां बता दें कि सीमांचल का कांग्रेस महकमा प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व में किए गए बदलाव से जितना खुश है , उतना ही आशान्वित भी है कि बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के नये प्रदेश अध्यक्ष सांसद अखिलेश सिंह सबसे पहले सीमांचल क्षेत्र में ही धारदार उत्साह का संचार कांग्रेस जनों में करने का प्रयास करेंगे , क्योंकि , सर्वविदित है कि बिहार भर में एकमात्र क्षेत्र यह सीमांचल क्षेत्र ही है , जहां के किशनगंज संसदीय क्षेत्र ने पूरे बिहार की कांग्रेस की लाज को बचाते हुए बिहार भर का इकलौता कांग्रेस सांसद निर्वाचित करके लोकसभा के सदन में बिहार कांग्रेस की प्रतिष्ठा को बचाया है और उसके अलावा सीमांचल के प्रत्येक जिले से कांग्रेस विधायक का प्रतिनिधित्व बिहार विधानसभा के सदन में भी कराया है।